Hair Care | Naye baal kaise ugaye: लंबे, घने, काले, मजबूत और रेशमी बाल महिलाओं की सुंदरता की पहचान हैं. जरूरी देखभाल के बावजूद कई बार बालों का गिरना या झड़ना शुरू हो जाता है. इसको लेकर महिलाएं खास तौर से परेशान हो जाती हैं. हालांकि, ज्यादातर बार परेशान होने और चिंता करने की कोई जरूरत नहीं होती. बस जानकारी और जागरूकता की कमी के चलते समस्या बड़ी लगने लगती है. हेयर प्रॉब्लम्स और उसके ट्रीटमेंट की एक्सपर्ट डॉ आरिका कहती हैं कि ढेर सारे ऐसे फैक्टर्स हैं जिनके चलते होने वाला हेयर फॉल रिवर्सेबल यानी दोबारा ठीक हो जाता है. आइए, मेडिकल साइंस के इन फैक्ट्स के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करते है.
बालों की हर समस्या का यहां है जवाब (The answer to every hair problem is here)
एमटीपी को हेयर फॉल की बड़ी वजह मानने की सच्चाई
एमटीपी (मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी) को हेयर फॉल की बड़ी वजह माने जाने को लेकर डॉ आरिका का कहना है कि चूंकि यह एक सर्जिकल प्रोसीजर है और इससे बॉडी पर स्ट्रेस और प्रेशर पड़ता है. इसलिए हेयर फॉल होता है. ऐसा होने पर घबराने की कोई जरूरत नहीं है. क्योंकि ये हेयर फॉल टेंपररी और पूरी तरह रिवर्सेबल है. इससे गंजापन बिल्कुल नहीं होता. इससे होने वाले हेयर लॉस सही देखभाल के जरिए तय समय के बाद रिकवर हो जाते हैं. इसलिए इस कंडीशन को टेलोजन एफ्लुवियम कहते हैं.
घबराए नहीं, टेलोजन एफ्लुवियम का आसान इलाज संभव
डॉ. आरिका ने बताया कि मेडिकल साइंस में स्ट्रेस और फिजिकल प्रेशर से होने वाले हेयर लॉस का आसान इलाज संभव है. टेम्पररी हेयर लॉस में केयर करने से बाल दोबारा आ जाते हैं. हेयर फॉल की इस टेंपररी फेनोमिना को टेलोजन एफ्लुवियम कहते हैं. इस मेडिकल कंडीशन में गिरने वाले बाल जीरो स्ट्रेस, बैलेंस्ड डाइट और नींद का पैटर्न मेंटेन करने के साथ हॉर्मोन लेवल, माइक्रोन्यूट्रिएंट्स प्रोफाइल और विटामिन सी के रिकॉर्ड को ठीक रखने से हेयर फॉल की दिक्कत बिल्कुल दूर की जा सकती है.
एमटीपी के बाद ओवरऑल हेल्थ ठीक रखें तो वापस आ जाएंगे बाल
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एमटीपी के बाद अपनी ओवरऑल हेल्थ ठीक रखने के लिए अतिरिक्त देखभाल करने से बालों की सेहत भी ठीक हो जाती है. आम तौर पर उसके लिए अलग से कुछ और करने की जरूरत नहीं होती. डॉ. आरिका कहती हैं कि महिलाओं के बालों की सेहत का लगभग यही प्रोसेस उनकी प्रेगनेंसी के दौरान और डिलीवरी के बाद भी होता है. इसके अलावा किसी और वजह से भी हॉस्पिटल में भर्ती होने या सर्जरी करवाने के बाद ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ता है.
कोविड-19 के समय लोगों को क्यों झेलना पड़ा था हेयर लॉस
कोविड-19 पैनडेमिक के समय भी दुनिया भर में तमाम मरीजों और खासकर महिलाओं को हेयर लॉस का सामना करना पड़ा था. उसमें भी इस टेलोजन एफल्यूवियम का ही रोल था. क्योंकि कोविड-19 भी बॉडी पर एक बड़ा स्ट्रेस ही था. मरीजों को कोरोना वायरस के संक्रमण से रिकवरी के तीन से छह महीने के बाद बाल गिरने की दिक्कत का सामना करना पड़ा था. हालांकि, सेहत के और बेहतर होने के साथ ही धीरे-धीरे बालों की समस्या भी दूर होती गई. हालांकि, कुछ लोगों को इसके लिए डॉक्टर की सलाह भी लेनी पड़ी थी.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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