विज्ञापन
This Article is From Mar 15, 2023

एक महीने में बढ़ गए Influenza के डेढ़ गुना मरीज, एलएनजेपी में 20 बेड का Isolation Ward तैयार, जानें डॉक्टरों ने क्या कहा...

Influenza Cases: इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के कंसल्टेंट, रेस्पिरेटरी, क्रिटिकल केयर और स्लीप मेडिसिन कंसल्टेंट डॉ विनी कांट्रो ने उछाल के पीछे संभावित कारणों के बारे में बताते हुए कहा कि मौसमी बदलाव, वायरस का म्यूटेशन इसकी वजह हो सकती है.

एक महीने में बढ़ गए Influenza के डेढ़ गुना मरीज, एलएनजेपी में 20 बेड का Isolation Ward तैयार, जानें डॉक्टरों ने क्या कहा...
"मरीजों की संख्या में करीब 150 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है."

Influenza: दिल्ली के अस्पतालों में एच3एन2 वायरस के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है, जो बुखार, सर्दी और शरीर में दर्द जैसे लक्षणों को ट्रिगर करता है, लेकिन कुछ मामलों में लगातार खांसी पीछा नहीं छोड़ रही है, जिससे मरीज बेहद कमजोर हो जाते हैं. डॉक्टरों ने कहा कि ओपीडी में इस तरह की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों की संख्या में करीब 150 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के कंसल्टेंट, रेस्पिरेटरी, क्रिटिकल केयर और स्लीप मेडिसिन कंसल्टेंट डॉ विनी कांट्रो ने उछाल के पीछे संभावित कारणों के बारे में बताते हुए कहा कि मौसमी बदलाव, वायरस के म्यूटेशन के कारण इसका प्रकोप शुरू हो सकता है.

सोने से पहले क्या करना चाहिए? ये सीख लिया तो अपने आप काबू में आ जाएगा शुगर लेवल

कोविड के बाद इन्फ्लूएंजा का प्रकोप:

"बच्चे स्कूल जा रहे हैं और वे इस संक्रमण को बुजुर्गों तक पहुंचा रहे हैं. बहुत सारी क्रॉस-कंट्री यात्राएं हो रही हैं. पिछले दो सालों में कोविड का प्रकोप था और कई सारी रिस्ट्रिक्शन थी लेकिन छूट और स्थिति सामान्य होने के साथ, ये प्रकोप देखे जा रहे हैं," उसने कहा.

एलएनजेपी अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड तैयार:

दिल्ली सरकार के एलएनजेपी अस्पताल ने ऐसे मरीजों के लिए इमरजेंसी ब्लॉक में 20 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया है.

इन 7 फूड्स को हार्ट के लिए माना जाता है अच्छा, रोजाना खाने से कंट्रोल में रहता है ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल

आईसीएमआर की गाइडलाइंस के मुताबिक हमने ऐसा किया है और दवाओं का स्टॉक भी कर लिया है. एक सीनियर डॉक्टर ने कहा कि मरीजों की निगरानी के लिए 15 डॉक्टरों की एक टीम गठित की गई है. सीके बिड़ला अस्पताल, गुरुग्राम और दिल्ली में इंटरनल मेडिसिन के सीनियर सलाहकार डॉ राजीव गुप्ता ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में आईएलआई (इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी) के मामलों में वृद्धि देखी गई है.

मामलों में डेड गुना बढ़ोत्तरी:

"उदाहरण के लिए, अगर हम पिछले महीने ओपीडी में दो से तीन रोगियों को देख रहे थे, तो इस महीने डेढ़ गुना वृद्धि हुई है. इसके लक्षण बुखार, बेचैनी, सर्दी, शरीर में दर्द हैं. कुछ मामलों में रोगियों को पेट की परेशानी, दस्त और यहां तक कि कानों में भरापन महसूस होता है" उन्होंने कहा.

को-मॉर्बिडिटी वाले रखें इन बातों का ध्यान:

सीनियर डॉक्टर ने कहा कि जब रोगी को को-मॉर्बिडिटी होती है तो इलाज में हल्के से बदलाव होता है और इस बात पर जोर दिया जाता है कि ऐसे मामलों में, वे परिवार के सदस्यों को बीपी, पल्स, ऑक्सीजन लेवल की निगरानी करें.

मौजूदा स्ट्रेन के बारे में बताते हुए, डॉ. विकास देसवाल, वरिष्ठ सलाहकार, इंटरनल मेडिसिन, मेदांता, गुरुग्राम ने कहा कि इन्फ्लूएंजा वायरस सबसे प्रचलित वायरस है जो हमारे श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है और तीन अलग-अलग प्रकारों में मौजूद है: ए, बी और सी.

लौंग के इन टोटकों पर आज भी क्यों विश्वास करती है दुनिया? जानिए किन समस्याओं का रामबाण इलाज मानी जाती है

इन्फ्लूएंजा ए वायरस सबसे खतरनाक:

"इनमें से सब टाइप ए सबसे अधिक पाया जाता है. इन्फ्लूएंजा ए वायरस का एक सबटाइप एच3एन2 है, जो खांसी, बुखार, सर्दी, गले में खराश, थकान, मांसपेशियों में दर्द और श्वसन संबंधी जटिलताओं जैसे अन्य फ्लू वायरस के समान लक्षण पैदा करता है." खासकर दो साल से कम उम्र के बच्चों, बुजुर्गों और अन्य मेडिकल कंडिशन वाले लोगों में" उन्होंने कहा.

दोनों डॉक्टरों ने कहा कि कुछ मामलों में यह देखा गया है कि बुखार कम होने के बाद भी मरीजों को लगातार खांसी रहती है.

"एंटीबायोटिक्स एच3एन2 जैसे वायरल संक्रमण के इलाज में प्रभावी नहीं हैं और हानिकारक हो सकते हैं, इसलिए लोगों को उन्हें लेने से बचना चाहिए.

 उन्होंने कहा, "लोगों के लिए हर साल इन्फ्लूएंजा के खिलाफ टीकाकरण करना जरूरी है"

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com