
Hypercalcemia Symptoms And Causes: शरीर में कैल्शियम एक जरूरी मिनरल है जो हड्डियों और दांतों को मजबूती देता है, मांसपेशियों को सिकुड़ने में सहायता करता है और नसों के ज़रिए संदेशों का आदान-प्रदान पॉसिबल बनाता है. लेकिन जब यही कैल्शियम जरूरत से ज़्यादा मात्रा में ब्लड में मौजूद हो जाए, तो यह फायदे के बजाय नुकसान देने लगता है. इस स्थिति को हाइपरकैल्सीमिया कहा जाता है. यह जो तस्वीर आप ऊपर देख रहे हैं यह इंटरनेट पर बेहद वायरल हुई थी. कुछ डॉक्टर्स का कहना है कि यह संभव नहीं है और यह तस्वीर फेक है. यहां Hypercalcemia को समझना जरूरी है, तो इस लेख में जानें इसके बारे में सबकुछ.
हाइपरकैल्सीमिया के कारण, लक्षण और उपाय (Hypercalcemia Symptoms Causes And Treatment)
कब होता है हाइपरकैल्सीमिया
हाइपरकैल्सीमिया तब होता है जब शरीर में कैल्शियम का लेवल नॉर्मल से ज्यादा हो जाए. यह स्थिति धीरे-धीरे विकसित हो सकती है या अचानक भी सामने आ सकती है. शुरुआती दौर में इसका पता लगाना मुश्किल होता है क्योंकि कई बार इसके लक्षण स्पष्ट नहीं होते. लेकिन जब कैल्शियम की मात्रा एक निश्चित सीमा से ज़्यादा हो जाती है, तो शरीर में अलग-अलग तरह की समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं.
कैसे होता है हाइपरकैल्सीमिया?
इस स्थिति का सबसे आम कारण पैराथाइरॉइड ग्रंथियों की अधिक सक्रियता होती है. ये गर्दन में स्थित चार छोटी ग्रंथियां होती हैं जो एक विशेष हार्मोन बनाती हैं जो ब्लड में कैल्शियम का लेवल कंट्रोल करता है. जब ये ग्रंथियां ज़रूरत से ज़्यादा हार्मोन बनाती हैं, तब शरीर हड्डियों से ज्यादा कैल्शियम निकालने लगता है और पाचन तंत्र से भी ज्यादा मात्रा में कैल्शियम एब्जॉर्व करता है.
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अन्य कारणों में कुछ प्रकार के कैंसर, ज्यादा विटामिन डी या कैल्शियम की गोलियों का सेवन, आनुवंशिक कारण और लंबे समय तक शरीर की निष्क्रियता शामिल हैं. सीवियर डिहाईड्रेशन भी कभी-कभी ब्लड में कैल्शियम का लेवल बढ़ा सकता है.
कौन-कौन से लक्षण दिख सकते हैं?
शुरुआत में व्यक्ति को कोई परेशानी महसूस नहीं होती, लेकिन जैसे-जैसे कैल्शियम का लेवल बढ़ता है, शरीर इसके संकेत देने लगता है. सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
- लगातार प्यास लगना और पेशाब की मात्रा बढ़ जाना
- पेट में दर्द, उल्टी या कब्ज
- मांसपेशियों में कमजोरी और हड्डियों में दर्द
- याददाश्त में कमी, चिड़चिड़ापन और भ्रम की स्थिति
- दिल की धड़कनों में गड़बड़ी
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क्या हो सकती हैं परेशानियां?
अगर हाइपरकैल्सीमिया का समय पर इलाज न किया जाए तो इससे कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. जैसे कि
- हड्डियों की कमजोरी: लगातार ब्लड में कैल्शियम का लेवल ज्यादा रहने से हड्डियां खोखली हो सकती हैं और उनमें दरारें या टूटने का खतरा बढ़ जाता है.
- किडनी की पथरी: पेशाब के ज़रिए ज़्यादा कैल्शियम निकलने पर पथरी बनने की आशंका रहती है.
- किडनी की खराबी: लम्बे समय तक गुर्दों पर दबाव पड़ने से उनकी कार्य क्षमता घट सकती है.
- मनोस्थिति पर असर: लगातार थकान, डिप्रेशन और गंभीर स्थिति में बेहोशी भी देखी जा सकती है.
- दिल की गड़बड़ी: हार्ट रेट में असमानता और अन्य दिल से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं.
समाधान क्या है?
इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि इसका कारण क्या है. अगर यह दवाओं या सप्लीमेंट्स के कारण है तो इन्हें रोकना पहला कदम होता है. गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती कराकर दवाओं और लिक्विड डाइट के ज़रिए कैल्शियम का लेवल कंट्रोल किया जाता है. अगर समस्या ग्लैंड्स में है तो सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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