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क्या आपकी भी आंखों के सामने अचानक छा जाता है अंधेरा? इसके पीछे का कारण जान चौंक जाएंगे आप

कुछ मामलों में यह संकेत किसी गंभीर समस्या का भी हो सकता है. ट्रांजिएंट इस्कीमिक अटैक (मिनी-स्ट्रोक) मस्तिष्क तक रक्त प्रवाह अस्थायी रूप से रोक देता है. इसके दौरान शरीर के किसी भी हिस्से में कमजोरी, सुन्नपन या बोलने में कठिनाई भी महसूस हो सकती है. समय पर इलाज न मिलने पर दिक्कत बड़ी हो सकती हैै.

क्या आपकी भी आंखों के सामने अचानक छा जाता है अंधेरा? इसके पीछे का कारण जान चौंक जाएंगे आप
अगर यह ज्यादा देर तक रहता है, तो अस्थायी बेहोशी भी हो सकती है.

Weak eye sight : कभी-कभी हम चलते-फिरते या अचानक उठते समय महसूस करते हैं कि हमारे सामने सब कुछ धुंधला या फिर अंधेरा छाने लगता है. यह अनुभव जितना डरावना होता है, उतना ही चौंकाने वाला भी. कुछ सेकंड में ही यह गायब हो जाता है, लेकिन कभी-कभी ऐसा अचानक होता है कि व्यक्ति को समझ ही नहीं आता कि उसके साथ क्या हो रहा है. आंखों के सामने अचानक अंधेरा छा जाने के पीछे कई कारण हो सकते हैं.

सबसे आम कारणों में से एक है 'ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन', जब हम लंबे समय तक बैठे रहते हैं या लेटे रहते हैं और अचानक खड़े होते हैं, तो शरीर में रक्त का दबाव तुरंत सामान्य स्तर पर नहीं पहुंच पाता.

ऐसे में खून जब मस्तिष्क तक कम पहुंचता है, तो आंखों के सामने अंधेरा छा जाता है, सिर घूमता है और कभी-कभी चक्कर आने लगते हैं.

अगर यह ज्यादा देर तक रहता है, तो अस्थायी बेहोशी भी हो सकती है. यह स्थिति अक्सर स्वस्थ लोगों में भी देखने को मिलती है, खासकर गर्मियों में लंबी दौड़ के बाद या अगर आप लंबे समय तक पानी नहीं पीते. इसे रोकने का आसान तरीका है कि खड़े होने से पहले धीरे-धीरे शरीर को तानें और गहरी सांस लें.

इसके अलावा, माइग्रेन भी आंखों के सामने अंधेरा छा जाने का एक कारण हो सकता है. माइग्रेन का असर केवल सिरदर्द तक सीमित नहीं रहता. कई लोग माइग्रेन शुरू होने से पहले आंखों के सामने चमकती हुई लकीरें, फ्लैश या अस्थायी अंधेरा महसूस करते हैं. यह आमतौर पर कुछ मिनटों तक रहता है और फिर धीरे-धीरे सामान्य दृष्टि लौट आती है.

कुछ मामलों में यह संकेत किसी गंभीर समस्या का भी हो सकता है. ट्रांजिएंट इस्कीमिक अटैक (मिनी-स्ट्रोक) मस्तिष्क तक रक्त प्रवाह अस्थायी रूप से रोक देता है. इसके दौरान शरीर के किसी भी हिस्से में कमजोरी, सुन्नपन या बोलने में कठिनाई भी महसूस हो सकती है. समय पर इलाज न मिलने पर दिक्कत बड़ी हो सकती हैै.

दूसरी गंभीर स्थिति रेटिनल डिटैचमेंट है. इसमें आंख की रेटिना अपनी जगह से हिलने लगती है. अचानक आंखों के सामने फ्लोटर्स, चमकदार रोशनी या किसी एक साइड पर पर्दा गिरने जैसा अनुभव हो सकता है. यह एक इमरजेंसी स्थिति है, क्योंकि अगर समय पर इलाज न किया जाए तो दृष्टि स्थायी रूप से प्रभावित हो सकती है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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