Betel Leaf for Uric Acid: शरीर में यूरिक एसिड का बढ़ना एक आम समस्या बन गई है, आजकल बहुत से लोग हाई यूरिक एसिड से परेशान रहते हैं. यूरिक एसिड खून में पाया जाने वाला एक गंदा कॉम्पोनेंट है. इसकी मात्रा बढ़ने को मेडिकल भाषा में हाइपरयुरिसीमिया कहा जाता है. यह एक ऐसी कंडिशन है जिसमें प्लाज्मा यूरिक एसिड बढ़ जाता है. यूरिक एसिड बढ़ने से न केवल गठिया बल्कि किडनी की पथरी और कई अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यूरिक एसिड लंबे समय तक शरीर में जमा रहता है और ठोस या क्रिस्टल का रूप ले लेता है, जो पथरी का रूप ले सकता है. यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए घरेलू उपाय मौजूद हैं, लेकिन लोगों को उनके बारे में जानकारी नहीं होती है. यूरिक एसिड के लिए पान के पत्ते बेहद लाभकारी माने जाते हैं. यहां जानिए कैसे करें इन पत्तों का सेवन और इनके अद्भुत फायदे.
पान का पत्ता यूरिक एसिड को कैसे कम करता है? | How does betel leaf reduce uric acid?
पान के पत्ते यूरिक एसिड लेवल को कम करने में कारगर माने जाते हैं. एक शोध के अनुसार, कुछ चूहों को पान के पत्ते का अर्क दिया गया और यूरिक एसिड घट गया. पान के पत्तों में एंटी-इंफ्लेमेटरी यौगिकों का खजाना पाया जाता है, जो जोड़ों में होने वाली परेशानी और दर्द को काफी हद तक कम कर सकते हैं. जो कई पुरानी बीमारियों जैसे रुमेटीइड अर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस आदि के लक्षण हैं.
यूरिक एसिड में पान के पत्ते का सेवन कैसे करें? | How to consume betel leaf in uric acid?
यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए मरीजों को बस रोजाना पान के पत्ते चबाने की सलाह दी जाती है. इससे आपका यूरिक एसिड लेवल कम हो सकता है. हालांकि, ध्यान रखें कि इस दौरान किसी भी तरह के तंबाकू का सेवन न करें.
पान के पत्तों के और भी है जबरदस्त फायदे
1. ओरल हेल्थ के लिए फायदेमंद
पान के पत्तों में कई एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो प्रभावी रूप से मुंह में रहने वाले कई बैक्टीरिया से लड़ते हैं. भोजन के बाद थोड़ी मात्रा में पान के पत्तों का पेस्ट चबाने से न केवल पेट हेल्दी रहता है, बल्कि सांसों की दुर्गंध, मुंह की दुर्गंध से भी लड़ता है, साथ ही दांत दर्द, मसूड़ों में दर्द, सूजन और ओरल इंफेक्शन से भी राहत मिलती है.
2. पाचन में सुधार लाता है
माना जाता है पान का पत्ता पेट फूलने को रोकने वाले होते हैं जो आंत की रक्षा करने में मदद करते हैं. पान के पत्ते मेटाबॉलिज्म को बढ़ाते हैं जिससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और आंतों को विटामिन और पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद मिलती है.
3. डायबिटीज को कंट्रोल करता है
कई अध्ययनों से पता चला है कि पान के पत्ते के पाउडर में टाइप 2 डायबिटीज रोगियों में ब्लड शुगर को कंट्रोल करने की क्षमता होती है. पान का पत्ता एक मजबूत एंटीऑक्सीडेंट है जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से निपटने और अनकंट्रोल ब्लड ग्लूकोज के कारण होने वाली सूजन को कम करने में मदद करता है.
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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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