
How To Make Organic Colors: होली, भारतीय संस्कृति का एक खास और वाइव्रेंट फेस्टिवल है, जो रंगों के खेल, खुशी और भाईचारे का प्रतीक है. हर साल, लोग इस दिन को धूमधाम से मनाते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये रंग कितने सेफ हैं? कमर्शियली बेचे जाने वाले होली के रंगों में अक्सर कैमिकल, हैवी मेटल और दूसरे हानिकारक एलिमेंट्स होते हैं, जो हमारी स्किन को नुकसान पहुंचा सकते हैं और पर्यावरण को भी इफेक्ट कर सकते हैं. ऐसे में, यह जरूरी है कि हम सेफ और पर्यावरण की सेफ्टी के लिए कुछ ऑप्शन अपनाएं. इस आर्टिकल में हम आपको घर पर ऑर्गेनिक और नॉन-टॉक्सिक होली रंग बनाने के सरल और इफेक्टिव तरीके बताएंगे, जो न सिर्फ सेफ होंगे, बल्कि पर्यावरण के लिए भी सुटेबल होंगे.
घर पर कैसे बनाएं नेचुरल रंग? (How To Make Organic Colour At Home)
नेचुरल होली के रंग बनाने के लिए जरूरी सामान
ऑर्गेनिक और नॉन-टॉक्सिक होली रंग बनाने के लिए हमें कई प्रकार के सिंपल सामान की जरूरत होती है, जो हमे अपने घर पर बड़ी ही आसानी से मिल सकते हैं. ये सामान न सिर्फ सस्ते होते हैं, बल्कि पूरी तरह से सेफ भी हैं.
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- हल्दी पाउडर: हल्दी से पीला रंग बनाया जा सकता है. यह स्किन के लिए भी फायदेमंद है.
- चुकंदर: गहरे गुलाबी और लाल रंग के लिए चुकंदर का इस्तेमाल किया जा सकता है.
- पालक और धनिया की पत्तियां: हरा रंग बनाने के लिए इन पत्तियों का इस्तेमाल करें.
- गेंदे के फूल: पीले और नारंगी रंग के लिए इस फूल का इस्तेमाल करें.
- टेसू के फूल: इन फूलों से नारंगी रंग प्राप्त किया जा सकता है.
- जैकरांडा के फूल: नीले रंग के लिए इन फूलों का इस्तेमाल करें.
कुछ सामान का इस्तेमाल करके आप होली के रंगों को पूरी तरह से केमिकल फ्री और सेफ बना सकते हैं.
नेचुरल होली कलर बनाने की विधि (Method To Make Natural Holi Color)
1. लाल रंग
लाल रंग के लिए आप चुकंदर का इस्तेमाल कर सकते हैं. चुकंदर को कद्दूकस करके उसका जूस निकालें और उसे पानी में उबालें. इस मिश्रण से डार्क गुलाबी या लाल रंग बनेगा. आप इसे सूखा पाउडर बनाने के लिए चुकंदर को सुखाकर पीस भी सकते हैं.
2. पीला रंग
हल्दी का इस्तेमाल करके पीला रंग आसानी से बनाया जा सकता है. हल्दी पाउडर को थोड़े से बेसन के साथ मिलाकर सूखा पाउडर तैयार करें. गीले रंग के लिए हल्दी को पानी में उबालकर इसका रंग निकालें.
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3. हरा रंग
हरे रंग के लिए पालक और धनिया पत्तियों का इस्तेमाल करें. इन पत्तियों को बारीक पीसकर पानी में मिलाएं और नैचुरल हरा रंग प्राप्त करें. इसे सुखाकर पाउडर के रूप में भी स्टोर किया जा सकता है.
4. नीला रंग
जैकरांडा के फूलों को सुखाकर पिसें और नीला पाउडर प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा, इंडिगो पाउडर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इन फूलों को पानी में भिगोकर नीला तरल रंग बनाया जा सकता है.
5. नारंगी रंग
गेंदे के फूलों से नारंगी रंग प्राप्त किया जा सकता है. इन फूलों को धूप में सुखाकर बारीक पीस लें और रंग के रूप में इस्तेमाल करें.
6. गुलाबी रंग
गुलाबी रंग के लिए चुकंदर के जूस का इस्तेमाल करें. चुकंदर को उबालकर या कद्दूकस करके इसे पानी में घोलें और गुलाबी रंग प्राप्त करें. इसके अलावा, अनार के छिलके भी हल्के गुलाबी रंग के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं.
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गीले ऑर्गेनिक होली रंग कैसे बनाएं? (How to Make Wet Organic Holi Colours?)
गीले रंग होली के जश्न में एक अलग ही मज़ा देते हैं. आप फूलों, फलों और हर्बल एक्सट्रेक्ट से आसानी से गीले रंग बना सकते हैं. इन रंगों में किसी भी प्रकार के केमिकल या हानिकारक एलिमेंट्स नहीं होते.
सामग्री-
- गुड़हल और गुलाब की पंखुड़ियां - इन्हें रात भर पानी में भिगोकर गुलाबी या लाल रंग का तरल तैयार करें.
- चुकंदर - चुकंदर के टुकड़ों को पानी में उबालें और इसका डार्क गुलाबी रंग प्राप्त करें.
- गेंदे के फूल - इन फूलों को पानी में उबालकर नारंगी रंग का लिक्विड तैयार करें.
- नीम और पालक के पत्ते - इन पत्तियों से हरा रंग प्राप्त करें.
विधि-
- ताजे या सूखे फूलों और पत्तियों को पानी में उबालें और मिश्रण को छानकर रंग प्राप्त करें.
- इस रंग को बच्चों के खेल में, पिचकारी और पानी के गुब्बारों में डाला जा सकता है.
घर पर बने होली के रंगों को स्टोर करने और इस्तेमाल करने के टिप्स
1. सुखाने और स्टोरेज की टेक्नीक - सभी रंगों को अच्छी तरह से सुखाएं. सूखा पाउडर होने पर इन्हें एयरटाइट कंटेनर में रखें ताकि वे नमी और हवा से बचें.
2. जल्दी इस्तेमाल करें - नेचुरल रंग जल्दी खराब हो सकते हैं, इसलिए इन्हें होली से पहले तैयार करें और ज्यादा समय तक स्टोर करने से बचें.
3. सावधानी बरतें - गीले रंगों को रेफ्रिजरेटर में रखें और 1-2 दिनों के भीतर उनका इस्तेमाल करें. अगर इनमें खट्टी गंध या कोई बदलाव दिखे, तो इन्हें फेंक दें.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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