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Holi 2025: इन 5 लोगों को होली के रंगों से रहना चाहिए बिल्कुल दूर, नहीं तो बाद में होगा पछतावा

Holi 2025: होली का त्योहार आनंदमय होता है, लेकिन स्वास्थ्य और सुरक्षा का ध्यान रखना उतना ही जरूरी है. नीचे लेख में बताए गए लोग अगर होली के रंगों से बचते हैं, तो वे किसी भी स्वास्थ्य संबंधित जोखिम से बच सकते हैं.

Holi 2025: इन 5 लोगों को होली के रंगों से रहना चाहिए बिल्कुल दूर, नहीं तो बाद में होगा पछतावा
Holi 2025: कुछ लोगों को होली के रंगों से दूर रहना ही उचित हो सकता है.

Holi 2025: होली 14 मार्च को मनाई जाएगी. हर कोई रंगों में सराबोर होने को बेताब है, क्योंकि होली साल में एक बार मनाई जाती है. होली का त्योहार रंगों, मस्ती और खुशियों का प्रतीक है. हालांकि हर किसी के लिए रंगों के साथ यह उत्सव सुरक्षित नहीं होता. कुछ लोगों को होली के रंगों से दूर रहना ही उचित हो सकता है, क्योंकि ये उनके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं. यहां हम उन पांच प्रकार के लोगों के बारे में बता रहे हैं,जिन्हें रंगों से बचना चाहिए. इसके पीछे क्या कारण है ये समझने के लिए यहां पढ़ते रहें.

इन लोगों को रहना चाहिए कलर से दूर (These People Should Stay Away From Color)

1. त्वचा की एलर्जी वाले लोग

केमिकल वाले रंगों में मौजूद हानिकारक तत्व त्वचा के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकते हैं, जिन लोगों को त्वचा पर जलन, रैशेस या एलर्जी की समस्या होती है, उन्हें इन रंगों से बिल्कुल बचना चाहिए. केमिकल वाले रंग त्वचा पर खुजली और सूजन का कारण बन सकते हैं. इन समस्याओं से बचने के लिए प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करें या रंगों से पूरी तरह बचें.

2. सांस की बीमारी वाले लोग

जिन लोगों को दमा (अस्थमा), ब्रोंकाइटिस या सांस लेने में कठिनाई की समस्या है, उन्हें होली के रंगों और गुलाल से दूर रहना चाहिए. हवा में उड़ता हुआ रंग सांस के माध्यम से अंदर जाकर फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है. खासकर, गुलाल का महीन पाउडर सांस की नली में अटक सकता है, जिससे सांस लेने में समस्या हो सकती है.

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3. आंखों की समस्याओं वाले लोग

जिन लोगों को आंखों से जुड़ी समस्याएं हैं, जैसे सेंसिटिव आंखें, आंखों का लाल होना या जलन, उन्हें होली खेलते समय खास सावधानी बरतनी चाहिए. केमिकल वाले रंग आंखों में जाने पर जलन, सूजन और संक्रमण का कारण बन सकते हैं. आंखों की सुरक्षा के लिए चश्मा पहनें या रंगों से दूर रहें.

4. गर्भवती महिलाएं

गर्भवती महिलाओं को होली के रंगों से बचना चाहिए, क्योंकि केमिकल रंगों में मौजूद जहरीले पदार्थ मां और गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं. इसके अलावा, होली का शोर-शराबा और भीड़भाड़ गर्भवती महिलाओं के लिए तनावपूर्ण हो सकता है. प्राकृतिक रंगों का उपयोग करना और भीड़ से दूर रहना उनके लिए बेहतर विकल्प है.

5. मौसमी बीमारियों से ग्रसित लोग

अगर किसी को सर्दी, खांसी, बुखार या अन्य मौसमी बीमारियां हैं, तो उन्हें रंगों के संपर्क में आने से बचना चाहिए. रंगों के रसायन उनकी प्रतिरोधक क्षमता को और कमजोर कर सकते हैं, जिससे उनकी स्थिति बिगड़ सकती है. इन लोगों को स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी चाहिए और आराम करना चाहिए.

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इन बातों का भी रखें ख्याल:

  • होली खेलते समय प्राकृतिक और हर्बल रंगों का उपयोग करें.
  • अपनी त्वचा और बालों पर नारियल या सरसों का तेल लगाएं.
  • आंखों, मुंह और कानों को रंगों से बचाने के लिए सावधानी बरतें.
  • भीड़भाड़ से दूर रहें और अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखें.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)