
What Is Vitamin W : आपने कभी सोचा है कि जब कोई व्यक्ति लगातार नकारात्मक बातें करता है, दूसरों की आलोचना करता है और हर समय किसी न किसी को नीचा दिखाने की कोशिश करता है, तो इसका कारण क्या हो सकता है? ऐसे लोग अक्सर हमारे परिवार, मित्रों या करीबी रिश्तेदारों में होते हैं. ऐसे लोगों को 'विषैले' या टॉक्सिक कहा जाता है, लेकिन क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि उनके अंदर ऐसी विषाक्तता क्यों पैदा होती है? श्री श्री रविशंकर के अनुसार, इन लोगों की असल कमी उनके शरीर में विटामिन 'W' की होती है क्या है विटामिन W आइए जानते हैं.
विटामिन W क्या है? (What Is Vitamin W)
सवाल - श्री श्री रविशंकर से एक व्यक्ति ने सवाल किया कि कैसे नकारात्मक टिप्पणी करने वाले और हर समय आलोचना करने वाले विषैले परिवार के सदस्यों से निपटें?
जवाब - इस पर गुरुदेव श्री श्री रविशंकर ने बड़ा ही प्यारा जवाब दिया और कहा कि - यह विचार बेहद दिलचस्प और समझने वाला है. उन्होंने कहा कि जब कोई व्यक्ति हमेशा नकारात्मक होता है, तो वह किसी मेंटल या इमोशनल बीमारी का शिकार हो सकता है. इसका मतलब यह नहीं है कि उसे दोष दिया जाए, बल्कि हमें इस पर विचार करना चाहिए कि उसके अंदर की कमी को कैसे पूरा किया जा सकता है. जब एक व्यक्ति बीमार होता है, तो हम उसे दोष नहीं देते, बल्कि उसकी देखभाल करते हैं. ठीक वैसे ही, टॉक्सिसिटी भी एक मेंटल सिकनेस है, जिसे ट्रीटमेंट की जरूरत होती है.
डिप्रेशन की दवाओं का लंबा इस्तेमाल बढ़ा सकता है अचानक हृदय संबंधी मौत का खतरा : अध्ययन
श्री श्री रवि शंकर के अनुसार वे कहीं न कहीं विटामिन D की कमी से जूझ रहे हैं विटामिन D यानी डिविनिटी (दिव्यता) की कमी से पीड़ित हैं. हो सकता है उस व्यक्ति में विटामिन I यानी कि इंटेलिजेंस (बुद्धि) की कमी हो! यह भी हो सकता है कि वह व्यक्ति विटामिन W की कमी से परेशान हो.
विटामिन W की कमी का मतलब
'विटामिन W' का मतलब सिर्फ एक शारीरिक तत्व से नहीं है, बल्कि यह मेंटल और स्प्रिचुअल हेल्थ से जुड़ा एक प्रतीक है. यह दिव्यता, बुद्धि और समझ की कमी का संकेत है. जब किसी व्यक्ति में इनकी कमी होती है, तो वह नकारात्मकता, घृणा और आलोचना के जरिए दूसरों को प्रभावित करता है. ऐसे लोग अक्सर अपने जीवन में संतुष्ट नहीं होते और उन्हें हर समय दूसरों में कमी दिखाई देती है.
इसके अलावा, यह कमी उन लोगों में भी देखी जा सकती है जो स्प्रिचुअल मार्गदर्शन से दूर रहते हैं, जिनकी सोच टाइट और सेल्फ सेंटर्ड होती है. उनकी क्रिटीसिज्म और नेगेटिव आउटलुक सिर्फ उनकी मेंटल स्टेट का परिणाम होते हैं, जो उनके अंदर की अशांति को दर्शाता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं