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16 जून श्री श्री रविशंकर पीस और वेलनेस डे के रूप में घोषित, जानिए मेंटल हेल्थ को इंप्रूव करने के लिए आध्यात्मिक गुरु के 5 टिप्स

हाल ही में जैक्सनविले, फ्लोरिडा ने 16 जून को श्री श्री रविशंकर शांति और कल्याण दिवस (Peace and Wellness Day) के रूप में घोषित किया है.

16 जून श्री श्री रविशंकर पीस और वेलनेस डे के रूप में घोषित, जानिए मेंटल हेल्थ को इंप्रूव करने के लिए आध्यात्मिक गुरु के 5 टिप्स
फ्लोरिडा ने 16 जून को श्री श्री रविशंकर शांति और कल्याण दिवस के रूप में घोषित किया है.

आज की तेज रफ्तार और स्ट्रेसफुल लाइफस्टाइल में मेंटल हेल्थ को मजबूत बनाए रखना बेहद जरूरी हो गया है. आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर कई लोगों के आदर्श हैं और उनके बताए हुए उपायों को भी फॉलो करते हैं. हाल ही में जैक्सनविले, फ्लोरिडा ने 16 जून को श्री श्री रविशंकर शांति और कल्याण दिवस के रूप में घोषित किया है, जो गुरुदेव श्री श्री रविशंकर की आजीवन सेवा और आर्ट ऑफ लिविंग के समझ, एकता और उपचार को बढ़ावा देने के निरंतर प्रयासों को मान्यता देता है. मेयर ने उत्तरी फ्लोरिडा विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में औपचारिक रूप से घोषणा प्रस्तुत की. इसके साथ ही जैक्सनविले श्री श्री रविशंकर दिवस की घोषणा करने वाला विश्व का 32वां शहर बन गया है.

आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर का मानना है कि मानसिक शांति और संतुलन पाने के लिए हमें अपने भीतर झांकना होगा और कुछ सरल लेकिन प्रभावशाली आदतों को अपनाना होगा. आइए जानते हैं उनके बताए 5 आसान और प्रभावशाली टिप्स, जो मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं.

मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाने के लिए श्री श्री रविशंकर के बताए 5 टिप्स 

1. ब्रीदिंग टेक्निक्स अपनाएं (Breathing Techniques)

गहरी और कंट्रोल ब्रीद लेने की तकनीकें तनाव को कम करती हैं, ब्रेन में ऑक्सीजन का फ्लो बढ़ाती हैं और मेंटल क्लियरिटी लाती हैं. यह अभ्यास तनाव, चिंता और थकान को दूर करने में मदद करता है.

2. दिन की शुरुआत इरादों के साथ करें (Set Daily Intentions)

हर सुबह यह तय करें कि आप दिनभर कैसा महसूस करना चाहते हैं और किन कार्यों पर ध्यान देना है. यह आदत फोकस बढ़ाती है और आपको अपने लक्ष्यों के प्रति सजग बनाती है.

3. सकारात्मक एफर्मेशन का अभ्यास करें (Practice Affirmations)

खुद से सकारात्मक बातें कहें जैसे “मैं शांत हूं”, “मैं सक्षम हूं”, “मैं खुश हूं”. यह अभ्यास आत्मविश्वास बढ़ाता है और नकारात्मक सोच को दूर करता है.

4. अपनी भावनाओं को पहचानें (Observe Your Emotions)

दिन में कुछ समय निकालकर यह जानें कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं. भावनाओं को दबाने के बजाय उन्हें समझना और स्वीकार करना भावनात्मक संतुलन के लिए जरूरी है.

5. आभार व्यक्त करें (Gratitude Practice)

हर दिन के अंत में उन चीजों के लिए आभार प्रकट करें जो आपको खुशी देती हैं. चाहे वो छोटी हों या बड़ी. यह आदत सकारात्मक सोच को बढ़ावा देती है और मानसिक संतुलन बनाए रखती है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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