PCOS की वजह से Pregnancy में आ रही है दिक्कत? ये टिप्स गर्भवती होने में कर सकते हैं मदद...

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, PCOS अनओव्यूलेशन यानी गर्भाशय में अंडा उत्पादन के अभाव और बांझपन का एक प्रमुख कारण है.हालांकि PCOS को खानपान और जीवनशैली में बदलाव और दवा के साथ प्रभावी रूप से प्रबंधित किया जा सकता है.

PCOS की वजह से Pregnancy में आ रही है दिक्कत? ये टिप्स गर्भवती होने में कर सकते हैं मदद...

पीसीओएस के साथ फर्टिलिटी को बढ़ाने के लिए करें ये उपाय

How to boost fertility with PCOS: पहले की अपेक्षा आज की लाइफ-स्टाइल में इंफर्टिलिटी यानी बांझपन की दिक्कत काफी देखने को मिलती है. खराब खानपान और आदतों से लेकर चिकित्सा स्थितियों तक, पुरुषों और महिलाओं दोनों में बांझपन के कई संभावित कारण हैं. हाल ही में PCOS को महिलाओं में बांझपन के प्रमुख कारणों में (Fertility with PCOS) शामिल किया गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, PCOS अनओव्यूलेशन यानी गर्भाशय में अंडा उत्पादन के अभाव और बांझपन का एक प्रमुख कारण है.हालांकि PCOS को खानपान और जीवनशैली में बदलाव और दवा के साथ प्रभावी रूप से प्रबंधित किया जा सकता है. आइए जानते हैं उन चीजों के बारे में जो पीसीओएस होने के बावजूद आपको गर्भ धारण करने में मददगार हो सकती हैं.

पीसीओएस के साथ फर्टिलिटी को बढ़ाने के लिए तरीके (Way to boost fertility with PCOS)

  1. वजन कम करें : पीसीओएस वजन बढ़ने का कारण बन सकता है और वजन घटाना आपके लिए कठिन बना सकता है. हालांकि थोड़ा सा भी वजन कम करना पीसीओएस के लक्षणों में सुधार कर सकता है. हेल्दी बीएमआई मासिक धर्म के साइकिल को कंट्रोल करने में मदद कर सकती है. वेट लॉस करने से इंसुलिन प्रतिरोधता में सुधार होता है और हार्मोनल संतुलन को प्रमोट किया जा सकता है.  
  2. ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रखें  : अगर आप गर्भवती होने की कोशिश कर रही हैं, तो आपको अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच करवाते रहना चाहिए. पीसीओएस रक्त शर्करा स्तरों को प्रभावित करता है और साथ ही टाइप-2 मधुमेह के विकास का जोखिम भी बढ़ाता है, जो फर्टिलिटी समस्याओं का कारण बन सकता है. इसलिए आपको अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने की जरूरत है. जिसके लिए आप अपने डॉक्टर की सलाह ले सकती हैं.
  3. डाइट और लाइफस्टाइल में चेंज करें  :  हेल्दी डाइट और एक्टिव लाइफ-स्टाइल पीसीओएस के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं और वजन घटाने में भी सहायक होते हैं. जो लोग पीसीओएस से प्रभावित हैं, उन्हें फाइबर-युक्त आहार, कम-जीआई वाली चीजें और कम प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों पर फोकस करना चाहिए. इसके साथ ही नियमित तौर पर कम से कम 30 मिनट की नॉर्मल एक्सरसाइज भी अपनी रूटीन में शामिल करना चाहिए.  
  4. दवाओं और फर्टिलिटी हेल्प लें : PCOS के साथ गर्भधारण करने के लिए आपको कुछ दवाइयों की आवश्यकता हो सकती है. अनोव्यूलेशन वाली महिलाओं में ओव्युलेशन इंडक्शन में चिकित्सा से मदद मिल सकती है. अन्य मामलों में IUI या IVF जैसी ट्रीटमेंट भी गर्भधारण में मदद कर सकती हैं.  
  5. स्ट्रेस न लें  : पीसीओएस आपके हार्मोन्स को बिगाड़ता है और तनाव भी इसकी वजह बन सकता है. इसलिए किसी भी तरह का स्ट्रेस न होने दें. दरअसल अनियंत्रित तनाव आपके सामान्य स्वास्थ्य और हार्मोन को बहुत से तरीकों से प्रभावित कर सकता है. इसलिए बेहतर प्रजनन के लिए अपने तनाव स्तरों को नियंत्रित करें ताकि हार्मोनिक संतुलन को बढ़ावा मिल सके. 

क्‍या होता है PCOS और PCOD में क्‍या फर्क? PCOS या PCOD के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव के उपाय



Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)