
Environment Impacts Mental Health: आज की तेज रफ्तार दुनिया में जहां तकनीक और शहरीकरण ने जीवन को आसान बना दिया है, वहीं मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे भी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. चिंता, अवसाद (डिप्रेशन), तनाव और नींद की समस्याएं अब आम हो गई हैं. लेकिन, अक्सर हम इन समस्याओं का कारण केवल लाइफस्टाइल, कामकाज का दबाव या व्यक्तिगत परिस्थितियों को मानते हैं, जबकि पर्यावरण, जिसमें हम रहते हैं, काम करते हैं और घूमते हैं, हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डालता है. इस लेख में हम जानेंगे कि पर्यावरण आपके मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है, पर्यावरण और तनाव के बीच क्या संबंध है और इस प्रभाव को कैसे मैनेज किया जा सकता है.
पर्यावरण मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर रहा है (How The Environment Is Affecting Nental Health)
1. पर्यावरण और मानसिक स्वास्थ्य का संबंध
पर्यावरण से तात्पर्य केवल प्राकृतिक स्थानों से नहीं है, बल्कि इसमें शहरी ढांचा, प्रदूषण, ध्वनि, जनसंख्या, हरियाली, तापमान, आवासीय व्यवस्था और यहां तक कि सामाजिक वातावरण भी शामिल हैं. इन सभी तत्वों का हमारे ब्रेन और भावनात्मक स्थिति पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है.
प्राकृतिक वातावरण और मानसिक स्वास्थ्य
अनेक शोध यह प्रमाणित कर चुके हैं कि प्रकृति के निकट रहने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है. हरे-भरे पेड़, नीला आकाश, खुला वातावरण और प्राकृतिक ध्वनियां जैसे पक्षियों की चहचहाहट या बहते पानी की आवाज तनाव को कम करती हैं.
हरियाली का प्रभाव: जिन क्षेत्रों में ज्यादा हरियाली होती है, वहां रहने वाले लोगों में तनाव, चिंता और अवसाद की दर कम पाई गई है.
धूप और विटामिन डी: पर्याप्त धूप मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है. यह सेरोटोनिन लेवल को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे मूड बेहतर होता है.
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शहरीकरण और मानसिक स्वास्थ्य
तेजी से बढ़ता शहरीकरण, भीड़भाड़, शोर, ट्रैफिक और प्रदूषण मानसिक शांति में बाधा बनते हैं.
ध्वनि प्रदूषण: निरंतर हॉर्न, मशीनों की आवाज़ या निर्माण कार्य का शोर दिमाग पर नकारात्मक असर डालता है और चिंता का कारण बनता है.
भीड़ और ट्रैफिक: बहुत ज्यादा भीड़भाड़ वाले स्थानों पर रोजाना रहना एक स्थायी तनाव का कारण बन सकता है.
वायु प्रदूषण: शोध बताते हैं कि हवा की गुणवत्ता में गिरावट मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालती है, खासकर बच्चों और बुज़ुर्गों में.
2. पर्यावरणीय कारक जो तनाव को बढ़ाते हैं
आवासीय असुविधा और सामाजिक असमानता
- खराब आवासीय परिस्थितियां जैसे तंग स्थान, अस्वस्थ वातावरण, अपर्याप्त रोशनी और वेंटिलेशन से मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ता है.
- सामाजिक असमानता, जैसे आर्थिक विषमता और भेदभाव, मानसिक तनाव को बढ़ाती है.
जलवायु परिवर्तन और मानसिक स्वास्थ्य
- बहुत ज्यादा गर्मी, बाढ़, सूखा और अन्य प्राकृतिक आपदाएं न केवल भौतिक नुकसान करती हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी लोगों को आघात पहुंचाती हैं.
- Climate anxiety या eco-anxiety एक नया मानसिक स्वास्थ्य विषय है, जिसमें लोग पृथ्वी की बिगड़ती हालत को लेकर चिंता में डूबे रहते हैं.
वर्कप्लेस एनवायरनमेंट
बहुत ज्यादा काम का दबाव, शोरगुल वाला ऑफिस, पर्याप्त ब्रेक न मिलना और सहयोगी वातावरण का अभाव तनाव को जन्म देता है.
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3. पर्यावरणीय तनाव को कैसे मैनेज करें?
तनाव को पूरी तरह समाप्त करना संभव नहीं, लेकिन इसे मैनेज (manage) करना अवश्य संभव है. यहां कुछ प्रभावी उपाय दिए गए हैं:
प्राकृतिक वातावरण के संपर्क में आएं
- नियमित वॉक या प्रकृति में समय बिताएं: पार्क में टहलना, पहाड़ों की सैर या पेड़ों के नीचे कुछ समय बिताना तनाव को काफी हद तक कम कर सकता है.
- गार्डनिंग करें: पौधे लगाना और उनकी देखभाल करना मन को शांति और उद्देश्य देता है.
घरेलू और कार्यस्थल वातावरण को सुधारें
- प्राकृतिक रोशनी का उपयोग: घर और ऑफिस में पर्याप्त रोशनी रखें.
- हरियाली जोड़ें: पौधों को अपने आसपास रखें; इससे वातावरण ताजा और शांतिपूर्ण महसूस होगा.
- ध्वनि नियंत्रण: अगर आप बहुत शोर वाले इलाके में रहते हैं तो शोर को कम करने के लिए ईयरप्लग्स या साउंडप्रूफिंग का उपयोग करें.
डिजिटल डिटॉक्स और स्क्रीन टाइम में कमी
- लगातार मोबाइल, टीवी या लैपटॉप पर समय बिताना मस्तिष्क को थका देता है. कुछ समय के लिए डिजिटल ब्रेक लेना बेहद लाभकारी होता है.
- सोशल मीडिया पर नकारात्मक खबरें या पोस्ट देखकर चिंता और डर बढ़ सकता है, इसलिए सीमित समय ही बिताएं.
योग और ध्यान (Meditation) का अभ्यास करें
- योग और ध्यान पर्यावरणीय तनाव को प्रबंधित करने के लिए अत्यंत प्रभावी हैं। यह न केवल शरीर को स्वस्थ रखते हैं, बल्कि मन को भी शांत करते हैं.
- नियमित mindfulness meditation करने से आप अपने वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करना सीखते हैं और व्यर्थ की चिंताओं से मुक्त हो सकते हैं.
सामाजिक संबंध मजबूत करें
- एक अच्छा सामाजिक वातावरण भी पर्यावरण का हिस्सा होता है. परिवार, मित्रों और सहकर्मियों के साथ अच्छे संबंध मानसिक रूप से स्थिर रहने में मदद करते हैं.
- बात करें, साझा करें और समय बिताएं – यह तनाव से निपटने का एक प्रभावी तरीका है.
4. नीतिगत और सामुदायिक स्तर पर उपाय
- हरियाली को बढ़ावा देना: शहरी विकास के दौरान पार्क और हरित क्षेत्र सुनिश्चित किए जाएं.
- पर्यावरणीय नियमों का पालन: वायु और ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कठोर नियम बनाना और लागू करना.
- मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ बनाना: खासतौर से आपदा प्रभावित और प्रदूषणग्रस्त क्षेत्रों में मनोवैज्ञानिक सहायता पहुंचाना.
पर्यावरण केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी गहराई से प्रभावित करता है. शोर, प्रदूषण, गर्मी, भीड़भाड़ और अव्यवस्थित स्थान तनाव और चिंता को जन्म देते हैं. इसके विपरीत, हरियाली, स्वच्छ हवा और शांत वातावरण मानसिक शांति को बढ़ावा देते हैं.
आज जब मानसिक रोग तेजी से बढ़ रहे हैं, यह जरूरी है कि हम पर्यावरणीय कारकों को भी गंभीरता से लें और अपने जीवन में छोटे-छोटे बदलाव लाकर मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाएं. प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाना केवल विलासिता नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए अनिवार्यता बन चुकी है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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