अपनी लाड़ली को पीरियड्स के बारे में किस उम्र में बताएं, जानें इससे जुड़ी कुछ जरूरी बातें

Beti ko Periods Ke bare me Kab Batayen: महिलाओं में पीरियड्स आने की एक निश्चित उम्र है. लेकिन बदलती लाइफस्टाइल और दिनचर्या के कारण कई बार पीरियड्स जल्दी आ जाते हैं. इस विषय में आपको जानकारी होना बहुत जरूरी है.

अपनी लाड़ली को पीरियड्स के बारे में किस उम्र में बताएं, जानें इससे जुड़ी कुछ जरूरी बातें

बच्चियों को पीरियड्स के बारे में कैसे बताएं (How to talk to your daughter about her period and puberty?)

How to tell girls about periods: हर एक लड़की को 9 से 12 साल की उम्र में पीरियड्स आने लगते हैं. यह एक ऐसी स्थिति होती है जब बच्चियों को कई तरह के हार्मोनल बदलाव से गुजरना पड़ता है. इस स्थिति में मां का अहम रोल सामने आता है, जिसमें वे अपनी बेटी को शरीर में होने वाले बदलाव और पीरियड्स (Firts Period) से जुड़े तथ्यों के बारे में समय पर बताएं. आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि वह कौन सी उम्र है जब बच्चियों को उनकी मम्मी पीरियड्स (All About Periods) के बारे में जानकारी दें. साथ ही यह भी जानेंगे कि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली बच्चियों को पीरियड के दौरान किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए. इस बारे में  एनडीटीवी ने FMRI की प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की  निदेशक, डॉ नुपुर गुप्ता से इस बारे में बातचीत की.

बच्चियों को पीरियड्स के बारे में कैसे बताएं (How to talk to your daughter about her period and puberty?)

डॉ नुपुर गुप्ता ने कहा कि माताएं अपनी बेटी और उसके भाई को पीरियड्स के बारे में जानकारी दें. 8 से 10 साल की उम्र सबसे अच्छी है, यह बात बताने के लिए कि चाइल्डहुड से अब एडल्टहुड का फेस या प्यूबर्टी का फेस स्टार्ट होगा और उसका एक ये पार्ट है. ये 9 साल में भी शुरू हो सकता है, 10 में भी हो सकता है 11 में भी हो सकता है. हर लड़की के लिए पीरियड्स के लिए उम्र अलग होती है.

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ग्रामीण क्षेत्र की बच्चियां इन बातों का रखें ध्यान

डॉ गुप्ता कहती हैं कि ग्रामीण क्षेत्र की बच्चियों को ये जानना जरूरी है कि हमें मेंस्ट्रुअल हाइजीन मेंटेन करना है. जब आपके पीरियड का टाइम है तब आपको रोज स्नान करना बहुत जरूरी है. जो आप सेनेटरी नैपकिन लगाते हैं आपको उसको 4 से 6 घंटे में बदलना है. इस समय पर अगर सफाई नहीं रखते तो इंफेक्शन हो सकता है. साफ सफाई में पैड को सही तरीके से डिस्पोज करना भी जरूरी है.

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इन बातों पर करें गौर

यह भी जानना जरूरी है कि कौन से फ्लो को या ब्लीडिंग को ज्यादा कहते हैं, क्या नॉर्मल है और क्या कम है. इस उम्र में कम की चिंता नहीं होती पर ज्यादा फ्लो होता है तो डॉक्टर से संपर्क करें. अगर 3 से 5 दिन आपका फ्लो रहता है तो वह नॉर्मल है और अगर हर महीने आपको पीरियड्स आते हैं तो यह भी ठीक है, लेकिन अगर 21 दिन से पहले और 35 दिन के बाद अगर पीरियड्स होता है तो इसको इरेगुलर साइकिल कहते हैं. अगर किसी बच्ची को 3 महीने तक पीरियड नहीं होता तो उन्हें एक बार डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)