
गर्मियों के मौसम में हीट स्ट्रोक के कई मामले देखने को मिलते हैं. यह एक गंभीर स्थिति (Serious condition) होती है, जिसमें शरीर का तापमान 104°F (40°C) से ऊपर बढ़ जाता है. हीट स्ट्रोक (Heat Stroke) आपके ऑर्गन को भी नुकसान पहुंचा सकता है. यानी अगर इसका तुरंत इलाज न किया जाए, तो यह मरीज के हार्ट, किडनी, और लंग्स को नुकसान पहुंचा सकता है. हीट स्ट्रोक होने पर क्या करना चाहिए ये जानने के लिए NDTV ने बात की डॉ. समीर भाटी (Dr. Sameer Bhati) से, आइए जानते हैं उन्होंने क्या सलाह दी. डॉ समीर भाटी ने कहा कि हीट स्ट्रोक एक बहुत गंभीर समस्या है. अगर कोई इसकी वजह से बेहोश हो गया है तो उसे तुरंत मेडिकल अटेंशन मिलना चाहिए. इसलिए मरीज को तुरंत हॉस्पिटल लेकर जाना होगा.
ये भी पढ़ें- नवजात शिशुओं में क्यों होता है TEF, जानिए इस गंभीर स्थिति के लक्षण कारण और इलाज से जुड़ी अहम बातें
हीट स्ट्रोक के लिए प्राथमिक उपचार क्या हैं? (What are the first aid measures for heat stroke?)
डॉ समीर भाटी ने कहा कि अगर कोई हीट स्ट्रोक की वजह से बेहोश हो गया है, उसकी बॉडी का टेम्परेचर काफी ज्यादा बढ़ चुका है, तो कोशिश करें कि उस व्यक्ति को तुरंत किसी ठंडी जगह ले जाएं, अगर उसने बहुत ज्यादा कपड़े पहने हुए हैं तो उसके थोड़े कपड़े निकाल दें या कपड़ों को थोड़ा ढीला कर दें. ये उपाय आप फर्स्ट एड (First aid for heat stroke) के तौर पर कर सकते हैं, फिर उसे तुरंत हॉस्पिटल लेकर जाना होगा, क्योंकि अगर ज्यादा देर हुई तो फिर ऑर्गन डैमेज होना शुरू हो जाते हैं. मरीज के हार्ट पर इफेक्ट पड़ने लगता है, उसकी किडनियों पर असर पड़ने लगता है. इसलिए बिना देर किए हीट स्ट्रोक के मरीज को तुरंत अस्पताल लेकर जाना चाहिए. हीट स्ट्रोक एक जीवन-घातक आपातकालीन स्थिति (life-threatening emergency) है इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए.
लू लगने के लक्षण और बचाव के घरेलू उपाय | Lu Lag Jaye to Kya Kare
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं