H3N2 वायरस के तेजी से बढ़ रहे प्रकोप के बीच अब प्रेग्नेंट महिलाओं को भी चिंता सताने लगी है. ये फ्लू बच्चों और बुजुर्गों को आसानी से अपना शिकार बनाता है. इसके अलावा ऐसे लोग जिन्हें पहले से ही कोई गंभीर शारीरिक परेशानी है और गर्भवती महिलाएं भी इस फ्लू की चपेट में आसानी से आ रही हैं. ऐसे में इससे बचकर रहने के तरीके जान लेना बहुत जरूरी है. प्रेग्नेंट महिलाओं को अपना खास ख्याल रखने की जरूरत होती है, क्योंकि उनकी इम्यूनिटी इस वक्त कम हो जाती है. ऐसे में अगर वो इस फ्लू का शिकार होती है तो उनके लिए परेशानियां और ज्यादा बढ़ सकती हैं.
इस फ्लू का एक सबटाइप है इन्फ्लूएंजा A. ये सबटाइप बहुत आसानी से गर्भवती महिलाओं को अपना शिकार बना रहा है. प्रेगनेंसी के दौरान इम्यून सिस्टम भी थोड़ा कमजोर होता है. ऐसे में वायरस को हावी होने का मौका भी मिल जाता है.
क्या पड़ सकता है असर?
- H3N2 के चपेट में आने के बाद गर्भवती महिलाओं को कुछ बुरी परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है.
- हो सकता है कि उन्हें समय से पहले लेबर पेन शुरू हो जाएं.
- बर्थ के समय बच्चे का वजन बहुत कम होना.
- ज्यादा बुरी परिस्थिति में मामला काफी सीरियस हो सकता है.
H3N2 Influenza वायरस के लक्षण कोविड जैसे, डॉक्टर की सलाह बच्चे-बुजुर्ग सावधानी बरतें
वैक्सीन है अचूक उपाय
खुद को और अपने गर्भ में पल रहे बच्चे को बचाने का सबसे जरूरी तरीका है, वायरस की वैक्सीन लगवा ली जाए. ताकि बच्चा और मां इसके खतरे से बच सकें.
ये एहतियात भी रखें
- सिर्फ वैक्सीन लगवाना ही काफी नहीं है. इसके साथ गर्भवती महिलाओं को कुछ एहतियात रखना भी जरूरी है.
- अपने आसपास सफाई रखना सबसे ज्यादा जरूरी है.
- समय समय पर अपने हाथ धोना बिलकुल न भूलें.
- जो लोग पहले से ही इस वायरस के शिकार हैं या मौसमी वायरल से ही पीड़ित हों, उनसे दूरी बनाकर रखें.
- अपने चेहरे को छूने की आदत बिलकुल खत्म कर दें.
- अगर कोई लक्षण नजर आ भी जाता है तो इलाज लेने में देरी न करें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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