Bruise first aid: चोट लगने पर बॉडी पर नील पड़ जाते हैं. ये आमतौर पर टिश्यू पर चोट लगने के कारण होता है. चोट लगने से स्किन के नीचे ब्लड वेसल्स टूट जाती हैं, जिसके कारण वहां ब्लड रुक जाता है. इसी वजह से स्किन के पर नील पड़ जाते हैं. यह काले, नीले या बैंगनी रंग के हो सकते हैं. हालांकि जैसे जैसे ये ठीक होते हैं इनका रंग गायब हो जाता है. आइए जानते हैं नील पड़ने पर फर्स्ट एड में क्या करना चाहिए और कैसे कुछ सामान्य उपायों को अपनाकर इनका उपचार किया जा सकता है.
नील के उपचार के लिए क्या करें (What to do to treat Bruise)
एक पतले टॉवेल में आइस क्यूब्स को लपेटकर नील की जगह पर बीस मिनट तक रखें. इसे दिन में कई बार दोहराएं. इससे दर्द और सूजन कम हो जाएगा.
नील पड़ने वाली जगह पर अगर सूजन नजर आए तो वहां इलास्टिक बैंडेज लगाएं. ध्यान रखें यह बहुत ज्यादा टाइट नही हो.
नील वाली जगह पर अगर स्किन नहीं फटा हो तो पट्टी बांधने की जरूरत नहीं है. अगर जरूरत पड़े हो तो पेन किलर लें सकते हैं.
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कब लें डॉक्टर की सलाह (Consult health care provider)
- नील पड़ने वाली जगह पर बहुत तेज दर्द हो
- नील चाइल्ड एब्यूज, घरेलू हिंसा या बड़ों के दुर्व्यवहार के कारण पड़ा हो
- छोटी सी चोट के बावजूद तीन दिन बाद भी दर्द महसूस हो रहा हो.
- बार बार और बड़े नील पड़ते हों
- बगैर किस कारण या चोट के अचानक नील पड़ रहे हों
- नील पड़ने और ब्लीडिंग की फेमिली हिस्ट्री हो
- नील के नीचे गांठ आए, यह ब्लड जमा होने के कारण हो सकता है. इस स्थिति को हेमेटोमा कहते है,
- असामान्य रूप से नाक या मसूड़ों से ब्लीडिंग होने पर.
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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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