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बारिश में बढ़ जाता है सांपों का खतरा, जानिए कैसे करें बचाव, पहचानें लक्षण और तुरंत करें ये काम

Rainy Season Snake Bite Safety Tips: हर साल भारत में हजारों लोग सांप के काटने का शिकार होते हैं. बारिश के मौसम में ये खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है. इस आर्टिकल में जानें सांप काटने से कैसे बचें, क्या लक्षण हैं और सबसे पहले क्या करें.

बारिश में बढ़ जाता है सांपों का खतरा, जानिए कैसे करें बचाव, पहचानें लक्षण और तुरंत करें ये काम
सांप काट ले तो सबसे पहले यह काम करें, बचने के चांस हो जाएंगे ज्‍यादा

Rainy Season Snake Bite Safety Tips: मानसून का मौसम आते ही सांप अपने घरों से निकलकर बाहर आ आते हैं, जिससे खतरा तेजी से बढ़ जाता है. भारी बारिश की वजह से सांपों के बिलों में पानी भर जाता है और वे सूखी जगह की तलाश में निकलते हैं. घरों, दुकानों, खेतों और नए-नए बन रहे मकानों में उनका ठिकाना बन जाता है. बारिश में खुले में शिकार भी नहीं मिलते, इसलिए सांप चूहों और लाइट की ओर आकर्षित होकर घरों के आसपास पहुंच जाते हैं. यही नहीं, खतरा महसूस होने पर अटैक (How to protect from snake bite during rainy season) भी कर सकते हैं, जिससे सर्पदंश (सांप के काटने) के मामले बढ़ जाते हैं. खासकर ग्रामीण इलाकों में इसके ज्यादा ही केस देखने को मिलते हैं. कई बार ये जानलेवा (First aid steps for snake bite in India) भी हो सकते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं सांप काटने के लक्षण क्या होते हैं, इनसे कैसे बच सकते हैं और तुरंत (What to do if a snake enters your house in monsoon) क्या करना चाहिए.

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भारत में सिर्फ सांपों के काटने से हर साल 50,000 से ज्यादा मौतें


सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल 30-40 लाख लोग सांप के काटे जाने का शिकार होते हैं, जिनमें से 50 हजार से ज्यादा की मौत हो जाती है. चिंता की बात यह है कि सिर्फ 30% लोग ही समय पर हॉस्पिटल पहुंच पाते हैं, इसलिए अवेयरनेस और तुरंत प्रतिक्रिया ही जान बचा सकती है.

भारत के सबसे जहरीले सांप कौन हैं
भारत में चार सांप सबसे ज्यादा जहरीले होते हैं. इन्हीं की वजह से सबसे ज्यादा मौतें होती हैं. इसमें कोबरा पहले नंबर पर आता है. जिसमें न्यूरोटॉक्सिक जहर होता है, जो सांस लेने की प्रक्रिया को ही रोक देता है. इसके बाद रसेल वाइपर सबसे जहरीला माना जाता है, जिसका हीमोटॉक्सिक जहर ब्लीडिंग और खून जमाता है. सॉ-स्केल्ड वाइपर के काटने से दर्द, सूजन और ब्लड क्लॉटिंग होती है. करैत का न्यूरोटॉक्सिक जहर पैरालिसिस कर सकता है. इससे सांस लेने में भी दिक्कतें होती हैं.

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बारिश में सांपों से कैसे बचें

  • घर के आसपास कचरा, लकड़ी, कबाड़ या झाड़ियां जमा न होने दें.
  • सभी दरारें और छेद बंद करें.
  • खिड़कियों-दरवाजों पर जाली लगाएं, दरवाजों के नीचे डोर स्वीप लगाएं.
  • घर के आसपास साफ-सफाई रखें और नालियों को ग्रिल से ढकें.
  • गमलों को सीधे जमीन पर न रखें, स्टैंड का इस्तेमाल करें.
  • जहां सांप छिप सकें, ऐसे कोनों को क्लीन रखें.

सांप काटा है या नहीं कैसे पहचानें

  • जलन, लालिमा और सूजन
  • मिचलाना, कमजोरी
  • पेट दर्द, दस्त
  • शरीर के अंगों में अकड़न या झनझनाहट
  • सांस लेने में दिक्कत
  • खून बहना या स्किन काली पड़ना
  • शरीर का तापमान बढ़ना
  • ब्लड प्रेशर लो होना और बेहोशी

सांप काटने पर फर्स्ट एड में क्या करें

  • पीड़ित को लिटाएं और शांत रखें
  • काटे गए अंग को स्थिर रखें
  • साबुन और पानी से साफ करें
  • मेडिकल हेल्प के लिए तुरंत हॉस्पिटल ले जाएं

सांप काटने के बाद क्या न करें

  • घाव पर चीरा न लगाएं
  • जहर चूसने की कोशिश न करें
  • टाइट बैंडेज या देसी दवा का इस्तेमाल न करें

सांप काटने पर हेल्पलाइन नंबर


अगर सांप घर में दिखे या परिवार के किसी सदस्य को काट ले तो घबराने की बजाय पहले फर्स्ट एड को अपनाएं. इसके अलावा वाइल्डलाइफ SOS हेल्पलाइन नंबर 9917109666 पर संपर्क करें. इसमें वन विभाग या लोकल स्नेक रेस्क्यू टीम आपकी हेल्प करती है.

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