
Blood in Human Body Male Female Ratio : हमारे शरीर में खून बेहद महत्वपूर्ण है, जो न सिर्फ जीवन के लिए जरूरी एलिमेंट्स को पूरे शरीर में पहुंचाता है, बल्कि शरीर की सिक्योरिटी सिस्टम को भी मजबूत करता है. खून हमारे शरीर का एक अभिन्न हिस्सा है, जिसका सही मात्रा में होना बेहद जरूरी है. इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि एक हेल्दी इंसान के शरीर में कितना खून होना चाहिए, पुरुष और महिला के शरीर में खून की मात्रा में क्या फर्क होता है? शरीर में खून कैसे बनता है और साथ ही जानेंगे ब्लड डोनेशन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी.
इंसान के शरीर में कितना होना चाहिए खून? (How Much Blood in a Human Body)
इंसान के शरीर में कितना खून होता है?
एक सामान्य, हेल्दी इंसान के शरीर में औसतन 5 लीटर खून होना चाहिए. यह खून शरीर के कुल वजन का लगभग 8 प्रतिशत होता है. अगर व्यक्ति का वजन 60 किलो है, तो उसके शरीर में करीब 4.8 लीटर खून होना चाहिए. यह मात्रा शरीर के आकार और वजन पर भी निर्भर करती है. बच्चों और नवजातों के शरीर में खून की मात्रा एडल्ट से ज्यादा होती है. उदाहरण के तौर पर, एक नवजात के शरीर में उसके कुल वजन का लगभग 10 प्रतिशत खून होता है, जबकि एक बच्चे में यह लगभग 9 प्रतिशत तक होता है.
महिला-पुरुष के शरीर में कितना खून जरूरी है?
पुरुष और महिला के शरीर में खून की मात्रा में कुछ अंतर होता है. एक हेल्दी एडल्ट मेल के शरीर में लगभग 5 से 5.5 लीटर खून होना चाहिए, जबकि एक हेल्दी महिला के शरीर में लगभग 4 से 4.5 लीटर खून पर्याप्त होता है. इस अंतर का मुख्य कारण पुरुष और महिला के शारीरिक आकार में अंतर और हार्मोनल बदलाव हैं. महिलाओं में पीरियड्स के कारण खून की मात्रा में थोड़ा उतार-चढ़ाव हो सकता है.
शरीर में खून कैसे बनता है?
हमारे शरीर में खून के मेन कंपोनेंट्स होते हैं - रेड ब्लड सेल्स (RBCs), व्हाइट ब्लड सेल्स (WBCs), प्लेटलेट्स और प्लाज्मा. हमारे बोन मैरो में स्टेम सेल्स से रेड ब्लड सेल्स बनते हैं, जो खून का मेन पार्ट होते हैं. हमारे शरीर में हर सेकंड 20 लाख रेड ब्लड सेल्स बनते हैं. सामान्यत: शरीर हर दिन 400 से 2000 मिलीलीटर खून बनाता है और एक पूरे लाइफ सर्कल में यह मात्रा करीब 34400 लीटर तक पहुंच जाती है.
कितना ब्लड डोनेट कर सकते हैं?
रक्तदान (ब्लड डोनेशन) एक बहुत ही सपोर्टिंग प्रोसेस है, जिससे कई लोगों की जान बचाई जा सकती है. एक हेल्दी व्यक्ति एक बार में लगभग 474 मिलीलीटर (1 पिंट) खून दान कर सकता है, जो उसके कुल खून का लगभग 10 प्रतिशत होता है. अमेरिकन रेड क्रॉस सोसाइटी के अनुसार, ब्लड डोनेशन के बाद शरीर आसानी से अपने खोए हुए खून को फिर से बना लेता है.
क्या हर महीने ब्लड डोनेट कर सकते हैं?
ब्लड डोनेशन की प्रोसेस में कुछ समय लगता है और यह पूरी तरह से सुरक्षित है यदि किसी व्यक्ति की सेहत सही है. सामान्यत: एक हेल्दी व्यक्ति हर दो महीने में एक बार ब्लड डोनेट कर सकता है. यह दो महीने का गैप इसलिए जरूरी है ताकि शरीर में खून की पर्याप्त मात्रा बनी रहे और कोई भी हेल्थ प्रॉब्लम न हो. किसी भी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को ब्लड डोनेशन से बचना चाहिए, क्योंकि ब्लड डोनेशन से शरीर पर एक्स्ट्रा प्रेशर पड़ सकता है और बीमारियों के लक्षण बढ़ सकते हैं.
खून की कमी से क्या बीमारियां हो सकती हैं?
शरीर में खून की कमी, जिसे एनीमिया कहा जाता है, कई हेल्थ प्रॉब्लम का कारण बन सकती है. एनीमिया में शरीर के ब्लड में पर्याप्त रेड ब्लड सेल्स नहीं होतीं. जिससे शरीर को जरूरी ऑक्सीजन नहीं मिल पाती. इस स्थिति में व्यक्ति को थकान, कमजोरी, धुंधला दिखना, नाखूनों का सफेद होना, मुंह में छाले और स्किन का रंग पीला पड़ना जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसके अलावा, अगर शरीर में खून की कमी गंभीर हो जाए, तो यह अन्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे कि शॉक और इंटरनल या एक्सटर्नल ब्लीडिंग.
कब जानलेवा स्थिति बन सकती है?
अगर शरीर में ब्लड की कमी का लेवल 15 प्रतिशत से ज्यादा हो जाए, तो यह जानलेवा स्थिति का रूप ले सकता है. ऐसे में गंभीर ब्लीडिंग, शॉक और अन्य शारीरिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं. इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. ब्लड डोनेशन के दौरान भी ध्यान रखना जरूरी है कि अधिक रक्त न लिया जाए, ताकि शरीर में खून की मात्रा कम न हो जाए और इंसान की सेहत पर बुरा असर न पड़े.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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