
Signs Of An Unhappy Women: क्या आपको कभी आपकी मां या दादी ने समझाया था कि दुखी होने पर रोना गलत नहीं है. ज्यादातर ने समझाया होगा क्योंकि यह इमोशनल एक्सप्रेशन (emotional expression) को जाहिर करने का एक यूनिवर्सल तरीका है. लेकिन दुनिया भर में कई महिलाओं को अपनी नाखुशी को खुलकर स्वीकार करना बहुत मुश्किल लगता है. ऐसी महिलाएं हमेशा खुद को स्ट्रॉन्ग दिखाने के लिए अपना दुख जाहिर नहीं करती लेकिन ऐसा करना अक्सर उनके अपने मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) के लिए हानिकारक होता है. लेकिन अगर हम गौर से देखें तो उनकी चुप्पी में भी दुखी होने के संकेत छुपे होते हैं. जरूरत है उन्हें पहचानने की.
मनोविज्ञान (Psychology) के मुताबिक, जो महिलाएं बहुत दुखी होती हैं, लेकिन इसे लोगों के सामने स्वीकार नहीं करती, उनमें अक्सर कुछ संकेत देखे जाते हैं. अगर आप सोच रहे हैं कि वो आदतें या संकेत क्या हैं? या क्या आप भी तो उन महिलाओं में से नहीं तो इस आर्टिकल से आपको इसके बारे में पता चल सकता है.
हमें समझना होगा कि अपनी भावनाओं (emotions) को स्वीकार करना केवल खुद के प्रति सच्चा होना नहीं है. यह हेल्दी रिलेशनशिप, बेहतर वर्क एनवायरमेंट और ज्यादा बेहतर जीवन जीने के लिए जरूरी है.
इन संकेतो से नाखुश महिला की हो सकती है पहचान (An unhappy woman can be identified by these signs): चलिए महिलाओं में नाखुशी के इन छिपे संकेतों (hidden signs of unhappiness) को आपको बताते हैं.
नाखुशी के छिपे संकेत (Hidden signs of unhappiness)
1) वे परफेक्शनिस्ट होती हैं (They are perfectionists)
क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि कैसे कुछ महिलाएं सिर्फ ठीक-ठाक काम से संतुष्ट नहीं होती हैं? वे अपने हर काम में परफेक्शन लाने की कोशिश करती हैं - चाहे वह उनका ऑफिस का काम हो, घर हो, या यहां तक कि वो कैसे दिखती हैं उसमें भी उन्हें परफेक्शन चाहिए होता है. हालांकि हर काम में परफेक्शन लाने की कोशिश करना अच्छा है, उनकी यह आदत उनकी दुख की वजह बन सकती है. क्योंकि जब कोई काम 'परफेक्ट' नहीं लगता, तो इससे उनके अंदर आत्म-संदेह, तनाव और असंतोष का चक्र शुरू हो सकता है. देखा गया है कि अक्सर, ये सशक्त महिलाएं अपने संघर्ष के बारे में बताती नहीं हैं बस लगातार परफेक्ट बनने की कोशिश करती रहती हैं.
अगली बार जब आप खुद को या किसी दूसरे को परफेक्शन के इस जाल में फंसा हुआ पाएं, तो रुकें और उस पर विचार करें. यह किसी गहरे दुख का संकेत हो सकता है.
2) वे सामाजिक समारोहों से बचती हैं (They avoid social gatherings)
इसे एक उदाहरण के जरिए समझते हैं.कोई महिला जो आउट गोइंग और हमेशा पार्टी की जान हुआ करती थी. लेकिन समय के साथ उसमें बदलाव नजर आने लगा. उसने सोशल इवेंट में जाना बंद कर दे. ना आने के वो नए-नए बहाने बनाती या कहती कि बहुत बिजी हैं. तो आप समझ लें कि वह अपनी नाखुशी छुपा रही थी.
आपने भी अक्सर नोटिस किया होगा कि जब महिलाएं मानसिक उथल-पुथल से जूझ रही होती हैं, तो वो उस दौरान लोगों से मिलना जुलना बहुत कम कर देती हैं. इसकी वजह ये है कि जब आप ऐसे लोगों के आसपास नहीं होते हैं जो पूछ सकते हैं कि आप कैसे हैं तो अपनी भावनाओं को छिपाना ज्यादा आसान होता है. यदि आप या आपका कोई परिचित बिना किसी स्पष्ट कारण के बार-बार सोशल इवेंट में शामिल नहीं हो रहा है, तो यह अव्यक्त नाखुशी (unexpressed unhappiness) का संकेत हो सकता है.
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3) हमेशा दूसरों की मदद के लिए खड़े रहना (Always standing by to help others)
क्या आप कभी किसी ऐसे व्यक्ति से मिले हैं जो बस लोगों की मदद करता है, लेकिन बदले में कभी कुछ नहीं चाहता? मैं उस तरह की महिला के बारे में बात कर रहा हूं जो जरूरत के वक्त हर किसी के लिए हमेशा मौजूद रहती हैं. ऐसी महिलाएं जो किसी जरूरतमंद दोस्त की मदद करने के लिए सबसे आगे रहती हैं, भले ही इसके लिए उन्हें अपनी जरूरतों और इच्छाओं का त्याग करना पड़े. ऐसी महिलाओं की अक्सर बहुत तारीफ की जाती है और उन्हें लोगों का बहुत प्यार भी मिलता है. लेकिन इस मदद के जरिए कई बार वो अपनी अंदरूनी दुख या कहें नाखुशी के साथ लड़ रही होती हैं.
4) उन चीजों में रुचि खो देती हैं जो उन्हें कभी पसंद थीं (They lose interest in things they once loved)
हम सभी के कुछ शौक और हॉबी होती हैं जो हमें खुश रखती हैं, लेकिन जो महिलाएं अपना दुख जाहिर नहीं करती हैं, उनका इंटरेस्ट इन कामों के लिए भी कम होने लगता है, जो करना पहले उन्हें बहुत पसंद हुआ करता था. यदि आप अपने आप में या अपने आस-पास किसी महिला में ये आदत नोटिस करते हैं, तो इसे गंभीरता से लें. यह मदद की पुकार है जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है.
5) उन्हें सोने में परेशानी होती है (They have trouble sleeping)
सोचिए देर रात हो गई है. हर कोई सो रहा है. लेकिन सपनों की दुनिया में जाने के बजाय, आप छत की ओर देख रहे हैं, विचारों के समंदर में डूबे हुए हैं. नींद न आना सिर्फ तनाव का संकेत नहीं उससे कहीं ज्यादा होता है. जिन लोगों में लगातार नींद की समस्या बनी रहती हैं उनमें डिप्रेशन डेवलप होने की संभावना ज्यादा होती है. कई स्ट्रॉन्ग लेकिन बेहद दुखी महिलाओं में नींद न आने की समस्या देखी जाती है. रात का शांत माहौल अक्सर उनकी अंदर की छिपी भावनाओं को जगा देता है, लोग सो रहे होते हैं वो अपने विचारों में डूबी रहती हैं.
6) लगातार थकान महसूस होती है (constantly feel tired)
क्या आप जानते हैं कि कई बार थकावट का एहसास ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी करने की वजह से नहीं इमोशनल बर्डन की वजह से भी होता है. कई महिलाएं जो दुखी रहती हैं लेकिन जाहिर नहीं करती (silently unhappy), अक्सर थकान महसूस करती हैं. यह थकान शारीरिक रूप से थके होने की वजह से नहीं होती. यह एक गहरी, भावनात्मक थकान होती है जिसे सिर्फ सोने से ठीक नहीं किया जा सकता. अगर आप भी इसका अनुभव कर रहे हैं, तो याद रखें, यह स्वीकार करना सही है कि आप ठीक नहीं हैं. अपनी रियल फीलिंग्स को स्वीकार करना उपचार की दिशा में आपका पहला कदम होगा.
किसी ऐसे व्यक्ति से संपर्क करें जिस पर आप भरोसा करते हैं, यदि जरूरी हो तो प्रोफेशनल की मदद लें और सबसे जरूरी बात यह है कि अपने खुद के प्रति जेंटल रहें.
7) वे अपनी फीलिंग्स छिपाती हैं (They hide their true feelings)
नाखुश लेकिन मजबूत महिलाएं अक्सर अपनी अंदरूनी भावनाओं को छिपाने की कला में माहिर होती हैं. जब उन्हें रोने का मन होता है तो वे हंसती हैं, जब वे परेशान होती हैं तो ऊपर से शांत दिखाई देती हैं और जब वे अंदर से टूट रही होते हैं तो खुद को मजबूत दिखाती है. वे दूसरों के सामने हमेशा खुशी का मुखौटा लगाए रहती हैं, कई बार खुद को भी भरोसा दिलाती हैं कि सब कुछ ठीक है. लेकिन हकीकत में, वे चुपचाप मदद के लिए चिल्ला रही होती हैं.
अगर आप में या आपके किसी करीबी में ये संकेत नजर आए तो उन्हें पहचानें और मदद कीजिए. ये संकेत दरअसर मदद की पुकार हैं. आपको समझना होगा कि अपनी इन भावनाओं को स्वीकार करना और उन्हें जाहिर करना कमजोरी की निशानी बिलकुल नहीं है, बल्कि ये आपकी ताकत को दर्शाता है. अपना खुद का ख्याल रखना आपकी पहली जिम्मेदारी है इसलिए खुद के प्रति नरमी बरतें.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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