
Mounjaro weight loss injection: मोटापे से परेशाने भारतीयों के लिए अच्छी खबर है. अमेरिकन फार्मा कंपनी Eli Lilly ने भारत में मोटापा कम करने का दावा करने वाली दवा मोंजारो (Tirzepatide) लॉन्च की है. इसे वैक्सीन के रूप में लोगों को लगाया जाएगा. कंपनी का कहना है कि यह दवा डायबिटीज को कंट्रोल करने में तो मदद करती ही है साथ ही साथ वजन घटाने में भी मददगार है. इस दवा का रासायनिक नाम टिर्जेपेटाइड (Tirzepatide) है और भारतीय दवा नियामक केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने भी इस दवा को मंजूरी दे दी है.
क्या है वजन घटाने की दवा Mounjaro | What is Weight Loss Injection Mounjaro
अमेरिकी दवा फार्मा कंपनी एली लिली एंड कंपनी का दावा है कि उनकी वजन घटाने की दवा Mounjaro, पश्चिमी देशों में पहले से ही व्यापक स्तर पर बिक रही है. यह दवा मोटापे के साथ ही साथ टाइप-2 डायबिटीज में भी मददगार है. इसे वैक्सीन के रूप में लोगों को लगाया जाएगा. Mounjaro मोटापा कम करने के लिए पहले ही यूरोपीय बाजारों में बेहद लोकप्रिय है. यह दवा ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मददगार है. मोटापा कई तरह के रोगों की वजह बन सकता है. और साथ ही यह बात समझनी भी जरूरी है कि मोटापा और मधुमेह आपस में जुड़े हैं. मोटापा डायबिटीज का एक प्रमुख कारण है. मोटापा हाई बीपी, डिसलिपिडेमिया, कोरोनरी हार्ट डिजीज और ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया जैसी परेशानियां दे सकता है.
मौनजारो वजन घटाने में कैसे मदद करता है?
मौनजारो का इंजेक्शन भूख को कम करने का काम करता है. यह लंबे समय तक पेट के भरे होने का अहसास कराता है, जिससे कैलोरी का इनटेक कम होता है और वजन घटाने में मदद मिलती है. जिससे आप कम खाना खाते हैं. मौनजारो दो प्राकृतिक हार्मोनस GLP-1 और GIP की तरह काम करता है जो भूख, रक्त शर्करा के स्तर और पाचन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं.
कैसे लेते हैं, मौनजारो की खुराक | Mounjaro Dosing Information | How to take Mounjaro
वजन घटाने के लिए मौनजारो की सामान्य शुरुआती खुराक 4 सप्ताह के लिए प्रति सप्ताह एक बार 2.5 मिलीग्राम (मिलीग्राम) है. आपकी स्थिति के अनुसार ही डॉक्टर आपकी खुराक को बढ़ा भी सकता है. अधिकत वह आपको खुराक को 2.5 मिलीग्राम तक बढ़ा सकता है. डॉक्टर हर 4 सप्ताह में खुराक को थोड़ा-थोड़ा बढ़ाते हैं. इस दवा की अधिकतम खुराक प्रति सप्ताह एक बार 15 मिलीग्राम मौनजारो होती है.
कैसे लेते हैं मौनजारो इंजेक्शन
मौनजारो का इंजेक्शन को आपके पेट, जांघ या ऊपरी बांह की त्वचा के नीचे दिया जाता है. MOUNJARO का प्रयोग हफ्ते में एक बार, दिन में किसी भी समय किया जा सकता है. लेकिन अगर आप हफ्ते में इसे लेने के लिए एक तय समय रखेंगे तो यह खुराक को नियमित रूप से लेने में मदद करेगा. लेकिन आप MOUNJARO का इंजेक्शन लेने के दिन भी बदल सकते हैं. मोनजारों की दो खुराकों के बीच का कम से कम 3 दिन (72 घंटे) अंतराल होना चाहिए.
कितने की है मोटापा कम करने वाली दवा Mounjaro | Mounjaro Price in India
मोटापा कम करने वाली दवा Mounjaro को इंजेक्शन के जरिए लिया जाता है. मोनार्जो का इंजेक्शन एक हफ्ते में एक बार दिया जाता है. CDSCO से मंजूरी के बाद भारत में इस दवा को आयात करना शुरू कर दिया था. एक महीने में 2.5 मिलीग्राम डोज के चार शॉट्स लेने होते हैं, जिनकी कीमत तकरीबन 14,000 रुपये होती हे. ब्रिटेन में इसका खर्च भारतीय मुद्रा में 23,000 से 25,000 के बीच है.
मोटापे के नुकसान और खतरे
मोटापा आज के समय में दुनिया भर में एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुका है. भारत पर भी मोटापे का बोझ लगातार बढ़ रहा है. गलत खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल इसके पीछे का एक बड़ा कारण है. मोटापे से संबंधित बीमारियां बढ़ रही हैं. यह न सिर्फ शरीर की बनावट को प्रभावित नहीं करता, बल्कि डायबिटीज, हार्ट डिजीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है. इतना ही नहीं बच्चों में भी मोटापे का खतरा चार गुना बढ़ चुका है. यही नहीं, उन्होंने यह भी बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में पूरी दुनिया में लगभग 250 करोड़ लोग मोटापे की समस्या से जूझ रहे थे.
भारत में कितने मोटे हैं लोग | Obesity in India
यहां यह समझ लेना भी जरूरी है कि भारत में मोटापे की क्या स्थिति है. भारत में पिछले कुछ सालों में मोटापा की समस्या तेजी से बढ़ी है. रिपोर्ट्स के अनुसार, 1990 से 2023 के बीच भारत में मोटापे की दर में कई गुना बढ़ोत्तरी हुई है. शहरी इलाकों में खासतौर से बच्चे और युवा तेजी से इस समस्या का शिकार हो रहे हैं. मुख्य कारणों में असंतुलित खानपान, फिजिकल एक्टिविटीज की कमी, तनाव और डिजिटल युग में बढ़ता निष्क्रिय जीवन शामिल हैं.
द लैंसेट जर्नल में पब्लिश एक ग्लोबल एनालिसिस के अनुसार, भारत में बच्चों में मोटापा तेजी से बढ़ा है और 2022 में 5 से 19 साल की उम्र के बीच के लगभग 12.5 मिलियन बच्चों का वजन ज्यादा है, जबकि 1990 में यह आंकड़ा 0.4 मिलियन था. 12.5 मिलियन में से 7.3 मिलियन लड़के और 5.2 मिलियन लड़कियां थीं. दुनिया भर में मोटापे से ग्रस्त बच्चों, किशोरों और यंगस्टर की कुल संख्या एक अरब से ज्यादा हो गई है. बता दें कि मोटापा और कम वजन दोनों ही कुपोषण की ही एक रूप है और कई मायनों में लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं. लेटेस्ट स्टडी में पिछले 33 सालो में कुपोषण के दोनों रूपों में ग्लोबली तौर पर बढ़ा है.
आंकड़ों की नजर से
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 (एनएफएचएस-5) के मुताबिक:
- 23 प्रतिशत महिलाएं और 22.1 प्रतिशत पुरुष ज्यादा वजन वाले हैं.
- 40 प्रतिशत महिलाएं और 12 प्रतिशत पुरुष मोटापे से ग्रस्त हैं.
- महिलाओं में पेट का मोटापा एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या है.
- महिलाओं में हेल्थ बीएमआई होने के बावजूद भी ज्यादा पेट की चर्बी होती है.
साल दर साल बढ़ रहे मोटापे के आंकड़े
- साल 2022 तक, करीब 9.8 प्रतिशत महिलाएं और 5.4 प्रतिशत पुरुष मोटापे से ग्रस्त थे.
- साल 1990 में यह दर सिर्फ़ 1.2 प्रतिशत महिलाओं और 0.5 प्रतिशत पुरुषों के लिए थी.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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