Side Effects Of Basil Leaves: आयुर्वेद में तुलसी के काफी गुणकारी माना जाता है. खासकर तुलसी के पत्तों (Basil Leaves) की अहमियत को लोगों ने कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के दौराना जाना है. तुलसी को जीवन के लिए अमृत माना जाता है और इसमें कई औषधीय गुण (Medicinal Properties) भी होते हैं. तुलसी आध्यात्म का भी प्रतीक है. तुलसी के स्वास्थ्य लाभों (Health Benefits of Tulsi) का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आयुर्वेद में तुलसी को दवाई के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है. सर्दी-जुकाम, खांसी की समस्या हो या फिर मजबूत इम्यूनिटी (Strong Immunity) बनाना हो, तुलसी के पत्तों का काढ़ा बेहद फायदेमंद माना जाता है. तुलसी के पत्तों को स्किन इंफेक्शन (Skin Infection) को दूर करने के लिए कारगर माना जाता है. तुलसी ओरल हेल्थ, सिरदर्द की समस्या और हाइपरटेंशन के लिए लाभकारी होती है.
तुलसी के स्वास्थ्य लाभों की लिस्ट काफी लंबी है, लेकिन अगर आप तुलसी के नुकसानों (Disadvantages Of Basil) के बारे में नहीं जानते हैं तो आपको तुलसी का सेवन करने से पहले तुलसी के दुष्प्रभावों (Side Effects Of Tulsi) के बारे में जान लेना चाहिए. तुलसी के भी कुछ साइड भी इफेक्ट्स हैं. तुलसी का बहुत ज्यादा मात्रा में सेवन किया जाए तो यह सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है और कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें तुलसी का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए. आपने इसके फायदे तो कई बार सुने होंगे लेकिन आज यहां जानें तुलसी से होने वाले नुकसानों के बारे में...
तुलसी के पत्तों के 5 नुकसान | 5 Disadvantages Of Basil Leaves
1. खून को पतला कर सकती है तुलसी
तुलसी के पत्तों का कई फायदों के लिए सेवन किया जाता है, लेकिन तुलसी के पत्तों में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो खून को पतला करने में मदद कर सकते हैं. ज्यादा मात्रा में तुलसी का सेवन ब्लड को पतला कर सकता है, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है. ऐसे में ज्यादा मात्रा में तुलसी का सेवन करें से बचें.
2. सर्जरी के तुरंत बाद न खाएं तुलसी
कई लोग इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के लिए तुलसी का सेवन करते हैं, लेकिन जिन लोगों की सर्जरी हाल में हुई हो उन्हें तुरंत तुलसी का सेवन नहीं करना चाहि. तुलसी की पत्तियां ब्लड क्लॉट यानी खून का थक्का जमने की प्रक्रिया को भी धीमा कर सकती हैं, इसलिए इस बात का खतरा अधिक है कि सर्जरी के दौरान या फिर सर्जरी के बाद बहुत अधिक खून बहने का खतरा रहता है.
3. हाइपोथायरायडिज्म न करें तुलसी का सेवन
हाइपोथायरायडिज्म यानी शरीर में थायरायड हार्मोन थायरॉक्सिन के लो लेवल की समस्या होने पर मरीजों को तुलसी का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि तुलसी, थायरॉक्सिन के लेवल को कम कर सकती है. अगर मरीज तुलसी का सेवन करेंगे तो उनके शरीर में थायरॉक्सिन हार्मोन की कमी हो सकती है. इससे बचने के लिए हाइपोथायरायडिज्म के रोगियों को तुलसी का सेवन नहीं करना चाहिए.
4. फर्टिलिटी को कर सकती है प्रभावित
ज्यादा मात्रा में तुलसी का सेवन फर्टलिटी को प्रभावित कर सकती है. कुछ शोध में इस बात को रखा गया है कि तुलसी का महिलाओं और पुरुषों दोनों की फर्टिलिटी पर बुरा असर पड़ सकता है. अधिक मात्रा में तुलसी का सेवन करने से स्पर्म काउंट की संख्या कम हो सकती है. शोध कहते हैं कि निषेचित अंडा यानी फर्टिलाइज्ड एग के गर्भाशय से अटैच होने की संभावना भी कम हो सकती है.
5. गर्भवती महिलाएं तुलसी का सेवन न करें
गर्भावस्था में तुलसी का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए. तुलसी में यूजेनॉल नाम का तत्व पाया जाता है और इस कारण प्रेगनेंसी के दौरान तुलसी का सेवन गर्भाशय में संकुचन और मासिक धर्म शुरू होने का कारण बन सकता है, जिससे मिसकैरेज का खतरा बढ़ सकता है. खासकर शुरुआती महिनों में गर्भवती महिला को तुलसी के सेवन से परहेज करना चाहिए.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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