विज्ञापन
This Article is From Apr 12, 2023

डिजिटल टेक्नोलॉजी ने युवाओं के जीवन को किया प्रभावित-अध्ययन 

हाल में लंदन में एक अध्ययन किया गया, जिसका विषय था कि डिजिटल टेक्नोलॉजी युवाओं के जीवन को कैसे प्रभावित करती है. यह युवा लोगों के मानसिक स्वास्थ्य का पता लगाने के लिए किया गया. इसमें उनके भावनात्मक भलाई पर डिजिटल तकनीक का प्रभाव भी शामिल है.

डिजिटल टेक्नोलॉजी ने युवाओं के जीवन को किया प्रभावित-अध्ययन 
डिजिटल टेक्नोलॉजी ने युवाओं के जीवन को किया प्रभावित-अध्ययन 
नई दिल्ली:

डिजिटल टेक्नोलॉजी ने सभी के जीवन को प्रभावित किया है. खासकर बच्चों के जीवन को. कोविड काल में ऑनलाइन पढ़ाई ने बच्चों को इस तकनीक का आदि बना दिया. हाल में लंदन में एक अध्ययन किया गया, जिसका विषय था कि डिजिटल टेक्नोलॉजी युवाओं के जीवन को कैसे प्रभावित करती है. यह युवा लोगों के मानसिक स्वास्थ्य का पता लगाने के लिए किया गया. इसमें उनके भावनात्मक भलाई पर डिजिटल तकनीक का प्रभाव भी शामिल है.

Hairfall: बालों के झड़ने से हैं परेशान है अपनी डाइट में शामिल करें प्रोटीन, आयरन युक्त ये 5 आहार, बाल हो जाएंगे मजबूत 

एक व्यापक धारणा है कि ऑनलाइन रहना युवा लोगों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए बुरा है. लेकिन जब यह अध्ययन शुरू किया गया तो जल्द ही अध्ययनकर्ताओं को यह पता चल गया कि उनके पास इसे साबित करने के लिए बहुत कम सबूत थे. सोशल मीडिया के उपयोग और बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के बारे में कुछ गहन अध्ययन बताते हैं कि प्रभाव छोटे हैं और स्पष्ट निष्कर्ष निकालना मुश्किल है.

शहरों में रहने वाले बच्चों और युवाओं में हाइट ग्रोथ और मोटापे की समस्या ज्यादा : अध्ययन

अध्ययनकर्ता यह पता लगाना चाहते थे कि क्या और कैसे युवाओं की भलाई वास्तव में प्रभावित हो रही थी ताकि उनकी मदद के लिए संसाधनों का उत्पादन किया जा सके. इसका पता लगाने के लिए लगभग 1,000 युवाओं से बात की. युवाओं से पता चला कि वे अपने ऑनलाइन जीवन के बारे में चिंतित थे. उन युवाओं के माता-पिता को इस चिंता की जानकारी नहीं थी. युवाओं ने बताया कि वयस्क उनसे ऑनलाइन नुकसान के बारे में बात करते थे. युवाओं ने बताया कि ऑनलाइन नुकसान के बारे में वयस्कों के विचार शायद ही कभी उनके अपने विचार दर्शाते हैं. वे निराशा थे क्योंकि उनसे ऑनलाइन के अनुभव पूछे जाते हैं, यह पूछे जाने के बजाय कि उन्हें क्या नुकसान हुआ. 

शरीर में आने लगे हैं ये बदलाव तो समझ जाएं हड्डियां होने लगी हैं कमजोर, ये रहे Weak Bones के संकेत और लक्षण

अध्ययन में इस बात का पता चला कि युवा लोग वयस्कों से उनकी चिंताओं के बारे में बात करने में अनिच्छुक हैं. उन्हें इस बात का डर होता है कि उन्हें बताया जाएगा, कि वयस्क अतिप्रतिक्रिया करेगा, या किसी वयस्क से बात करने से समस्या और भी बदतर हो सकती है. वे जिन वयस्कों की ओर रुख कर सकते हैं, उन्हें यह स्पष्ट करने की आवश्यकता है कि ऐसा नहीं होगा और वे मदद कर सकते हैं.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com