विज्ञापन

दिल्ली का AQI कितना है-300 या 1000? खुद को बचाने के लिए करें ये उपाय

AQI यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स, एक ऐसा पब्लिक हेल्थ टूल है, जो हमें बताता है कि हवा कितनी साफ या गंदी है. इसे एक तरह से हवा की रिपोर्ट कार्ड समझिए. इसमें 8 तरह के प्रदूषक तत्वों (जैसे PM2.5, PM10, ओजोन, सल्फर डाइऑक्साइड) को नापा जाता है.

दिल्ली का AQI कितना है-300 या 1000? खुद को बचाने के लिए करें ये उपाय
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट के मोहन जॉर्ज सलाह देते हैं कि आपको नंबरों के फेर में नहीं पड़ना चाहिए. बस लेबल देखिए.

350 vs 1,100 Delhi AQI : दिल्ली में दीवाली के बाद प्रदूषण के हालात किसी से छिपे नहीं हैं, लेकिन इसे नापने वाले आंकड़ों में एक बड़ा कन्फ्यूजन पैदा हो गया. एक तरफ, स्विट्जरलैंड की हवा की गुणवत्ता पर नजर रखने वाली कंपनी IQAir ने मंगलवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 1,121 बताया, जो बेहद चौंकाने वाला नंबर था. वहीं, भारत सरकार की संस्था, सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने इसी दिन AQI 351 दर्ज किया, जो 'बहुत खराब' (Very Poor) कैटेगरी में आता है.

अब सवाल यह है कि जब हवा एक ही है, तो आंकड़े इतने अलग-अलग क्यों?  एक्सपर्ट्स का कहना है कि दोनों ही आंकड़े अपनी-अपनी जगह पर सही हैं, लेकिन इसके पीछे वजह अलग-अलग हैं. आइए, ‘नंबरों के खेल' को समझते हैं.

 पहले समझते हैं AQI क्या है 

AQI यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स, एक ऐसा पब्लिक हेल्थ टूल है जो हमें बताता है कि हवा कितनी साफ या गंदी है. इसमें 8 तरह के प्रदूषक तत्वों (जैसे PM2.5, PM10, ओजोन, सल्फर डाइऑक्साइड) को नापा जाता है.

इस बारे में CPCB के पूर्व एडिशनल डायरेक्टर, मोहन जॉर्ज समझाते हैं कि AQI को अलग-अलग कलर कोड में बांटा जाता है, ताकि आम आदमी समझ सके कि हवा 'अच्छी' है, 'संतोषजनक' है या 'खतरनाक' है, और उसे क्या करना चाहिए.

जैसे, अगर AQI 401 से 500 के बीच है, जिसे 'गंभीर' (Severe) कैटेगरी कहते हैं, तो यह हेल्दी लोगों के लिए भी खतरनाक है और ऐसे में घर से बाहर निकलना या खुली हवा में कसरत करना बिल्कुल मना है.

 CPCB और IQAir की AQI स्केल की सीमा क्या है

CPCB का स्केल

भारत का AQI स्केल 500 पर जाकर रुक जाता है. इसका मतलब है कि CPCB के हिसाब से AQI अगर 500 से ऊपर चला जाए, तो भी उसे 500 की 'गंभीर' (Severe) कैटेगरी में ही रखा जाएगा. 500 के ऊपर, सरकार इसे 'पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी' मानती है.

IQAir का स्केल

वहीं, IQAir ने अपनी कोई अधिकतम सीमा तय नहीं की है. उनका स्केल 301 से ऊपर की हर रीडिंग को 'खतरनाक' (Hazardous) मानता है, लेकिन यह 1,000 या 2,000 तक भी जा सकता है. इसीलिए जब प्रदूषण बहुत ज्यादा बढ़ता है, तो IQAir का नंबर CPCB से कई गुना ज्यादा दिखता है, जैसे 1,121.

यानी, CPCB का 500 पर कैप बंद हो जाता है, जबकि IQAir का नंबर खुला रहता है.

डेटा कहां से आता है? 

नंबरों में अंतर की दूसरी बड़ी वजह है- डेटा कहां से लिया जा रहा है.

CPCB

यह सिर्फ सरकारी मॉनिटरिंग स्टेशनों से डेटा लेता है. ये स्टेशन 'रेफरेंस-ग्रेड' (Reference-grade) मॉनिटर कहलाते हैं, जिनका डेटा बहुत भरोसेमंद और कैलिब्रेटेड माना जाता है.

IQAir

यह सरकारी स्रोतों के अलावा और भी कई जगहों से डेटा लेता है. इसमें US एम्बेसी (Embassy) के स्टेशन, दूसरी कंपनियों के सेंसर और यहां तक कि कुछ लोगों द्वारा लगाए गए सेंसर भी शामिल होते हैं. IQAir इन सभी स्टेशनों के डेटा का एवरेज निकालता है. Envirocatalysts के संस्थापक सुनील दहिया के मुताबिक, इस वजह से भी उनके नंबर में बदलाव आ जाता है.

AQI निकालने का फॉर्मूला

CPCB और IQAir दोनों का AQI निकालने का फॉर्मूला भी अलग है. उदाहरण के लिए, अगर हवा में PM2.5 की मात्रा 1,100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है, तो IQAir का कैलकुलेटर इसे 2,043 बताएगा, जबकि CPCB का कैलकुलेटर इसे 1,054 बताएगा, जिसे अंत में CPCB 500 पर 'कैप' कर देता है.

CPCB और IQAir में से किसका डेटा सही है

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट के मोहन जॉर्ज सलाह देते हैं कि आपको नंबरों के फेर में नहीं पड़ना चाहिए. बस लेबल देखिए.

चाहे CPCB के अनुसार AQI 351 हो या IQAir के हिसाब से 1,121 हो, दोनों ही मामलों में दिल्ली की हवा जहरीली है. इसलिए, नंबर की जगह आप 'गंभीर' (Severe) या 'खतरनाक' (Hazardous) जैसे लेबल पर ध्यान दें, या फिर प्रदूषण की असल मात्रा (जैसे PM2.5 की कंसंट्रेशन) पर नजर रखें और उसके हिसाब से अपनी सेहत का ख्याल रखें. 

अब आइए जानते हैं इस जहरीली हवा से खुद को सुरक्षित कैसे रखें

क्‍या करें, क्‍या न करें

  1. N95 मास्क पहनकर हानिकारक कणों से बचें.
  2. अस्थमा या अन्य सांस से जुड़ी परेशानियों से पीड़ित लोगों बाहर निकलने की गलती बिल्कुल न करें, स्थिति गंभीर हो सकती है.
  3. जब हवा खराब हो, तो घर में रहें.
  4. घर की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें, धूल जमा न होने दें.
  5. SAFAR या AQI India ऐप्स से हवा की गुणवत्ता की जानकारी लेते रहें.
  6. बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें
  7. खराब हवा में बाहर न जाएं, घर में ही योग या हल्की एक्सरसाइज करें.
  8. घर में एयर प्यूरीफायर लगाकर हवा को साफ करें.
  9. खराब AQI के समय घर के दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com