कंजंक्टिवाइटिस जिसे पिंक आई के रूप में भी जाना जाता हैृ. बच्चों को यह ज्यादा बार हो सकता है. दिल्ली और आसपास के इलाकों में हाल ही में कंजंक्टिवाइटिस के मामलों में तेजी देखी जा रही है. भारी बारिश और जलजमाव के कारण इंफेक्शन फैला है. स्कूली स्टूडेंट्स भी इन दिनों इंफेक्शन से जूझ रहे हैं. दिल्ली सरकार ने सभी निजी और सरकारी स्कूलों को उन उपायों को फॉलो करने के लिए एक सलाह भी जारी की है जो कंजंक्टिवाइटिस के प्रसार को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं. अरुणाचल प्रदेश के कई जिलों ने भी स्कूलों को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है. इसलिए इस मानसून के दौरान खुद को और अपने बच्चों को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है.
बच्चों को कंजंक्टिवाइटिस से बचाने के उपाय | Ways to protect children from conjunctivitis
फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुड़गांव के सीनियर आई सर्जन डॉ. शिबल भारतीय ने कुछ जानकारियां शेयर कीं, आइए इन पर एक नजर डालें:
1. हाथों की हाइजीन पर ध्यान दें
स्कूल जाने से पहले अपने बच्चों को हैंड सैनिटाइज़र दें.
बच्चों को साबुन और पानी से हाथ धोने की तकनीक के बारे में शिक्षित करें.
बच्चों को बताएं कि वे हाथ अच्छी तरह धोए बिना अपने चेहरे, खासकर आंखों को न छूएं.
2. पर्सनल चीजों को शेयर न करें
शिक्षकों और अभिभावकों दोनों को छात्रों को नैपकिन जैसी पर्सनल चीजों को शेयर न करने के लिए कहें. किशोरों के लिए आंखों के मेकअप से बचना और उन मेकअप प्रोडक्ट्स और ब्रशों को शेयर न करना बुद्धिमानी है जो आंखों के संपर्क में आ सकते हैं
3. कॉन्टैक्ट लेंस के इस्तेमाल से बचें
4. स्विमिंग पूल और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में न जाएं.
5. कंजंक्टिवाइटिस से प्रभावित लोगों की निगरानी करें और उन्हें अलग करें.
ध्यान दें: कंजंक्टिवाइटिस के लक्षणों को तुरंत पहचानना जरूरी है. रेड आई वाले बच्चे को स्कूल न भेजें. अगर आप बच्चों को लाल आंखों के साथ देखते हैं, तो उनके माता-पिता को सूचित करें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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