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अचानक महसूस होने लगी है ब्रेस्ट में सिस्ट, जानें इसके कारण और मैनेज करने के नेचुरल तरीके

Causes and Diet of Breast Cysts : महिलाओं के ब्रेस्ट में सिस्ट एक सामान्य समस्या बन कर उभर रही है, जिसमें ब्रेस्ट की स्किन के नीचे तरल पदार्थ से भरी हुई गांठें बन जाती हैं.

अचानक महसूस होने लगी है ब्रेस्ट में सिस्ट, जानें इसके कारण और मैनेज करने के नेचुरल तरीके
ब्रेस्ट सिस्ट से छुटकारा पाने के नेचुरल तरीके

Causes and Diet of Breast Cysts : महिलाओं में हेल्थ से जुड़ी प्रॉब्लम्स काफी तेजी से बढ़ रही हैं. ऐसे में कई महिलाएं ब्रेस्ट से जुड़ी परेशानियों का भी शिकार हो रही हैं. ब्रेस्ट में होने वाले बदलावों को इग्नोर करने से अक्सर, ब्रेस्ट कैंसर (Brest Cancer) जैसी गंभीर बीमारियों का रिस्क बढ़ जाता है. लेकिन महिलाएं अपने ब्रेस्ट में किसी भी तरह की गांठ महसूस करती हैं, तो वे उसे कैंसर समझकर परेशान हो जाती हैं. हालांकि, ब्रेस्ट में गांठ का कारण हमेशा कैंसर (Breast me gandh) नहीं होता. महिलाओं के ब्रेस्ट में गांठ होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से एक सामान्य कारण ब्रेस्ट सिस्ट भी हो सकता है.

ब्रेस्ट सिस्ट, स्तन में लिक्विड से भरी एक थैली होती है, जो आमतौर पर कैंसर मुक्त होती है. यह सिस्ट हार्मोनल बदलावों के कारण डेवलप हो सकती है, खासकर पीरियड्स, प्रेगनेंसी, या मेनोपॉज के दौरान. ऐसे में जानते हैं कि किन कारणों से ब्रेस्ट सिस्ट होती हैं और इसे मैनेज कैसे कर सकते हैं? 


क्यों होता है ब्रेस्ट सिस्ट?

1. असंतुलित हार्मोन्स : असंतुलित हार्मोन्स से ब्रेस्ट सिस्ट हो सकता है. जब बॉडी में हार्मोन का स्तर डिसबैलेंस हो जाता है, खासकर एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के बीच असंतुलन, तो यह ब्रेस्ट में सिस्ट के डेवलेपमेंट को इफ़ेक्ट कर सकता है. एस्ट्रोजन का लेवल ज्यादा होने पर ब्रेस्ट टिशू में सूजन और तरल पदार्थ जमा होता है, जिससे सिस्ट बन सकते हैं. यह डिसबैलेंस आमतौर पर पीरियड्स, प्रेगनेंसी, मेनोपॉज या अन्य हार्मोनल चेंज के दौरान होता है. इसके अलावा, खराब डाइट, बहुत ज्यादा टेंशन, और अनहेल्दी लाइफस्टाइल भी हार्मोनल डिसबैलेंस का कारण बन सकते हैं. इसलिए, असंतुलित हार्मोन्स को सही करना और संतुलित डाइट, एक्सरसाइज और मेंटल पीस बनाए रखना ब्रेस्ट सिस्ट के रिस्क को कम कर सकता है.

2. नुट्रिशन की कमी : नुट्रिशन की कमी ब्रेस्ट सिस्ट के डेवलपमेंट को प्रभावित कर सकती है. बॉडी में आयोडीन, विटामिन D3, मैग्नीशियम जैसे खास नुट्रिशन की कमी ब्रेस्ट के टिशूज़ पर नेगेटिव इफेक्ट डाल सकती है, जिससे सिस्ट बनने का रिस्क बढ़ सकता है. आयोडीन की कमी से शरीर में हार्मोनल डिसबैलेंस हो सकता है, जो ब्रेस्ट टिशूज़ में सूजन और गांठों का कारण बन सकता है. विटामिन D3 की कमी से कैल्शियम का अब्सॉर्प्शन इफेक्ट होता है, जो बोन्स के साथ-साथ ब्रेस्ट हेल्थ पर भी असर डाल सकता है. मैग्नीशियम की कमी से टेंशन और नींद ना आने जैसी समस्या हो सकती हैं, जो हार्मोनल डिसबैलेंस को बढ़ावा देती हैं. इसलिए, इन नुट्रिशन की सही मात्रा को डाइट में शामिल करना ब्रेस्ट सिस्ट और अन्य हेल्थ प्रॉब्लम से बचाव के लिए जरूरी है. एक बैलेंस डाइट और सही लाइफस्टाइल अपनाने से ब्रेस्ट हेल्थ को बेहतर रखा जा सकता है.

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3. कॉस्मेटिक या ब्यूटी प्रोडक्ट्स : माइक्रोप्लास्टिक और एंडोक्राइन डिसरप्टर जैसे केमिकल्स, जो कॉस्मेटिक और ब्यूटी प्रोडक्ट्स में पाए जाते हैं, आपके हार्मोनल सिस्टम को इफ़ेक्ट कर सकते हैं. ये केमिकल बॉडी में हार्मोन्स को असंतुलित करते हैं, जिससे ब्रेस्ट टिशूज़ में सूजन और सिस्ट बनने का रिस्क बढ़ सकता है. एंडोक्राइन डिसरप्टर्स हार्मोन के नेचुरल वर्क को डिस्टर्ब करते हैं, जिससे ब्रेस्ट सिस्ट जैसी प्रॉब्लम्स हो सकती हैं. इसलिए, ऐसे प्रोडक्ट से बचना और नेचुरल ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना हेल्थ के लिए बेहतर होता है.

हार्मोनल संतुलन और ब्रेस्ट हेल्थ के लिए कुछ खास उपाय:

1. चीनी और रिफाइंड कार्ब्स का सेवन कम करें: 
चीनी और रिफाइंड कार्ब्स हार्मोन्स के असंतुलन और सूजन का कारण बन सकते हैं. इनका सेवन कम करने से सूजन में कमी आ सकती है और हार्मोन संतुलित रह सकते हैं.

2. एंडोक्राइन डिसरप्टर से बचें:
प्लास्टिक और केमिकल्स जैसे एंडोक्राइन डिसरप्टर हार्मोनल सिस्टम को इफेक्ट कर सकते हैं. इनसे बचने के लिए ऐसे प्रोडक्ट का इस्तेमाल सीमित करें और नेचुरल ऑप्शन अपनाएं.

3. विटामिन E से भरपूर आहार:
ब्रेस्ट में होने वाले दर्द को कम करने और ब्रेस्ट हेल्थ को बढ़ावा देने के लिए विटामिन E से भरपूर नट्स, सीड्स और पालक को डाइट में शामिल करें. यह सूजन को भी कम करता है.

4. ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन: हार्मोन्स का बैलेंस बनाए रखने के लिए ऐसी चीजों का सेवन करें जिनमें ओमेगा-3 भरपूर हो जैसे फ्लैक्ससीड्स, चिया सीड्स, अखरोट या मछली. यह सूजन को कम करने और हार्मोन्स को बैलेंस करने में मदद करता है.

5. हर्बल चाय का सेवन: 
कैमोमाइल और डंडेलियन रूट जैसी हर्बल चाय शरीर में डिटॉक्सिफिकेशन को बढ़ावा देती है और सूजन को कम करने में मदद कर सकती है. यह डिसबैलेंस हुए हार्मोन्स को बैलेंस करती है.

6. आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ: थायराइड हेल्थ और हार्मोनल बैलेंस  को बढ़ावा देने के लिए अपनी डाइट में आयोडीन से भरपूर फ़ूड इनग्रेडिएंट जैसे समुद्री शैवाल, अंडे और डेयरी प्रोडक्ट शामिल करें.

7. विटामिन D3 की कमी पूरी करें: विटामिन D3 की कमी को पूरा करने के लिए सूरज की रोशनी में समय बिताएं. यह हार्मोनल बैलेंस को बढ़ावा देने और शरीर की हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद करता है.

ध्यान रखें

ब्रेस्ट सिस्ट से बचाव के लिए, एक हेल्दी डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज, टेंशन कम करने के उपाय, और डॉक्टर द्वारा की तरफ़ से बताई गई हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाना जरूरी है. इसके साथ ही, अगर आप अपने ब्रेस्ट में किसी भी तरह का बदलाव, सूजन, गांठ या दर्द महसूस करें, तो तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें. समय पर टेकअप और ट्रीटमेंट से ब्रेस्ट सिस्ट जैसी प्रॉब्लम्स से बचा जा सकता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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