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This Article is From Jul 06, 2023

क्या आर्टिफिशियल स्वीटनर एस्पार्टेम कैंसर का कारण बन सकता है? जानिए किन चीजों में किया जाता है इसका इस्तेमाल

विश्व स्वास्थ्य संगठन एस्पार्टेम को "मनुष्यों के लिए कैंसरकारी" घोषित करने के लिए तैयार है. कई अध्ययनों में कहा गया है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर अनहेल्दी हैं.

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क्या आर्टिफिशियल स्वीटनर एस्पार्टेम कैंसर का कारण बन सकता है? जानिए किन चीजों में किया जाता है इसका इस्तेमाल
एस्पार्टेम का उपयोग आमतौर पर डायटरी सोडा में किया जाता है.

शुगर वजन बढ़ाने और कई स्वास्थ्य समस्याओं के बढ़ते रिस्क से जुड़ी होती है. इसलिए कई लोगों ने आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. हालांकि, कृत्रिम मिठास रेगुलर शुगर से बेहतर नहीं हैं. कई अध्ययनों में कहा गया है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर अनहेल्दी हैं. हाल ही में सबसे ज्यादा उपयोग किए जाने वाले आर्टिफिशियल स्वीटनर्स में से एक एस्पार्टेम सालों के शोध के बाद जांच के दायरे में है. विश्व स्वास्थ्य संगठन एस्पार्टेम को "मनुष्यों के लिए कैंसरकारी" घोषित करने के लिए तैयार है. कार्सिनोजेनिक का अर्थ है कैंसर पैदा करने की क्षमता होना.

एस्पार्टेम क्या है?

एस्पार्टेम सबसे व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले स्वीटनर्स में से एक है. इसका उपयोग लो कैलोरी वाले फूड्स और ड्रिंक्स में किया जाता है लेकिन इसमें रेगुलर शुगर की तरह ही कैलोरी होती है.

एस्पार्टेम रेगुलर शुगर की तुलना में 200 गुना अधिक मीठा होता है, इसलिए इसका उपयोग कम मात्रा में किया जाता है. यह एक गंधहीन पाउडर है.

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फूड्स और ड्रिंक्स जिनमें एस्पार्टेम होता है

एस्पार्टेम का उपयोग डायटरी सोडा, शुगर-फ्री डेसर्ट, शुगर-फ्री च्युइंग गम और अन्य फूड्स में किया जाता है जिन्हें आमतौर पर शुगर-फ्री या शून्य शुगर के रूप में लेबल किया जाता है.

डब्ल्यूएचओ एक रिपोर्ट जारी करने की तैयारी कर रहा है जिसमें कहा गया है कि यह कृत्रिम स्वीटनर संभवतः कैंसर का कारण बन सकता है.

एस्पार्टेम के सेवन से कैंसर खासकर से स्तन और मोटापे से संबंधित कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.

क्या अन्य आर्टिफिशियल स्वीटनर सुरक्षित हैं?

डब्ल्यूएचओ ने पहले भी कई बार नॉन शुगर स्वीटरनर (एनएसएस) के इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी दी है.

डब्ल्यूएचओ द्वारा शेयर की गई गाइडलाइन के अनुसार, एनएसएस के उपयोग से बचने से बॉडी वेट को कंट्रोल करने या नॉन-कम्यूनिकेबल डिजीज के रिस्क को कम करने में मदद मिल सकती है.

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"फ्री शुगर को एनएसएस के साथ बदलने से लंबे समय में वेट कंट्रोल में मदद नहीं मिलती है. लोगों को फ्री शुगर का सेवन कम करने के अन्य तरीकों पर विचार करने की जरूरत है, जैसे कि प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले शुगरी फूड, जैसे फल या बिना शुगर वाले फूड और ड्रिंक्स का सेवन करना. लोगों को अपनी हेल्थ में सुधार के लिए जीवन की शुरुआत से ही डाइट में शुगर को पूरी तरह से कम कर देना चाहिए," डब्ल्यूएचओ के पोषण और फूड सेफ्टी निदेशक फ्रांसेस्को ब्रैंका ने कहा.

डब्ल्यूएचओ ने आमतौर पर उपयोग किए जाने वाले आर्टिफिशियल स्वीटनर्स को भी लिस्टेड किया है जिनसे किसी को बचना चाहिए. इनमें एसेसल्फेम के एस्पार्टेम, एडवांटेम, साइक्लामेट्स, नियोटेम, सैकरिन, सुक्रालोज, स्टीविया और स्टीविया डेरिवेटिव शामिल हैं.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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