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लगातार सिरदर्द, चक्कर आना…बीपी के 5 लक्षण, साल में कितनी बार जांच जरूरी

How To Control High BP Naturally: ब्लड प्रेशर के लक्षण आमतौर पर एडवांस स्टेज में दिखाई देते हैं. शुरुआती अवस्था में अधिकतर लोगों को कोई परेशानी महसूस नहीं होती. एक्सपर्ट ने बताया हाई बीपी के कारण, लक्षण और उपचार.

लगातार सिरदर्द, चक्कर आना…बीपी के 5 लक्षण, साल में कितनी बार जांच जरूरी
High BP Cause: बीपी हाई होने पर दिखते हैं ये लक्षण.

How To Control High BP Naturally: ब्लड प्रेशर यानी हाई बीपी आज के समय की एक बेहद आम लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या है. इसे साइलेंट कंडीशन कहा जाता है, क्योंकि शुरुआती दौर में इसके लक्षण साफ तौर पर नजर नहीं आते. कई बार सालों तक व्यक्ति को पता ही नहीं चलता कि उसका ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है, और जब लक्षण सामने आते हैं तब तक स्थिति काफी आगे बढ़ चुकी होती है. डॉ. नरेश त्रेहान ने बताया कि ब्लड प्रेशर क्या है, इसके लक्षण कौन-कौन से होते हैं, इसके कारण क्या हैं और इसके इलाज के क्या-क्या ऑप्शन हैं.

ब्लड प्रेशर के लक्षण (Symptoms of High Blood Pressure)

ब्लड प्रेशर के लक्षण आमतौर पर एडवांस स्टेज में दिखाई देते हैं. शुरुआती अवस्था में अधिकतर लोगों को कोई परेशानी महसूस नहीं होती. आइए जानते हैं इसके शुरूआती लक्षण क्या हो सकते हैं-

चेहरे पर फ्लशिंग या रेडनेस- चेहरे पर लगातार रेडनेस रहना या ऐसा महसूस होना जैसे चेहरा तमतमा रहा हो.

आंखों में लाल धब्बे- आंखों की पुतलियों के अंदर छोटे-छोटे लाल स्पॉट दिखना, जो ब्लड क्लॉट्स के कारण हो सकते हैं.

चक्कर आना - बार-बार चक्कर महसूस होना या बैलेंस बिगड़ना.

लगातार सिरदर्द - बिना किसी वजह के बार-बार सिरदर्द रहना.

नाक से खून आना - बार-बार नाक से खून आना भी हाई ब्लड प्रेशर का संकेत हो सकता है.

ध्यान रखें, ये लक्षण अधिकतर तब दिखते हैं जब ब्लड प्रेशर काफी समय से अनकंट्रोल हो. इसलिए समय-समय पर ब्लड प्रेशर की जांच करते रहना चाहिए.

ब्लड प्रेशर की जांच क्यों जरूरी है

  • ब्लड प्रेशर को पहचानने का सबसे भरोसेमंद तरीका है नियमित जांच करना.
  • 35 साल से ऊपर के लोगों को साल में कम से कम 1–2 बार ब्लड प्रेशर जरूर चेक कराना चाहिए.
  • अगर फैमिली हिस्ट्री, मोटापा या दूसरे रिस्क फैक्टर्स मौजूद हों, तो हर 2–3 महीने में जांच कराना बेहतर होता है.
  • समय- समय पर जांच करवाने से ब्लड प्रेशर को शुरुआती कंडीशन में ही कंट्रोल किया जा सकता है.

हाइपरटेंशन के प्रकार (Types of Hypertension)

ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है-

1. एसेंशियल (प्राइमरी) हाइपरटेंशन

यह सबसे आम प्रकार है और अधिकतर लोगों में यही पाया जाता है. इसके पीछे कोई एक स्पष्ट कारण नहीं होता, बल्कि कई फैक्टर्स मिलकर इसकी वजह बनते हैं.

  • जेनेटिक फैक्टर – अगर माता-पिता को हाई ब्लड प्रेशर है, तो जोखिम बढ़ जाता है
  • उम्र बढ़ना – खासकर 65 साल के बाद
  • मोटापा (Obesity)
  • ज्यादा नमक (सोडियम) का सेवन
  • अधिक शराब का सेवन
  • फिजिकल एक्टिविटी की कमी
2. सेकेंडरी हाइपरटेंशन

यह किसी दूसरी बीमारी या ऑर्गन की समस्या के कारण होता है. इसमें ब्लड प्रेशर खुद बीमारी नहीं होता, बल्कि किसी अन्य समस्या का परिणाम होता है.

कारण:

  • किडनी से जुड़ी बीमारियां
  • जन्मजात हृदय रोग
  • कुछ दवाइयों का सेवन
  • हार्मोनल समस्याएं
  • एड्रिनल ग्लैंड की गड़बड़ी
  • थायराइड की समस्या

ब्लड प्रेशर का इलाज  ( Blood Pressure Treatment Options)

ब्लड प्रेशर का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि आपको हाइपरटेंशन किस प्रकार का है.

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एसेंशियल हाइपरटेंशन का इलाज

शुरुआत में इलाज लाइफस्टाइल बदलाव से किया जा सकता है-

  • वजन कम करना
  • नियमित एक्सरसाइज
  • नमक का सेवन कम करना
  • ज्यादा सब्जियां और फाइबर युक्त आहार
  • स्मोकिंग छोड़ना
  • शराब का सीमित सेवन

अधिकतर मामलों में इन बदलावों से ही ब्लड प्रेशर कंट्रोल हो जाता है. अगर इससे फायदा न मिले, तो डॉक्टर की सलाह से दवाइयों की शुरुआत की जाती है. इसके अलावा कुछ आयुर्वेदिक, यूनानी दवाएं और घरेलू उपाय भी शुरुआती स्टेज में मदद कर सकते हैं, लेकिन इसमें एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. 

सेकेंडरी हाइपरटेंशन का इलाज

इसमें इलाज का फोकस उस बीमारी या ऑर्गन पर होता है जिसकी वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ रहा है. जब समस्या की जड़ ठीक हो जाती है, तो ब्लड प्रेशर अपने आप कंट्रोल में आने लगता है.

ब्लड प्रेशर एक ऐसी बीमारी है जो धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाती है. समय पर जांच, सही जानकारी और लाइफस्टाइल में छोटे-छोटे बदलाव इसे कंट्रोल में रखने का सबसे प्रभावी तरीका हैं. अगर समय रहते पहचान और सही इलाज किया जाए, तो हाई ब्लड प्रेशर से होने वाली गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है.

(यह लेख मेदांता अस्पताल के कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉ. नरेश त्रेहान से बातचीत पर आधारित है)

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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