विज्ञापन

शारीरिक कमजोरी में असरदार औषधि 'बला', मांसपेशियों और नसों को देती है मजबूती

प्रकृति में ऐसी अनेक औषधियां हैं जो किसी भी दवा से ज्यादा प्रभावशाली होती हैं, 'बला' उन्हीं में से एक है. जैसा नाम, वैसा ही इस औषधि का काम है. इसका उपयोग आयुर्वेद में हजारों सालों से किया जा रहा है.

शारीरिक कमजोरी में असरदार औषधि 'बला', मांसपेशियों और नसों को देती है मजबूती
बीमारियों के लिए काल है ये बला.

प्रकृति में ऐसी अनेक औषधियां हैं जो किसी भी दवा से ज्यादा प्रभावशाली होती हैं, 'बला' उन्हीं में से एक है. जैसा नाम, वैसा ही इस औषधि का काम है. इसका उपयोग आयुर्वेद में हजारों सालों से किया जा रहा है. बला का जिक्र चरक संहिता, सुश्रुत संहिता और भावप्रकाश निघंटु जैसे ग्रंथों में विस्तार से किया गया है. आयुर्वेद में बला को कई नाम दिए गए हैं, जैसे 'बल्य', 'वातहर', 'वीर्यवर्धक', 'शुक्रवर्धक' और 'दाह शमन'. यह औषधि शरीर को ताकत देने के साथ-साथ थकान दूर करती है और कई बीमारियों में फायदेमंद मानी जाती है.

चरक संहिता के अनुसार, बला वात दोष को कम करती है. जिन लोगों को जोड़ों में दर्द, नसों की कमजोरी या गैस से जुड़ी समस्याएं होती हैं, उनके लिए यह बहुत फायदेमंद होती है. इसके अलावा, यह दूध बढ़ाने वाली, वीर्य बढ़ाने वाली और थकान मिटाने वाली औषधि भी मानी जाती है. बला का स्वाद मीठा होता है, जिसके चलते इसे आयुर्वेद में मधुर रस कहा गया है. यह शरीर को ठंडक देती है और वात-कफ को संतुलित करती है.

आधुनिक विज्ञान ने भी बला के गुणों को पहचाना है. रिसर्च में पाया गया है कि बला में एंटीऑक्सिडेंट्स, फ्लेवोनॉयड्स, अल्कलॉइड्स और फाइटोस्टेरॉल जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं. इसमें एक इफेड्रिन जैसा खास तत्व पाया गया है, जो शरीर की सहनशक्ति बढ़ाता है और थकावट को दूर करता है.

ये भी पढ़ें- सुबह नहीं साफ हो रहा है पेट तो उठने के बाद 5 मिनट कर लें ये काम, फौरन भागेंगे टॉयलेट

यहां बताते चलें कि इफेड्रिन का उपयोग अस्थमा और हाइपोटेंशन के उपचार में किया जाता है.

शारीरिक कमजोरी में बला ताकत देने का काम करती है. बच्चों, बुजुर्गों और बीमारों के लिए यह बहुत उपयोगी है क्योंकि यह शरीर को जल्दी ठीक होने में मदद करती है. वात रोग, जैसे जोड़ों का दर्द, गठिया, पक्षाघात और नसों की कमजोरी में यह रामबाण मानी जाती है.

महिलाओं के लिए यह बहुत फायदेमंद है, खासकर गर्भावस्था के बाद शरीर को ताकत देने के लिए और दूध बढ़ाने के लिए इसका उपयोग होता है. यह दर्द और सूजन में भी राहत देती है. इसका तेल जोड़ों पर लगाने से दर्द में आराम मिलता है.

अगर बच्चों को सर्दी-खांसी है तो बला का अर्क देने से राहत मिलती है. स्नान से पहले बला तेल की मालिश करने से पूरे शरीर में ऊर्जा मिलती है और थकान दूर होती है. ज्यादा कमजोरी होने पर बला, शतावरी और अश्वगंधा को मिलाकर सेवन करने से शरीर में मजबूती आती है.

हालांकि बला के जितने फायदे हैं, उतनी ही सावधानियां भी हैं. अगर इसे ज्यादा मात्रा में लिया जाए तो यह कफ बढ़ा सकती है, जिससे बलगम या जुकाम हो सकता है. जिन लोगों का शरीर बहुत ठंडा रहता है, उन्हें इसे सीमित मात्रा में लेना चाहिए. कोई भी आयुर्वेदिक औषधि लेने से पहले किसी अच्छे वैद्य या आयुर्वेदाचार्य से सलाह जरूर लें.

Watch Video: कैंसर क्यों होता है? कैसे ठीक होगा? कितने समय में पूरी तरह स्वस्थ हो सकते हैं?

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com