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This Article is From Oct 12, 2023

कमजोर और दुबला-पतला है बच्‍चा, खाने से चुराता है जी? ये हो सकती है वजह, जानें बच्चों में पोषण की कमी के कारण, लक्षण और हल

एक से दो साल तक की उम्र में बच्चों में की ग्रोथ काफी तेज होती है और यही समय उनके ब्रेन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाता है. जबकि इस समय उन्हें खाना खिलाना किसी चुनौती से कम नहीं होता है .

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कमजोर और दुबला-पतला है बच्‍चा, खाने से चुराता है जी? ये हो सकती है वजह, जानें बच्चों में पोषण की कमी के कारण, लक्षण और हल
बच्चों के सही पोषण के लिए इन बातों का रखें ख्याल.

Symptoms of poor diet : छोटे बच्चे खासकर एक से तीन साल तक के बच्चों को दूध पिलाना या खाना खिलाना किसी चुनौती से कम नहीं होता है. एक से दो साल तक की उम्र में बच्चों की ग्रोथ काफी तेज होती है और यही समय उनके ब्रेन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाता है. इसलिए इस समय न्यूट्रिएंट्स की जरूरत बहुत ज्यादा होती है. जबकि बच्चे वहीं खाना चाहते हैं जो उन्हें पसंद आता है, जिसके कारण उन्हें पोषण वाली चीजें खिलाना मुश्किल हो जाता है. इससे बच्चे पोषण की कमी यानी न्यूट्रिशनल डिफिशिएंसी (Nutritional deficiency) के शिकार हो जाते हैं. आइए जानते हैं बच्चों में न्यूट्रिशनल डिफिशिएंसी के लक्षण (Signs of nutritional deficiency) और उन्हें दूर करने के उपाय (Tips to prevent Nutritional deficiency) …


बच्चों में पोषण की कमी के लक्षण | Signs of Nutritional Deficiency Toddlers

  • विटामिन बी 12 की कमी के कारण बच्चों में बोलने की शुरुआत में देर हो सकती है.
  • फूड में प्रोबायोटिक की कमी और गट हेल्थ खराब होने के कारण बच्चे हाइपर एक्टिव हो जाते हैं .
  •  जरूरी फैटी एसिड जैसे विटामिन ए, डी, के और ई की कमी के कारण स्किन और बाल ड्राई हो सकते हैं.
  • खराब गट हेल्थ के कारण इम्यून सिस्टम के कमजोर होने से बार बार सर्दी और जुकाम हो सकता है.
  • आयरन की कमी के कारण भूख नहीं लगने की समस्या हो सकती है.

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बच्चों में न्यूट्रिशनल डिफिशिएंसी के प्रकार और उसके लक्षण | Types of nutritional deficiencies in toddlers and their signs

विटामिन डी ( Vitamin D) : विटामिन डी की कमी के कारण बच्चों के ग्रोथ पर असर पड़ने के साथ साथ रिकेट्स होने का खतरा होता है. बच्चों में विटामिन डी की कमी का कारण प्रेगनेंसी और फीडिंग के दौरान मां में विटामिन डी की कमी, बच्चे को सुबह की सूर्य की रोशनी में  नहीं रखना, ज्यादा स्क्रीन टाइम, शाकाहारी डाइट और कुछ खास तरह के फूड्स से दूर रहना हो सकते हैं. विटामिन डी के लिए डाइट में फिश, एग योक, गाय का दूध, ब्रेकफास्ट में ड्राई फ्रूट्स शामिल करने के साथ साथ धूप में रहना जरूरी है.

विटामिन के (Vitamin K) :फैट सॉल्युबल विटामिन K ब्लड क्लॉट और ब्लड से संबंधित दूसरे डिस्ऑर्डर दूर करने के लिए जरूरी होता है. इसकी कमी के कारण ब्लीडिंग रुकने में देरी, पाचन संबंधी परेशानी और चिड़चिड़ापन हो सकता है. बच्चों को मां के दूध से भरपूर विटामिन के नहीं मिल पाता है इसलिए डाइट में ब्रोकोली, हरी पत्तेदार सब्जियां, पत्ता गोभी, फूलगोभी और मीट प्रोडक्ट्स शामिल करना जरूरी है.

विटामिन ए (Vitamin A) : विटामिन ए आंखों और ब्लड में वाइट सेल्स बनने के लिए जरूरी होता है. वाइट ब्लड सेल्स इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है और यह नाइट ब्लाइंडनेस, स्किन संबंधी समस्याओं से बचाता है. गाजर, संतरा, कद्दू, ब्रोकोली, डेयरी प्रोडक्ट्स, अंडे और शिमला मिर्च विटामिन ए के बेहतरीन सोर्स हैं.

आयरन( Iron) : आयरन ब्लड में रेड सेल्स को बनाने के लिए जरूरी होता है. यह बच्चों में पोषण संबंधी एनीमिया को भी रोकने में मदद करता है. आयरन की कमी के लक्षणों में भूख न लगना, चिड़चिड़ापन, थकान और चक्कर आना शामिल हैं. हरी पत्तेदार सब्जियां, रागी, चुकंदर, आलूबुखारा, मेवे और किशमिश, सूखे खजूर, अंडे, मछली और चिकन आयरन के बेहतरीन सोर्स हैं.

कैल्शियम (Calcium) : हेल्दी दांतों और हड्डियों के सही विकास के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है. कैल्शियम की कमी के लक्षणों में मुड़े हुए पैर, ग्रोथ रुकना और मसल्स में दर्द या कमज़ोरी शामिल हैं. डेयरी प्रोडक्ट्स , सोया प्रोडक्ट्स, हरी पत्तेदार सब्जियां, बाजरा, अंडे, मेवे और बीज और खसखस में भरपूर कैल्शियम मिलता है.

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बच्चों में न्यूट्रिशनल डिफिशिएंसी रोकने के उपाय | How to fight nutritional deficiencies in toddlers

  • बच्चों के पसंदीदा फूड्स में न्यूट्रिएंट्स से भरपूर चीजों को शामिल करने के लिए योजना बनाएं.
  •  बच्चों की डाइट में सभी 5 फूड ग्रुप्स को शामिल करें
  •  खरीदारी करते समय पैक्ड और प्रिजर्व्ड फूड खरीदने से बचें
  • बच्चों के लिए खाने को दिलचस्प बनाएं. इसके लिए बर्तन का आकार, रंग और बनावट बदलें, नई रेसिपीज आज़माएं.एलर्जी वाले खाद्य पदार्थों से सावधान रहें
  • जबरदस्ती खिलाने से बचें और धीरे-धीरे  की मात्रा बढ़ाएं. बच्चों को  2 छोटे स्नैक्स जरूर दें. इसमें दही, क्रैकर्स विद ह्यूमस, ओट्स पैनकेक, सैंडविच, पनीर भुर्जी, मखाना खीर, मिल्क रेसिपी, सब्जी पैटीज़ खिलाएं.
  • बेहतर पोषण स्थिति के लिए 8-9 घंटे की अच्छी नींद जरूरी है

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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