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Autistic Pride Day: ऑटिस्टिक प्राइड डे मनाने की जरूरत क्यों हैं? जानिए इस दिन का उद्देश्य और इतिहास

Autistic Pride Day: ऑटिस्टिक प्राइड डे की शुरुआत ब्राजील में हुई थी. पहली बार 2005 में एस्पिस फॉर फ्रीडम (AFF) नामक संगठन ने इसे मनाया. इस दिन को मनाने का विचार ऑटिज्म से पीड़ित लोगों के साथ होने वाले भेदभाव के खिलाफ एक प्रतिक्रिया के रूप में आया था.

Autistic Pride Day: ऑटिस्टिक प्राइड डे मनाने की जरूरत क्यों हैं? जानिए इस दिन का उद्देश्य और इतिहास
Autistic Pride Day 2025: यह दिवस स्वीकृति, जागरूकता और समानता को बढ़ावा देता है.

Autistic Pride Day: ऑटिस्टिक प्राइड डे हर साल 18 जून को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य ऑटिज्म से जुड़े लोगों को गर्व और आत्मसम्मान का अहसास कराना है. यह दिन समाज को यह संदेश देता है कि ऑटिज्म कोई बीमारी नहीं, बल्कि सोचने और समझने का एक अलग तरीका है. ऑटिस्टिक प्राइड डे की शुरुआत 2005 में एस्पिस फॉर फ्रीडम (AFF) नामक संगठन ने की थी. इस दिन को मनाने का विचार ऑटिज्म से पीड़ित लोगों के साथ होने वाले भेदभाव के खिलाफ एक प्रतिक्रिया के रूप में आया था. यह दिवस स्वीकृति, जागरूकता और समानता को बढ़ावा देता है, जिससे ऑटिस्टिक व्यक्तियों को समाज में समान अवसर मिल सकें.

ऑटिस्टिक प्राइड डे का उद्देश्य

इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य ऑटिज्म से जुड़े लोगों को गर्व और आत्मसम्मान का अहसास कराना है. यह समाज को यह संदेश देता है कि ऑटिज्म कोई बीमारी नहीं, बल्कि सोचने और समझने का एक अलग तरीका है.

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ऑटिस्टिक प्राइड डे का उद्देश्य है:

  • ऑटिज्म से जुड़े लोगों को समाज में समान अवसर देना.
  • ऑटिज्म को लेकर फैली गलतफहमियों को दूर करना.
  • ऑटिस्टिक व्यक्तियों की क्षमताओं को पहचानना और उन्हें प्रोत्साहित करना.

ऑटिस्टिक प्राइड डे का इतिहास

ऑटिस्टिक प्राइड डे की शुरुआत ब्राजील में हुई थी. पहली बार 2005 में एस्पिस फॉर फ्रीडम (AFF) नामक संगठन ने इसे मनाया. इस दिन को मनाने का विचार ऑटिज्म से पीड़ित लोगों के साथ होने वाले भेदभाव के खिलाफ एक प्रतिक्रिया के रूप में आया था.

ऑटिज्म को लेकर समाज में बदलाव

समाज में ऑटिज्म को लेकर कई गलत धारणाएं हैं. कई बार ऑटिस्टिक व्यक्तियों को सामाजिक अलगाव और भेदभाव का सामना करना पड़ता है. लेकिन, सही सपोर्ट और जागरूकता से ऑटिस्टिक लोग जीवन के हर क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन कर सकते हैं.

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ऑटिस्टिक प्राइड डे हमें यह याद दिलाता है कि हर व्यक्ति की सोचने और समझने की क्षमता अलग होती है और हमें इसे स्वीकार करना चाहिए.

ऑटिस्टिक प्राइड डे सिर्फ एक जागरूकता दिवस नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का एक प्रयास है. यह हमें सिखाता है कि ऑटिज्म कोई कमजोरी नहीं, बल्कि एक अलग तरह की क्षमता है. इस दिन को मनाकर हम ऑटिस्टिक व्यक्तियों को गर्व और आत्मसम्मान देने की दिशा में एक कदम बढ़ा सकते हैं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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