विज्ञापन

आचार्य प्रशांत ने चेताया, NDM-1 बैक्टीरिया से गई प‍िता की जान, सिर्फ द‍िल्‍ली में होता है ये सुपरबग, कोई एंटीबायोटिक नहीं करती काम

आज हम इसी बैक्टीरिया के बारे में बात करने वाले हैं और जानेंगे कि यह कितना खतरनाक है, इसके लक्षण क्या हैं और इस बैक्टीरिया से किस तरह बचा जा सकता है.

आचार्य प्रशांत ने चेताया, NDM-1 बैक्टीरिया से गई प‍िता की जान, सिर्फ द‍िल्‍ली में होता है ये सुपरबग, कोई एंटीबायोटिक नहीं करती काम
जानिए क्या है एनडीएम-1 बैक्टीरिया

New Delhi Metallo-Beta-Lactamase 1: भारतीय लेखक और अध्यात्म शिक्षक आचार्य प्रशांत (Acharya Prashant) का एक वीडियो इन दिनों खूब वायरल हो रहा है. वीडियो में वह बता रहे हैं कि करीब एक साल पहले एनडीएम-1 बैक्टीरिया (NDM-1 bacteria) के चलते उनके पिता की मौत हो गई. आचार्य प्रशांत (Acharya Prashant) बताते हैं कि यह सुपरबग (Superbug) सिर्फ दिल्ली की आबोहवा में मौजूद है और इतना खतरनाक है कि कोई भी एंटीबायोटिक इस पर काम नहीं करता है. आज हम इसी बैक्टीरिया के बारे में बात करने वाले हैं और जानेंगे कि यह कितना खतरनाक है, इसके लक्षण क्या हैं और इस बैक्टीरिया से किस तरह बचा जा सकता है.

क्या है एनडीएम-1 बैक्टीरिया? (What is NDM-1 bacteria?)

मेटालो-बीटा-लैक्टामेज नामक एंजाइम को सामान्य भाषा में एनडीएम-1 कहा जाता है और इसका नामकरण कथित रूप से भारत में इस बैक्टीरिया के उत्पत्ति के मूल स्थल नई दिल्ली के नाम पर रखा गया है. कुछ बैक्टीरिया द्वारा यह एंजाइम बनाया जाता है जो ई.कोली और के.निनोनिया जैसे कीटाणुओं को एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति प्रतिरोधी बना सकता है. मेटालो-बीटा-लैक्टामेज एंजाइम बनाने वाले बैक्टीरिया सीधा संपर्क या इंडायरेक्ट कॉन्टैक्ट के जरिए भी फैल सकता है. मेडिकल टूरिज्म और अंतर्राष्ट्रीय यात्रा को एनडीएम-1 संक्रमण तेजी से फैलने के पीछे की वजह के तौर पर भी देखा जाता है.

Also Read: बची हुई दवा से फायदे की बजाए हो सकता है नुकसान, जानिए बच्चों को क्यों नहीं देनी चाहिए महीनों पहले से रखी दवाएं

एनडीएम-1 बैक्टीरिया के लक्षण (Symptoms of NDM-1 bacteria)

  • थकान
  • शॉक (अगर बैक्टीरिया ब्लड स्ट्रीम में प्रवेश कर जाए)
  • बुखार
  • यूरीन इंफेक्शन
  • ब्लड स्ट्रीम संक्रमण (सेप्सिस)
  • निमोनिया
     

एनडीएम-1 बैक्टीरिया से बचाव के उपाय (Preventive Measures)


1. साफ-सफाई : हाइजीन का ध्यान रख कर आप एनडीएम-1 बैक्टीरिया के संक्रमण को रोक सकते हैं. नियमित रूप से अपने हाथों को साबुन से धोएं और हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें. बाथरूम से आने के बाद, खाना खाने या बनाने से पहले और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद हाथों को जरूर सैनिटाइज करें. नियमित सैनिटाइजेशन से आप बैक्टीरिया के संक्रमण को रोक सकते हैं.

2. मेडिकल प्रैक्टिस : अस्पताल में अपनी सुरक्षा का खास ध्यान रखें. हॉस्पिटल में जब एनडीएम-1 से पीड़ित मरीज का इलाज किया जाता है तो यह दूसरे लोगों तक भी फैल सकता है. हॉस्पिटल मैनेजमेंट को ऐसे मरीजों को अलग कमरे में रखना चाहिए और सभी सुरक्षात्मक उपायों को अपनाया जाना चाहिए.

3. एंटीबायोटिक्स के प्रयोग में सावधानी : एनडीएम-1 बैक्टीरिया सबसे पावरफुल एंटीबायोटिक्स में से एक कार्बापेनेम्स को बेअसर कर देता है. नए बैक्टीरिया में विकसित होने वाले एनडीएम-1 के जोखिम को कम करने के लिए आपको मौजूदा एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग समझदारी से करना होगा. आप पहले से जो एंटीबायोटिक ले रहे हैं उसके बारे में अपने डॉक्टर से बात करें.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Previous Article
30 Day Weight Loss Challenge (Day 8): ब्राउन राइस के साथ ये चीज खाना तेजी से वजन कम करेगा वजन, साथ में करें ये व्यायाम
आचार्य प्रशांत ने चेताया, NDM-1 बैक्टीरिया से गई प‍िता की जान, सिर्फ द‍िल्‍ली में होता है ये सुपरबग, कोई एंटीबायोटिक नहीं करती काम
सर्दी में ड्राई नहीं होगी आपकी स्किन, बस लगाएं ये घरेलू चीज और दिखें चमकदार और जवां
Next Article
सर्दी में ड्राई नहीं होगी आपकी स्किन, बस लगाएं ये घरेलू चीज और दिखें चमकदार और जवां
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com