विज्ञापन

मानसून में ये 9 बीमारियां मचाती हैं आतंक, लिस्ट में पहली 3 करती हैं बहुत ज्यादा परेशान, जानिए इनसे बचने के कारगर तरीके

Common Monsoon Diseases: मानसून का मौसम जहां एक तरफ धरती को हरियाली से भर देता है, वहीं दूसरी तरफ कई तरह की बीमारियों को भी आमंत्रित करता है. हम मानसून के दौरान होने वाली कुछ बड़ी बीमारियों और उनके बचाव के उपायों के बारे में बता रहे हैं.

मानसून में ये 9 बीमारियां मचाती हैं आतंक, लिस्ट में पहली 3 करती हैं बहुत ज्यादा परेशान, जानिए इनसे बचने के कारगर तरीके
Monsoon Disease: मानसून के कारण कई वायरल इंफेक्शन होते हैं.

Rainy Season Diseases: मानसून के मौसम में बीमार पड़ने का जोखिम ज्यादा होता है. बढ़ी हुई नमी, ठहरा हुआ पानी और तापमान में उतार-चढ़ाव बैक्टीरिया, वायरस और परजीवी सहित कई रोगजनकों के प्रसार के लिए एक आदर्श वातावरण बनाते हैं. नतीजतन, हम हैजा, टाइफाइड और हेपेटाइटिस ए जैसी जलजनित बीमारियों के साथ-साथ डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी वेक्टर जनित बीमारियों के प्रति ज्यादा सेंसिटिव होते हैं, जो स्थिर पानी में पनपने वाले मच्छरों द्वारा फैलती हैं. इसके अलावा, नम वातावरण और भीड़-भाड़ वाली स्थितियों के कारण श्वसन संक्रमण बढ़ सकता है. यहां हम आपको इस मानसून में होने वाली बीमारियों के बारे में बता रहे हैं.

मानसून के दौरान सावधान रहने वाली बीमारियां | Diseases To Be Careful of During Monsoon

1. डेंगू बुखार

डेंगू एडीज मच्छरों द्वारा फैलता है, जो स्थिर पानी में पनपते हैं. इसके लक्षणों में तेज बुखार, गंभीर सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, चकत्ते और हल्का ब्लड प्रेशर शामिल हैं. गंभीर डेंगू के कारण प्लाज़्मा रिसाव, द्रव संचय, श्वसन संकट, हैवी ब्लीडिंग या ऑर्गेन डैमेज हो सकता है.

यह भी पढ़ें: रात को देर से या कम सोने से ही नहीं होते डार्क सर्कल, अगर करते हैं इनको लंबे टाइम तक इग्नोर, तो ये 6 नुकसान झेलने के लिए रहें तैयार

2. मलेरिया

मलेरिया प्लास्मोडियम परजीवी के कारण होता है, जो एनोफिलीज मच्छरों द्वारा फैलता है. इसके लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, मतली, उल्टी, मांसपेशियों में दर्द और थकान शामिल हैं. गंभीर मामलों में पीलिया, किडनी फेलियर, दौरे और कोमा हो सकता है. निवारक उपायों में मच्छरदानी, कीट विकर्षक का उपयोग करना और आस-पास कोई रुका हुआ पानी न हो इसका ध्या रखना.

3. चिकनगुनिया

एडीज मच्छरों द्वारा भी फैलने वाला चिकनगुनिया तेज बुखार, जोड़ों में तेज दर्द, दाने और मांसपेशियों में दर्द के साथ होता है. हालांकि यह कभी-कभार ही जानलेवा होता है, लेकिन जोड़ों का दर्द दुर्बल करने वाला हो सकता है और महीनों तक बना रह सकता है.

यह भी पढ़ें: डायबिटिक और प्री-डायबिटिक पेशेंट्स का शुगर लेवल कितना होता है? नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल कितना होना चाहिए? डॉक्टर ने बताया...

Latest and Breaking News on NDTV

4. लेप्टोस्पायरोसिस

लेप्टोस्पायरोसिस एक जीवाणु संक्रमण है जो जानवरों के मूत्र से दूषित पानी के माध्यम से फैलता है. इससे तेज बुखार, सिरदर्द, ठंड लगना, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी, पीलिया और कभी-कभी दाने हो जाते हैं. गंभीर मामलों में किडनी डैमेज, लिवर फेलियर, श्वसन संकट और मेनिन्जाइटिस हो सकता है. रोकथाम में बाढ़ के पानी में जाने से बचना, सुरक्षात्मक कपड़े पहनना और अच्छी स्वच्छता बनाए रखना शामिल है.

5. टाइफाइड बुखार

टाइफाइड साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के कारण होता है और दूषित भोजन और पानी से फैलता है. लक्षणों में लंबे समय तक बुखार, कमजोरी, पेट दर्द, सिरदर्द और भूख न लगना शामिल हैं. गंभीर मामलों में आंतों में छेद और रक्तस्राव हो सकता है. निवारक उपायों में साफ पानी पीना, अच्छी तरह से पका हुआ भोजन खाना और हाइजीन बनाए रखना शामिल है.

यह भी पढ़ें: आटा गूंथते समय मिलाएं ये चीज, नेचुरली कम होने लगेगा आपका बॉडी फैट और मोटे पेट को अंदर करने में भी मददगार

6. हैजा

हैजा विब्रियो कोलेरा बैक्टीरिया के कारण होता है, जो दूषित पानी में पनपता है. इससे गंभीर दस्त, उल्टी और डिहाइड्रेशन होता है, जो तुरंत इलाज न किए जाने पर घातक हो सकता है. रोकथाम में उबला हुआ या फिल्टर्ड पानी पीना, ठीक से पका हुआ भोजन खाना और हाइजीन प्रैक्टिस करना शामिल है.

7. हेपेटाइटिस ए

हेपेटाइटिस ए एक वायरल संक्रमण है जो दूषित भोजन और पानी के जरिए लिवर को प्रभावित करता है. लक्षणों में बुखार, थकान, भूख न लगना, मतली, पेट में दर्द, गहरे रंग का मूत्र और पीलिया शामिल हैं. यह आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन रोकथाम में टीकाकरण, साफ पानी पीना और फूड हाइजीन रखना शामिल है.

Latest and Breaking News on NDTV

Photo Credit: istock

8. गैस्ट्रोएंटेराइटिस

गैस्ट्रोएंटेराइटिस, जिसे अक्सर पेट फ्लू के रूप में जाना जाता है, दूषित भोजन और पानी में वायरस, बैक्टीरिया या परजीवी के कारण हो सकता है. यह दस्त, उल्टी, पेट में क्रैम्प्स और बुखार का कारण बनता है. रोकथाम में सुरक्षित पानी पीना, हेल्दी खाना और हाथों की अच्छी स्वच्छता बनाए रखना शामिल है.

9. वायरल बुखार

मानसून के दौरान कई वायरल संक्रमणों में बुखार, सर्दी, खांसी, शरीर में दर्द और थकान का कारण बनते हैं. ये संक्रमण आमतौर पर खुद को सीमित करते हैं, लेकिन भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचकर, अच्छी हाइजीन बनाए रखकर और बैलेंस डाइट जरिए इम्यूनिटी को बढ़ाकर इन्हें रोका जा सकता है.

Cervical Cancer से बचने का कारगर तरीका है HPV Vaccine, जानिए किसे और कब लेना चाहिए HPV वैक्सीन

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Previous Article
क्या आप भी बहुत देर तक रहते हैं खड़े, तो जान लें इससे होने वाले नुकसान, शोध में हुआ खुलासा
मानसून में ये 9 बीमारियां मचाती हैं आतंक, लिस्ट में पहली 3 करती हैं बहुत ज्यादा परेशान, जानिए इनसे बचने के कारगर तरीके
इन 5 लोगों को भूलकर भी नहीं खानी चाहिए मूंगफली, जानें क्या होते हैं गंभीर नुकसान, कहीं आप तो नहीं खाते?
Next Article
इन 5 लोगों को भूलकर भी नहीं खानी चाहिए मूंगफली, जानें क्या होते हैं गंभीर नुकसान, कहीं आप तो नहीं खाते?
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com