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Bhagavad Gita की 5 बातें बांध लीजिए गांठ, कभी नहीं होगा Stress और Depression, हमेशा रहेंगे खुश

Gita shlok : अगर आप भी एक शांत और खुशहाल जिंदगी जीना चाहते हैं, तो गीता की 5 जबरदस्त सबकों को अपनी रोजाना की जिंदगी में अपनाना शुरू कर दीजिए.

Bhagavad Gita की 5 बातें बांध लीजिए गांठ, कभी नहीं होगा Stress और Depression, हमेशा रहेंगे खुश
यह ज्ञान सिर्फ पढ़ने के लिए नहीं, बल्कि अपनाने के लिए है.

Bhagvat gita popular updesh : आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई खुश रहना चाहता है, लेकिन तनाव और चिंता पीछा नहीं छोड़तीं. हमें अक्सर लगता है कि जब हम अमीर बन जाएंगे या कोई बड़ी कामयाबी मिलेगी, तभी खुशी मिलेगी. लेकिन सच तो ये है कि खुशी किसी बैंक अकाउंट या बड़ी गाड़ी में नहीं, बल्कि हमारे अंदर है.

भगवद गीता हमें यही सिखाती है. गीता सिर्फ एक धर्मग्रंथ नहीं, बल्कि जिंदगी जीने का एक बेस्ट गाइड है. इसमें भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो बातें बताई थीं, वो आज भी हमारी हर मुश्किल का हल हैं. अगर आप भी एक शांत और खुशहाल जिंदगी जीना चाहते हैं, तो गीता की 5 जबरदस्त सबकों को अपनी रोजाना की जिंदगी में अपनाना शुरू कर दीजिए.

 फल की चिंता छोड़कर बस अपना काम करो

मान लीजिए आप कोई बिज़नेस कर रहे हैं या किसी एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं. अगर आप सिर्फ इस बात की चिंता करते रहेंगे कि 'सक्सेस मिलेगी या नहीं', तो आपका दिमाग हमेशा परेशान रहेगा. गीता कहती है कि आप केवल मेहनत पर ध्यान दो, जीत-हार या फेल-पास पर नहीं. जब आप परिणाम की चिंता छोड़ देते हैं, तो आप शांति से अपना काम करते हैं और यही सुकून आपको अंदर से खुश रखता है. इसे ही गीता में 'कर्म योग' कहा गया है.

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अपने मन को दोस्त बनाओ, दुश्मन नहीं

गीता में बताया गया है कि आपका मन या तो आपका सबसे अच्छा दोस्त हो सकता है या फिर सबसे बड़ा दुश्मन. मन को कंट्रोल करने का मतलब है कि जब गुस्सा आए तो आप रिएक्ट करने से पहले एक पल रुकें, जब कोई चीज अच्छी लगे तो उसके पीछे पागल न हों. हमें अपने मन को ट्रेन करना है ताकि वह एक बेकाबू घोड़े की तरह न भागे. जब आप अपने मन को कंट्रोल कर लेते हैं, तो खुशी बाहर की चीजों पर नहीं, बल्कि आपके अपने रिएक्शन पर निर्भर करती है.

सफलता और असफलता, दोनों में शांत रहना सीखो

जब आपको बड़ी सफलता मिले, तो ज्यादा उछलो मत और जब आप फेल हो जाओ, तो बहुत दुखी भी मत हो. हमें पता होना चाहिए कि ये दोनों ही चीजें हमेशा के लिए नहीं हैं. जब आप बाहरी घटनाओं को अपने मूड पर कंट्रोल नहीं करने देते, तो आपको स्थिरता मिलती है. यही स्टैबिलिटी यानी ये बैलेंस ही असल खुशी की निशानी है.

असली खुशी किसी बाहरी चीज में नहीं, बल्कि अंदर है

गीता बाहरी (Fleeting) सुख और अंदरूनी (Enduring) खुशी के बीच फर्क बताती है. अगर आपकी खुशी किसी चीज, इंसान या तारीफ पर टिकी है, तो आप हमेशा कमजोर रहेंगे. सच्ची खुशी तब होती है जब आप अपने अंदर की सच्चाई, अपने मूल्यों (Values) और अपनी आत्मा से जुड़े होते हैं. आप कम चीजों के साथ भी ज्यादा शांत और खुश रह सकते हैं, बशर्ते आपकी जड़ें अंदर तक मजबूत हों.

जिंदगी को किसी सही मकसद के साथ जियो

जब आपके काम सही होते हैं और आपकी जिंदगी किसी नेक मकसद के साथ जुड़ जाती है, तो यह न सिर्फ आपके जीवन को अर्थपूर्ण (Meaningful) बनाती है, बल्कि खुशी भी लाती है. गीता इस बात पर जोर देती है कि जब आप वो काम करते हैं जो सही है, न कि सिर्फ वो जो आसान है, तो आपके अंदर एक बेहतरीन तालमेल (Harmony) बनता है. अपने उद्देश्य को जानकर और उसी के हिसाब से काम करके आप संतुष्टि (Fulfillment) महसूस करते हैं, और यही संतुष्टि आपको एक खुशहाल जिंदगी देती है.

यह बातें सिर्फ पढ़ने के लिए नहीं, बल्कि अपनाने के लिए है. इन 5 सबकों को अपनाकर आप अपनी जिंदगी की टेंशन को कम कर सकते हैं और एक शांतिपूर्ण जिंदगी जी सकते हैं, जिसकी चाबी हमेशा आपके पास रहेगी.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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