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पुणे में 26 साल की CA की मौत वर्कप्लेस स्ट्रेस पर खड़े करती है सवाल, कैसे पता करें कि आपको तनाव हो रह है? जानें शुरुआती संकेत

Workplace Stress: यह घटना न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि एक व्यापक मुद्दे की ओर भी संकेत करती है, जिससे आज के तेज-तर्रार कॉर्पोरेट एनवायरमेंट में कई प्रोफेशनल्स जूझ रहे हैं. सवाल यह है कि क्या वर्कप्लेस स्ट्रेस को मापा जा सकता है और क्या इसके शुरुआती चेतावनी संकेतों की पहचान कर इसे रोकने के लिए कुछ किया जा सकता है?

पुणे में 26 साल की CA की मौत वर्कप्लेस स्ट्रेस पर खड़े करती है सवाल, कैसे पता करें कि आपको तनाव हो रह है? जानें शुरुआती संकेत
वर्कप्लेस स्ट्रेस कोई नई बात नहीं है, लेकिन इसके प्रभाव को अक्सर नजरअंदाज किया जाता है.

हाल ही में पुणे में एक EY (Ernst & Young) कर्मचारी की दुखद मौत ने वर्कप्लेस स्ट्रेस और इससे जुड़ी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं की चर्चा को एक बार फिर से उभारा है. यह घटना न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि एक व्यापक मुद्दे की ओर भी संकेत करती है, जिससे आज के तेज-तर्रार कॉर्पोरेट एनवायरमेंट में कई प्रोफेशनल्स जूझ रहे हैं. लड़की की मां ने अर्न्स्ट एंड यंग इंडिया के हेड को भी लिखा, जिसमें कहा गया कि "वर्कलोड, नया एनवायरमेंट और लंबे घंटे" ही कारण थे कि ग्रुप ज्वॉइन करने के चार महीने के भीतर उनकी बेटी की मृत्यु हो गई. सवाल यह है कि क्या वर्कप्लेस स्ट्रेस को मापा जा सकता है और क्या इसके शुरुआती चेतावनी संकेतों की पहचान कर इसे रोकने के लिए कुछ किया जा सकता है?

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वर्कप्लेस स्ट्रेस: एक अदृश्य समस्या

वर्कप्लेस स्ट्रेस कोई नई बात नहीं है, लेकिन इसके प्रभाव को अक्सर नजरअंदाज किया जाता है. मॉडर्न कंपेटिटर्स कॉर्पोरेट कल्चर में समय सीमा, बढ़ती जिम्मेदारियां और गोल-ओरिएंटेट माइंडसेट कई कर्मचारियों पर भारी दबाव डालती है. EY कर्मचारी की मौत ने यह सवाल उठाया है कि क्या कंपनियां अपने कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य पर पर्याप्त ध्यान दे रही हैं.

तनाव के कारण काम की क्वालिटी पर असर पड़ता है, निर्णय लेने की क्षमता घटती है और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा असर पड़ सकता है, लेकिन इसका सबसे गंभीर प्रभाव अवसाद, चिंता और बहुत ज्यादा मानसिक थकावट के रूप में उभर सकता है, जिसका परिणाम कई बार जानलेवा भी हो सकता है.

तनाव के बढ़ने का संकेत (Symptoms Indicating Increased Stress)

बार-बार सिरदर्द, हाइपरएसिडिटी, गैस्ट्रिक गड़बड़ी, इर्रिटेबल बाउल मूवमेंट, मसल्स स्ट्रेस, माइग्रेन, तनाव सिरदर्द, जोड़ों में दर्द. नींद के पैटर्न में बदलाव के लिए देखें, जैसे कि सोने में कठिनाई, रात के बीच में बार-बार जागना, सुबह जल्दी जागना या बहुत ज्यादा सोना. लगातार थकान, कम एनर्जी लेवल और भूख या वजन में बदलाव भी काफी अच्छे संकेतक हैं.

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क्या तनाव को मापा जा सकता है?

वर्कप्लेस स्ट्रेस को मापना आसान नहीं है, क्योंकि यह एक व्यक्तिगत अनुभव है और इसके लक्षण व्यक्ति दर व्यक्ति बदल सकते हैं. फिर भी तनाव के कुछ सामान्य संकेतों को पहचाना जा सकता है:

शारीरिक लक्षण: सिरदर्द, पेट दर्द, अनिद्रा और थकान.
भावनात्मक लक्षण: चिड़चिड़ापन, अवसाद, चिंता और हताशा की भावना.
व्यवहारिक लक्षण: काम से दूरी बनाना, समय पर काम न कर पाना और सहकर्मियों या बॉस के साथ संबंधों में खटास.

कई तरीकों से तनाव को मापने की कोशिश की जाती है. इसमें सेल्फ-रिपोर्टिंग सर्वे, फिजिकल टेस्ट (जैसे कि हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर की माप) शामिल हो सकते हैं. इसके अलावा, मेंटल हेल्थ एक्सप्रट के साथ बातचीत भी एक प्रभावी तरीका हो सकता है.

तनाव के शुरुआती चेतावनी संकेत (Early Warning Signs of Stress)

किसी भी गंभीर समस्या की तरह वर्कप्लेस स्ट्रेस के भी कुछ शुरुआती चेतावनी संकेत होते हैं, जिन्हें अगर समय रहते पहचान लिया जाए, तो इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है.

काम से दूरी बनाना: जब कर्मचारी काम में रुचि खोने लगते हैं या अपने परफॉर्मेंस में लगातार गिरावट दिखाते हैं, तो यह तनाव का एक बड़ा संकेत हो सकता है.

लगातार थकान: अगर कोई कर्मचारी हमेशा थका हुआ महसूस कर रहा है, तो यह मानसिक और शारीरिक तनाव का संकेत हो सकता है. लगातार थकान काम के साथ संतुलन बिठाने में मुश्किल पैदा कर सकती है.

चिड़चिड़ापन और मिजाज में बदलाव: स्ट्रेस्ड आउट एम्प्लॉई अक्सर छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा कर सकते हैं या उनके मिजाज में अचानक बदलाव देखने को मिल सकता है.

बहुत ज्यादा वर्कलोड और समय सीमा का दबाव: अगर कोई एम्प्लॉई लगातार डेडलाइन पूरी करने के दबाव में है या उसे बहुत ज्यादा काम सौंपा जा रहा है, तो यह उसे मानसिक रूप से कमजोर कर सकता है.

नींद से संबंधित समस्याएं: तनाव का सबसे पहला असर नींद पर पड़ता है. अनिद्रा या नींद की गुणवत्ता में गिरावट तनाव का साफ संकेत हो सकता है.

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कंपनियों की जिम्मेदारी:

EY कर्मचारी की मौत जैसी घटनाएं यह संकेत देती हैं कि कंपनियों को अपने कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा संवेदनशील होने की जरूरत है. उन्हें तनाव को पहचानने और इसे कम करने के लिए कदम उठाने चाहिए. इसमें कुछ उपाय हो सकते हैं:

मेंटल हेल्थ अवेयरनेस: वर्कशॉप और ट्रेनिंग से कर्मचारियों को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए.

फ्लेक्सिबल वर्किंग ऑवर्स: काम के घंटों में फ्लेसिबिलिटी कर्मचारियों को मानसिक और शारीरिक संतुलन बनाए रखने में मदद कर सकता है.

मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल्स की सहायता: कंपनियों को कर्मचारियों के लिए मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट्स तक पहुंच प्रदान करनी चाहिए, ताकि वे जरूरत पड़ने पर सही समय पर मदद ले सकें.

स्ट्रेस हेल्थ को कैसे इफेक्ट कर सकता है?

लॉन्ग टर्म और लंबे समय तक तनाव हार्ट डिजीज, टाइप 2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हाई लिपिड लेवल शुरुआत का कारण बन सकता है. इससे बाल झड़ना, मुंहासे, एलर्जी, अस्थमा, थायरॉयड डिसऑर्डर, मासिक धर्म संबंधी समस्याएं, कमजोर इम्यूनिटी की समस्या भी बढ़ सकती है.

क्रोनिक और लंबे समय तक स्ट्रेस डिप्रेशन, पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर, ईटिंग डिसऑर्डर और यौन रोग जैसे मनोवैज्ञानिक विकारों को जन्म दे सकता है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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