
- एम.के. भाटिया ने दिवाली पर अपने 51 कर्मचारियों को शानदार प्रदर्शन के लिए नई कारें गिफ्ट की हैं
- यह परंपरा पिछले तीन वर्षों से चल रही है, जिसमें हर साल कारों की संख्या बढ़ती गई है
- एमआईटीएस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर कर्मचारियों को 'सेलेब्रिटी' मानकर सम्मानित करते हैं
दिवाली के मौके पर कर्मचारी को मिठाई का डिब्बा या बोनस मिलना आम बात है, लेकिन चंडीगढ़ के समाजसेवी, उद्यमी और एमआईटीएस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर एम.के. भाटिया ने इस बार अपने 51 कर्मचारियों को ब्रांड न्यू कारें गिफ्ट करके सबको चौंका दिया है. यह लगातार तीसरा साल है जब भाटिया ने अपने कर्मचारियों को तोहफे में कारें दी हैं. इस शानदार ‘कार गिफ्ट रैली' की वीडियो सोशल मीडिया पर जबरदस्त वायरल हो रही है, जहां यूज़र्स उन्हें 'बॉस ऑफ द ईयर' और 'रियल लाइफ सांता' कह रहे हैं.
51 कारों की 'हाफ सेंचुरी', निकली शानदार रैली
पंचकूला फेज-I में स्थित मेडिकल फील्ड की कंपनी एमआईटीएस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड (MITS Healthcare Pvt Ltd) के एमडी एम.के. भाटिया ने इस दिवाली पर अपने 51 चुनिंदा कर्मचारियों को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए नई कारें भेंट की हैं. चाबियां मिलने के बाद कर्मचारियों की खुशी देखते ही बन रही थी. इसके बाद सभी नई कारों के साथ एक भव्य 'गिफ्ट रैली' निकाली गई, जिसने पूरे शहर का ध्यान अपनी ओर खींचा. सजे-धजे वाहनों का यह काफिला सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है.

तीन साल से जारी है कार गिफ्ट करने की परंपरा
एम.के. भाटिया की कंपनी MITS Healthcare, जो 25 साल से अधिक अनुभव के साथ फार्मास्यूटिकल्स सेक्टर में है, पहली बार सुर्खियों में नहीं आई है. भाटिया पिछले तीन सालों से अपने मेहनती स्टाफ को कारें गिफ्ट कर रहे हैं.
2023 की दिवाली: 12 कर्मचारियों को कार गिफ्ट की.
2024 की दिवाली: 15 कर्मचारियों को कार गिफ्ट की.
2025 की दिवाली: 51 कर्मचारियों को कार गिफ्ट की.
भाटिया अपने कर्मचारियों को ‘स्टाफ' नहीं, बल्कि 'सेलेब्रिटी' कहते हैं, और यह तोहफा कर्मचारियों के प्रदर्शन के आधार पर दिया जाता है.

"मेरी टीम ही मेरी असली ताकत है"
इतनी महंगी कारें हर साल तोहफे में देने के सवाल पर भाटिया ने कहा, "मेरे सहयोगी ही मेरी फार्मा कंपनियों की असली ताकत हैं. उनकी मेहनत और ईमानदारी ही सफलता की असली वजह है. उन्हें सम्मानित करना और प्रेरित रखना मेरा कर्तव्य है." उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक उपहार नहीं है, बल्कि टीम के प्रति आभार जताने और उन्हें प्रेरित करने का तरीका है.
भाटिया का सफर भी काफी संघर्षपूर्ण रहा है. साल 2002 में मेडिकल स्टोर चलाते हुए वह दिवालिया हो गए थे. लेकिन 2015 में उन्होंने अपनी फार्मास्यूटिकल कंपनी शुरू की और सफलता हासिल की. आज उनकी 12 कंपनियां चल रही हैं.
सोशल मीडिया पर लोग उनकी इस पहल की जमकर तारीफ कर रहे हैं. यूजर्स का कहना है कि एम.के. भाटिया ने यह दिखा दिया है कि सफलता केवल कमाई में नहीं, बल्कि उसे अपनी टीम के साथ साझा करने और उनका आभार व्यक्त करने में है.
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