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शिमला IGMC में डॉक्टरों की हड़ताल से बिगड़े हालात, मरीजों की सर्जरी-कीमो थैरेपी रुके, सरकार का सख्त एक्शन

हिमाचल के सबसे बड़े अस्पताल IGMC में डॉक्टर और मरीज के साथ  मारपीट और उसके बाद डॉक्टर की बर्खास्तगी ने बड़े विवाद का रूप ले लिया है. इस कार्रवाई के विरोध में प्रदेश भर के 3000 से अधिक रेजिडेंट डॉक्टर (RDA) अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं.

शिमला IGMC में डॉक्टरों की हड़ताल से बिगड़े हालात, मरीजों की सर्जरी-कीमो थैरेपी रुके, सरकार का सख्त एक्शन
  • हिमाचल के IGMC में एक सीनियर रेजिडेंट पर मरीज से मारपीट के आरोप लगने के बाद उसे बर्खास्त कर दिया गया है
  • रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने बर्खास्तगी को अन्याय बताया, 3000 से अधिक डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी है
  • डॉक्टरों की हड़ताल के कारण OPD सेवाएं बंद हो गई हैं, कई ऑपरेशन और कीमोथेरेपी उपचार टाल दिए गए हैं
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हिमाचल के सबसे बड़े अस्पताल IGMC में डॉक्टर और मरीज के साथ  मारपीट और उसके बाद डॉक्टर की बर्खास्तगी ने बड़े विवाद का रूप ले लिया है. इस कार्रवाई के विरोध में प्रदेश भर के 3000 से अधिक रेजिडेंट डॉक्टर (RDA) अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं, जिससे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है.

हड़ताल का मुख्य कारण

विवाद की शुरुआत IGMC शिमला में हुई, जहां एक सीनियर रेजिडेंट पर मरीज के साथ मारपीट करने के आरोप लगे. प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए डॉक्टर को बर्खास्त कर दिया गया. रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (RDA) का तर्क है कि यह कार्रवाई एकतरफा है और डॉक्टरों के साथ अन्याय किया जा रहा है. कल सामूहिक 'कैजुअल लीव' पर रहने के बाद, आज से डॉक्टरों ने पूर्ण हड़ताल का ऐलान कर दिया है.

मरीजों की बढ़ी मुश्किलें: कीमो और ऑपरेशन टले

प्रदेश के सबसे बड़े रेफरल अस्पताल होने के कारण IGMC में दूर-दराज के क्षेत्रों से मरीज इलाज के लिए आते हैं. डॉक्टरों की हड़ताल के कारण OPD सेवाएं पूरी तरह ठप हो गई हैं, मरीजों को बिना इलाज के वापस लौटना पड़ रहा है. पहले से तय ऑपरेशन टाल दिए गए हैं. कई मरीजों की कीमोथेरेपी रुक गई है, जिससे गंभीर मरीजों की जान पर बन आई है.

सरकार का कड़ा रुख: छुट्टियां रद्द करने और कार्रवाई के निर्देश

बिगड़ते हालात को देखते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार ने देर रात सख्त SOP जारी की है. सरकार ने स्पष्ट किया है कि मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

सरकार द्वारा जारी मुख्य निर्देश
सभी मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपलों को निर्देश दिए गए हैं कि डॉक्टरों की शीतकालीन छुट्टियां (Winter Vacations) रद्द करने पर विचार करें.

OPD, इमरजेंसी और सर्जिकल ऑपरेशन में तैनात SR और जूनियर रेजिडेंट्स को अपनी ड्यूटी पर रिपोर्ट करना अनिवार्य है.

ड्यूटी जॉइन न करने वाले और स्वास्थ्य सेवाओं में बाधा डालने वाले डॉक्टरों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

सरकार ने सुनिश्चित करने को कहा है कि कम से कम आपातकालीन सेवाएं किसी भी सूरत में बाधित न हों.

डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी

दूसरी ओर, RDA का कहना है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे. डॉक्टरों की मांग है कि बर्खास्तगी के फैसले पर पुनर्विचार किया जाए और कार्यस्थल पर डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. वर्तमान में अस्पताल परिसरों में भारी पुलिस बल तैनात है और प्रशासन स्थिति को सामान्य करने की कोशिश कर रहा है. लेकिन डॉक्टरों और सरकार के बीच ठनी इस जंग में पिसना आम जनता और गरीब मरीजों को ही पड़ रहा है.

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