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हिमाचल में कुदरत की मार...78 लोगों की मौत, कहीं फटा बादल कहीं भूस्खलन, 200 से ज्यादा सड़कें बंद

थुनाग पंचायत मंडी उन विभिन्न स्थानों में से एक है, जो बादल फटने की घटना से प्रभावित हुए थे. यहां बादल फटने, अचानक बाढ़ आने और भूस्खलन के कारण भारी तबाही हुई है, जिसके चलते 14 लोगों की मौत हो गई है और 31 लापता लोगों की तलाश जारी है. आपदा में 150 से अधिक मकान, 106 पशुशालाएं, 31 वाहन, 14 पुल और कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, कुल 164 मवेशी मारे गए हैं.

हिमाचल में कुदरत की मार...78 लोगों की मौत, कहीं फटा बादल कहीं भूस्खलन, 200 से ज्यादा सड़कें बंद
  • हिमाचल प्रदेश में मॉनसून की बारिश ने तबाही मचाई है
  • अब तक 78 लोगों की मौत 37 लापता और 115 लोग घायल
  • प्राकृतिक आपदा के कारण 243 सड़कें बंद और 278 ट्रांसफार्मर ठप
  • हिमाचल में भारी बारिश से कहीं जगहों पर भूस्खलन
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शिमला:

पहाड़ टूटे, सड़कें बही, बादल फटा, नदियां उफान पर...हिमाचल में मॉनसून की बारिश में हर तरफ तबाही का ऐसा ही भयावह मंजर देखने को मिल रहा है. मॉनसून ने क्या दस्तक दी कि पहाड़ों के मलबों में दफ्न चीखों और उफनती नदियों के तांडव के बीच हिमाचल फिर से करहाने लगा है. बादल फटने से लेकर भूस्खलन और उफनती नदियों के कहर ने हिमाचल में इंसानी ज़िंदगियों के साथ हज़ारों करोड़ की संपत्ति को भी लील लिया. प्रकृति के रौद्र रूप के सामने सब बेबस हो जाते हैंं. मगर सवाल वही है — क्या ये महज़ कुदरत का प्रकोप है, या फिर हमने ख़ुद अपने हाथों ये तबाही लिखी है?

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हिमाचल में कुदरत की मार

साल 2023 की भयावह बारिशें अभी धुंधली भी नहीं पड़ी थीं, जब 400 से ज्यादा लोगों की जानें चली गई थी. 10,000 करोड़ का नुकसान हुआ था. 2025 फिर वैसी ही तबाही का मंजर लेकर आया है. असल में ये हाल तो तब है जब मॉनसून पीक पर भी नहीं पहुंचा. जब मॉनसून पीक पर होगा तब कुदरत कैसा कहर बरपाएगी इसके बारे में सोचकर ही रूह कांप उठती है. हिमाचल भारी बारिश व बादल फटने की घटनाओं में अब तक 78 लोगों की मौत हुई हैं, वहीं 37 लोग अभी भी लापता हैं. जबकि 115 लोग घायल हुए है.

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243 सड़कें बंद, ट्रांसफार्मर ठप 

हिमाचल प्रदेश में 2 नेशनल हाइवे सहित 243 सड़कें बंद हैं और 278 बिजली के ट्रांसफार्मर ठप पड़े हैं. 261 पानी की परियोजनाए बंद पड़ी हैं. बादल फटने से थुनांग का इकलौता बैंक बह गया. थुनांग कस्बे के लोगों के लेनदेन पैसे और जमा करने का इकलौता हिमाचल कोआपरेटीव बैंक था. बाढ़ ने जमकर तबाही मचाई है, जिससे लोगों के घर-मकानों को काफी नुकसान हुआ है. उधर मौसम विभाग ने आज 3 जिलो, सिरमौर, कांगड़ा, मंडी  में रेड अलर्ट जारी किया है और 7 जिलो, शिमला, सोलन, हमीरपुर, बिलासपुर ऊना, कुल्लू व चम्बा हैं ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. 

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नदियों, नालों से दूर रहने की सलाह

चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, बिलासपुर, हमीरपुर, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में मध्यम से उच्च स्तर की बाढ़ आने की चेतावनी दी है. साथ ही, भूस्खलन, जलभराव, नाजुक संरचनाओं, फसलों और आवश्यक सेवाओं को नुकसान पहुंचने की आशंका जताई गई है. लोगों को नदियों, नालों से दूर रहने की सलाह दी गई है. इस बीच, मंडी जिले में लापता 31 लोगों की तलाश जारी है. बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन की 10 घटनाओं में यहां सबसे अधिक तबाही हुई थी. अधिकारियों ने बताया कि अब तक 14 शव बरामद किए जा चुके हैं और तलाश अभियान में खोजी कुत्तों व आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है. 

भारी बारिश से चमोली-चंबा बेहाल, बद्रीनाथ हाईवे बंद

मैदान से पहाड़ों तक लगातार मानसूनी बारिश का दौर जारी है. मैदानी इलाकों में किसान और आम जनता बारिश से भले खुश हैं, लेकिन पहाड़ी इलाकों में बारिश आफत बन चुकी है. खासकर उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बारिश ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार देर रात से लगातार बारिश हो रही है. भारी बारिश का असर आम जनजीवन पर पड़ा है. जगह-जगह मलबा आने से लिंक सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं और लोगों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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चमोली में स्कूलों की छुट्टी

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए चमोली जिला प्रशासन ने स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है. वहीं, बद्रीनाथ हाईवे पर भी नंदप्रयाग और कर्णप्रयाग के बीच भारी मात्रा में मलबा आ गया है, जिससे हाईवे अवरुद्ध हो गया है. सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने गाड़ियों को सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया है. मलबा हटाने का कार्य जारी है, लेकिन लगातार हो रही बारिश से इसमें कठिनाई आ रही है.

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उफान पर नदियां-नाले

हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में भी लगातार बारिश हो रही है. इस कारण नदी-नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ और अन्य दुर्घटनाओं का खतरा मंडरा रहा है. चंबा के एसडीएम प्रियांशु खाती ने लोगों से अपील की है कि वो अनावश्यक रूप से नदी-नालों के पास न जाएं और प्रशासन की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें. उन्होंने कहा कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है, लेकिन आम जनता की सजगता भी बेहद जरूरी है.

प्रशासन की यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब हाल ही में जिले के कई हिस्सों में बादल फटने और जलभराव की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. इन घटनाओं से सबक लेते हुए जिला प्रशासन किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतना चाहता. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड दोनों ही राज्यों में मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. अगले कुछ दिनों तक पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश की संभावना जताई है। प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें सक्रिय हैं.

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