Haryana Election 2024 : भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupendra Singh Hooda) हरियाणा में भाजपा के लिए एक चुनौती बने हुए हैं. 2014 में भाजपा प्रचंड बहुमत से हरियाणा की सत्ता पर काबिज हुई तो भी भूपेंद्र हुड्डा दीवार की तह टिके रहे. 2019 में तो भाजपा ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा को हराने के लिए पूरा चक्रव्यूह रख दिया था. मगर 2019 में भी भाजपा को इस सीट पर हार का मुंह देखना पड़ा. अब एक बार फिर हरियाणा में विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. बस तारीखों को लेकर अभी कुछ संशय है. चुनाव आयोग ने हरियाणा में एक ही चरण में 1 अक्टूबर को चुनाव कराने की घोषणा की थी. वहीं वोटों की गिनती 4 अक्टूबर को करने को कहा था. मगर भाजपा और इनेलो ने चुनाव आयोग से तारीखों को आगे बढ़ाने की मांग की है. इसके पीछे दोनों दलों ने कारण बताया है कि इन तारीखों के आसपास पहले ही छुट्टियां हैं और अगर इस तारीख पर चुनाव हुए तो लोग लंबी छुट्टी पर चले जाएंगे और मतदान कम हो जाएगा. अब चुनाव आयोग पर निर्भर है कि वह तारीखों को आगे बढ़ाता है या नहीं.
घमासान घनघोर होगा
चुनाव आयोग का फैसला जो भी हो, मगर इतना तय है कि इस बार हरियाणा में जोरदार मुकाबला देखना होगा. भाजपा और जजपा का गठबंधन टूट चुका है. जाहिर है ये दोनों अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे. इनेलो पहले से ही जोर लगा रही है. कांग्रेस मुख्य खिलाड़ी है ही और अब आम आदमी पार्टी ने भी हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. इससे विधानसभा चुनाव की लड़ाई रोचक हो गई है. इस बार हरियाणा में सबसे हॉट सीट गढ़ी सांपला-किलोई (Garhi Sampla Kiloi seat) होगी. इसके पीछे कारण यह है कि पिछले 10 सालों से कांग्रेस विपक्ष से सत्ता में आने का ख्वाब बुन रही है. कांग्रेस को इस ख्वाब को पूरा करने की उम्मीद अगर सबसे ज्यादा किसी पर है तो वह हैं भूपेंद्र सिंह हुड्डा. और भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ है गढ़ी सांपला-किलोई. भाजपा और अन्य दल इस सीट पर भूपेंद्र हुड्डा को थामने और बांधने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहेंगे. जाहिर है इस सीट पर घमासान घनघोर होगा.
कैसी है तैयारी?
माना जा रहा है भाजपा इस बार पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति हुड्डा को मैदान में उतार सकती है. कृष्णमूर्ति हुड्डा कांग्रेस से अब भाजपा के पाले में आ चुके हैं. वह किलोई से कांग्रेस के टिकट पर 1991 में विधायक भी रह चुके हैं. इनके अलावा भाजपा से सतीश नांदल के पुत्र संचित नांदल, हरियाणा कुश्ती संघ के अध्यक्ष रमेश बोहर, जिला परिषद की चेयरपर्सन मंजू हुड्डा भी टिकट की दौड़ में शामिल हैं. वहीं जननायक पार्टी से संदीप हुड्डा, इंडियन नेशनल लोकदल से अधिवक्ता कृष्ण कौशिक तथा आम आदमी पार्टी से जगवीर हुड्डा को उम्मीदवार बनाया जा सकता है. जाहिर है सभी राजनीतिक दलों की कोशिश है कि किसी तरह भूपेंद्र सिंह हुड्डा को उनके गढ़ में ही बांध दिया जाए. इससे राज्य की अन्य सीटों पर इन दलों को आसानी होगी. हालांकि, भूपेंद्र सिंह हुड्डा के रिकॉर्ड को देखते हुए तो ऐसा मुश्किल ही लगता है. पिछली बार भी भाजपा ने बहुत कोशिश थी कि भूपेंद्र हुड्डा से ये सीट छीन ली जाए, मगर सफल नहीं हो सकी थी.
दिग्गज उतरेंगे रण में
भाजपा में यह भी बात चल रही है कि इस विधानसभा चुनाव में अपने सभी दिग्गज नेताओं और पूर्व सांसदों व मंत्रियों को भी टिकट दिया जाए. मनोहर लाल खट्टर, कृष्णपाल गुर्जर और राव इंद्रजीत सिंह जैसे नेताओं को भी भाजपा मैदान में उतार सकती है. इससे इन नेताओं के आसपास की सीटों पर भी अच्छा खासा प्रभाव पड़ेगा और भाजपा के पक्ष में भी एक माहौल बनेगा. हालांकि, अभी तक इस बारे में कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है, लेकिन इस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है. प्रस्ताव यह है कि हरियाणा के हर क्षेत्र में एक बड़े नेता को लड़ाया जाए, जिससे उस पूरे क्षेत्र में उस बड़े नेता के कारण प्रभाव बने. नीचें ग्राफिक में देखें, गढ़ी सांपला-किलोई विधानसभा सीट से कब कौन जीता?
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