गुजरात के साबरकंठा में 14 माह की बच्ची से बलात्कार की घटना के बाद यूपी-बिहार के लोगों पर लगातार हो रहे हमले से प्रवासी उत्तर भारतीय में दहशत का माहौल है. वहां के स्थानीय लोगों द्वारा गैर गुजरातियों को निशाना बनाए जाने और हिंसा के बीच यूपी-बिहार के लोग वहां से पलायन कर अपने घर वापस जा रहे हैं. गुजरात के जिलों में अधिकारी हिंदी भाषी प्रवासी कामगारों को रुकने के लिए मना रहे हैं. हालांकि, पुलिस का दावा है कि वहां अब स्थिति नियंत्रण में है और पुलिस-प्रशासन के साथ-साथ सरकार पर प्रवासियों में विश्वास पैदा करने की कोशिशो में जुटी है. लगातार गैर गुजरातियों के खिलाफ फैले दहशत के माहौल के बीच गुजरात छोड़ रहे उत्तर भारतीयों में विश्वास बहाल करने और उन्हें पलायन करने से रोकने के लिए गुजरात पुलिस ने एक नई पहल की शुरुआत की है. राज्य में 14 माह की बच्ची से बलात्कार के बाद प्रवासी कामगारों पर हमले हो रहे हैं जिसके चलते वे गुजरात से पलायन कर रहे हैं. साबरकांठा जिले में 28 सितंबर को बच्ची से बलात्कार के आरोप में बिहार के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद गैर गुजरातियों को निशाना बनाया गया. हमलों के बाद हिंदी भाषी कामगार गुजरात से जाने लगे.
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उत्तर भारतीय यानी यूपी-बिहार के छोटे-मोटे कामगारों को सुरक्षा देने और उनमें विश्वास पैदा करने और प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शनिवार को गुजरात के अरवल्ली में पुलिस ने एक अनोखी पहल की शुरुआत की. दरअसल, शनिवार को अरवल्ली जिले में एक उत्तर भारतीय वेंडर के पानी-पूरी के स्टॉल पर कई पुलिस कर्मियों के साथ पुलिस अधिकारी पहुंचे और सबने उस दुकानदार के हाथों पानी-पूरी का स्वाद चखा. बताया जा रहा है कि पुलिस की यह पहल उन्हें सुरक्षा के लिए आश्वस्त रखने के उद्देश्य से है.
इस कदम के तहत अरवल्ली जिले के कलेक्टर एन नागराजन ने पुलिस अधीक्षक मयूर पाटिल के साथ गुरुवार को मध्य प्रदेश के एक प्रवासी कामगार के स्टॉल से ‘पानी पूरी’ खाई. उन्होंने प्रवासियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की तस्वीरें भी साझा की. एसपी मयूर पाटिल ने कहा कि , 'अरावल्ली से उत्तर भारतीयों का पलायन रोकने के लिए हमने उन्हें यहां सुरक्षा दी है. आज हम यहां उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए आए हैं कि वे बिना किसी भय के अपना व्यवसाय जारी रखें.'Top officials&cops from Aravalli ate pani puris at a stall of a migrant vendor today."To stop exodus of North Indians in Aravalli we had given them given security. Today we went to a panipuri stall to encourage them to continue their business peacefully,"Mayur Patil, SP #Gujarat pic.twitter.com/bPZog9vSN1
— ANI (@ANI) October 13, 2018
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मुख्य सचिव जे एन सिंह ने प्रभावित जिलों के कलेक्टरों को हिंदी भाषी लोगों के पास जाकर उनमें भरोसा कायम करने के निर्देश दिए हैं.अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और अन्य प्रभावित जिलों के कलेक्टरों ने भी बड़ी प्रवासी आबादी वाले इलाकों का दौरा किया और प्रवासियों के साथ समय बिताया तथा सुरक्षा को लेकर उनकी चिंताओं का निराकरण किया. पिछले कुछ दिनों में उन्होंने हिंदी भाषी प्रवासियों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठनों के नेताओं के साथ भी बैठकें की. ज्यादातर प्रवासी गुजरात के औद्योगिक क्षेत्रों में नौकरी करते हैं.
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