यह ख़बर 03 नवंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

हिमाचल में हुआ भारी मतदान, अब फैसले का इंतजार

खास बातें

  • हिमाचल प्रदेश में अगली सरकार किसकी बनेगी, इसका फैसला रविवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में बंद हो गया। आगामी 20 दिसंबर को जब वोटों की गिनती होगी तभी यह फैसला होगा कि राज्य में फिर से 'कमल' खिलेगा या फिर सत्ता कांग्रेस के 'हाथ' लौटेगी।
शिमला:

हिमाचल प्रदेश में अगली सरकार किसकी बनेगी, इसका फैसला रविवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में बंद हो गया। आगामी 20 दिसंबर को जब वोटों की गिनती होगी तभी यह फैसला होगा कि राज्य में फिर से 'कमल' खिलेगा या फिर सत्ता कांग्रेस के 'हाथ' लौटेगी।

रविवार को हुए शांतिपूर्ण मतदान में लगभग 74 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। इतनी बड़ी संख्या में लोगों का मतदान के लिए निकलना हिमाचल में एक रिकार्ड बन गया है। वर्ष 2007 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान 71.50 फीसदी मतदान हुआ था।

इसके साथ ही विभिन्न दलों के 459 उम्मीदवारों का चुनावी भविष्य ईवीएम में बंद हो गया। दोनों प्रमुख दलों भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया है।

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नरिंदर चौहान ने कहा, "शुरुआती घंटों में मतदान केवल नौ प्रतिशत था, लेकिन दोपहर तक यह बढ़कर 30 प्रतिशत हो गया और समाप्त होते-होते यह 75 फीसदी के आसपास पहुंच गया।"

नई दिल्ली में उप निर्वाचन आयुक्त आलोक शुक्ला ने बताया कि लगभग 200 बूथों पर शाम पांच बजे के बाद भी मतदान जारी रहा इसलिए अंतिम आंकड़े इससे अधिक हो सकते हैं।

शुक्ला ने कहा, "मतदान के नए रिकार्ड बनने की सम्भावना है। यह पिछले विधानसभा चुनाव के मतदान से अधिक है। मतदान एकदम शांतिपूर्ण रहा।"

यद्यपि निर्वाचन अधिकारियों ने बताया कि चम्बा में भाजपा एवं कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के मध्य हलकी झड़प हुई।

चौहान ने बताया, "अधिकतम मतदान सोलन के नालागढ़ विधानसभा में 94.80 फीसदी और न्यूनतम मतदान शिमला (शहरी) में 58.77 फीसदी दर्ज किया गया। सिरमौर जिले में 81.8 और सोलन जिले में 80.34 फीसदी मतदान हुआ।"

किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिले में जहां न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे है क्रमश: 74.20 फीसदी और 68 फीसदी मतदान हुआ।
लाहौल स्पीति जिले में स्थित देश के सबसे ऊंचे मतदान स्थल पर सबसे अधिक 80 फीसदी मतदान दर्ज किया गया।

हिक्किम मतदान केंद्र समुद्र तल से 14567 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और यहां पर पंजीकृत 333 मतदाताओं में से 276 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

किन्नौर जिले के मतदान केंद्र पर 100 फीसदी मतदान हुआ। यहां पंजीकृत सभी 18 लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।
देश के सबसे बुजुर्ग मतदाता 95 वर्ष के श्याम शरन ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

राज्य की 68 विधानसभा सीटों के लिए 459 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से 27 महिलाएं हैं। राज्य में 23,76,587 पुरुष मतदाताओं सहित 46,08,359 मतदाता हैं, जिनके लिए निर्वाचन आयोग ने 7,253 मतदान केंद्र बनाए थे।

कांग्रेस नेता तथा राज्य मेंपांच बार मुख्यमंत्री रह चुके वीरभद्र सिंह ने अपने पैतृक रामपुर शहर में वोट डाला, जबकि मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने भोरंज विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले समीरपुर में अपना वोट डाला और जीत का दावा किया। वीरभद्र शिमला (ग्रामीण) से और धूमल हमीरपुर से चुनाव लड़ रहे हैं।

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने भी राज्य की राजधानी में अपना वोट डाला। मतदान के बाद संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कांग्रेस की जीत का दावा करते हुए कहा, "हम सरकार बनाएंगे। यह मेरा विश्वास है।"

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भाजपा ने पिछले विधान सभा चुनाव में 41 एवं कांग्रेस ने 23 सीटें जीती थीं।