अहमदाबाद:
सरक्रीक पर आरोपों को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा ‘बेबुनियाद’ एवं ‘शरारतपूर्ण’ करार दिए जाने के बावजूद गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह आरोप लगाते हुए केंद्र पर अपना हमला तेज कर दिया कि प्रधानमंत्री पाकिस्तान के राष्ट्रपति के साथ चर्चा के दौरान इस मुद्दे के शीघ्र हल पर सहमत हुए थे।
कच्छ और उत्तरी गुजरात में रैलियों में मोदी ने प्रधानमंत्री पर निशाने साधते हुए कहा, ‘‘क्या यह सच नहीं है कि जब आसिफ अली जरदारी (अप्रैल 2012 में) अजमेर यात्रा पर थे तब आपने उनके साथ भोजन किया था। उस वक्त उन्होंने सरक्रीक का मुद्दा उठाया था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘तेहरान में बात आगे बढ़ी और इस मुद्दे पर आपने दुनिया के सामने कहा कि करार संभव है।’’ मोदी ने बुधवार को एक नागरिक के तौर पर प्रधानमंत्री को पत्र भेज कर यह आरोप लगाया था और मांग की थी कि विवादित सरक्रीक पड़ोसी देश को नहीं सौंपा जाए।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह कहते हुए इस आरोप का खंडन किया कि यह ‘बेबुनियाद’ एवं ‘शरारतपूर्ण’ है।
पीएमओ ने मोदी के पत्र के जवाब में कहा था, ‘‘पत्र में लगाया गया यह आरोप कि सरक्रीक पाकिस्तान को दिया जाने वाला है, असत्य है। इस कथित तथ्य पर मोदी द्वारा निकाले गए अन्य निष्कर्ष भी सच नहीं हैं।’’ मोदी ने अपने पत्र में आरोप लगाया था कि सरक्रीक पर केंद्र शीघ्र ही निर्णय ले सकता है और उन्हें बतौर आम आदमी उसके गंभीर सुरक्षा परिणामों की चिंता है।
पीएमओ के इनकार करने पर पलटवार करते हुए मोदी ने इन घटनाओं का हवाला दिया है। मोदी ने प्रधानमंत्री से देश को गुमराह नहीं करने और देशवासियों को यह आश्वासन देने को कहा कि सरक्रीक पाकिस्तान को सौंपने का कोई फैसला नहीं हुआ है।
एक कदम आगे बढ़ते हुए मोदी ने कहा कि न केवल प्रधानमंत्री बल्कि केंद्रीय रक्षामंत्री ने भी विवादित सरक्रीक पर करार होने की आशा जताई।
मोदी ने पोरबंदर में रक्षामंत्री के भाषण का हवाला देते हुए आरोप लगाया, ‘‘अगस्त में, हमारे केंद्रीय रक्षामंत्री पोरबंदर आए थे। उन्होंने पोरबंदर में कहा था कि सरक्रीक पर पाकिस्तान के साथ बातचीत चल रही है और आगे रास्ता निकलेगा।’’
मोदी ने बाद में ट्विटर पर लिखा, ‘‘सरक्रीक का प्रश्न न केवल कच्छ या गुजरात के बारे में है बल्कि यह देश की सुरक्षा के बारे में है। यह हमारा गौरव के बारे में है।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘संप्रग ने सीडब्ल्यूजी घोटाले के साथ हमारा खेल बेच दिया, टूजी घोटाले के साथ हमारी प्रौद्योगिकी बेच दी। उन्होंने कोयला बेच दी और अब सरक्रीक के साथ वे राष्ट्र को भी बेच देंगे।’’
कच्छ और उत्तरी गुजरात में रैलियों में मोदी ने प्रधानमंत्री पर निशाने साधते हुए कहा, ‘‘क्या यह सच नहीं है कि जब आसिफ अली जरदारी (अप्रैल 2012 में) अजमेर यात्रा पर थे तब आपने उनके साथ भोजन किया था। उस वक्त उन्होंने सरक्रीक का मुद्दा उठाया था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘तेहरान में बात आगे बढ़ी और इस मुद्दे पर आपने दुनिया के सामने कहा कि करार संभव है।’’ मोदी ने बुधवार को एक नागरिक के तौर पर प्रधानमंत्री को पत्र भेज कर यह आरोप लगाया था और मांग की थी कि विवादित सरक्रीक पड़ोसी देश को नहीं सौंपा जाए।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह कहते हुए इस आरोप का खंडन किया कि यह ‘बेबुनियाद’ एवं ‘शरारतपूर्ण’ है।
पीएमओ ने मोदी के पत्र के जवाब में कहा था, ‘‘पत्र में लगाया गया यह आरोप कि सरक्रीक पाकिस्तान को दिया जाने वाला है, असत्य है। इस कथित तथ्य पर मोदी द्वारा निकाले गए अन्य निष्कर्ष भी सच नहीं हैं।’’ मोदी ने अपने पत्र में आरोप लगाया था कि सरक्रीक पर केंद्र शीघ्र ही निर्णय ले सकता है और उन्हें बतौर आम आदमी उसके गंभीर सुरक्षा परिणामों की चिंता है।
पीएमओ के इनकार करने पर पलटवार करते हुए मोदी ने इन घटनाओं का हवाला दिया है। मोदी ने प्रधानमंत्री से देश को गुमराह नहीं करने और देशवासियों को यह आश्वासन देने को कहा कि सरक्रीक पाकिस्तान को सौंपने का कोई फैसला नहीं हुआ है।
एक कदम आगे बढ़ते हुए मोदी ने कहा कि न केवल प्रधानमंत्री बल्कि केंद्रीय रक्षामंत्री ने भी विवादित सरक्रीक पर करार होने की आशा जताई।
मोदी ने पोरबंदर में रक्षामंत्री के भाषण का हवाला देते हुए आरोप लगाया, ‘‘अगस्त में, हमारे केंद्रीय रक्षामंत्री पोरबंदर आए थे। उन्होंने पोरबंदर में कहा था कि सरक्रीक पर पाकिस्तान के साथ बातचीत चल रही है और आगे रास्ता निकलेगा।’’
मोदी ने बाद में ट्विटर पर लिखा, ‘‘सरक्रीक का प्रश्न न केवल कच्छ या गुजरात के बारे में है बल्कि यह देश की सुरक्षा के बारे में है। यह हमारा गौरव के बारे में है।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘संप्रग ने सीडब्ल्यूजी घोटाले के साथ हमारा खेल बेच दिया, टूजी घोटाले के साथ हमारी प्रौद्योगिकी बेच दी। उन्होंने कोयला बेच दी और अब सरक्रीक के साथ वे राष्ट्र को भी बेच देंगे।’’
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