
Refined Flour Side Effects: मैदा का रिफाइंड फ्लो के नाम से भी जाना जाता है. ये एक ऐसा डाइट कंटेंट है जो आजकल बहुत से प्रोसेस्ड फूड और बेकरी आइटम्स में प्रयोग किया जाता है. हालांकि इसका उपयोग व्यापक है, लेकिन मैदा को अक्सर अनहेल्दी या जंक फूड की श्रेणी में डाला जाता है. इसके पीछे के वैज्ञानिक और स्वास्थ्य-संबंधी कारणों को समझना जरूरी है. मैदा में कौन सी चीजें शरीर को नुकसान पहुंचाती हैं. आइए जानें कि मैदा में ऐसा क्या होता है कि इसे खाने से बचने की सलाह दी जाती है और इससे क्या नुकसान हो सकते हैं.
मैदा कैसे बनता है? (How Is Refined Flour Made?)
मैदा गेहूं के आटे को बहुत महीन पीसकर और फिर उसमें से चोकर और अनाज का रेशा (fiber) हटाकर तैयार किया जाता है. इस प्रक्रिया में इसमें से पोषक तत्व (जैसे विटामिन, मिनरल्स और फाइबर) निकाल दिए जाते हैं. इसे और सफेद बनाने के लिए ब्लीचिंग एजेंट का उपयोग किया जाता है, जिससे यह और ज्यादा प्रोसेस्ड हो जाता है.
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2. मैदा खाने से होने वाले नुकसान
फाइबर की कमी: मैदा में फाइबर बिल्कुल नहीं होता, जिससे यह पाचन तंत्र के लिए नुकसानदायक हो सकता है. फाइबर की कमी से कब्ज (Constipation) और आंत की समस्याएं बढ़ सकती हैं.
ब्लड शुगर बढ़ाता है: मैदा का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) बहुत ज्यादा होता है. इसका मतलब है कि मैदा खाने के बाद यह ब्लड शुगर (Blood Sugar) को तेजी से बढ़ाता है, जो डायबिटीज (Diabetes) रोगियों के लिए खतरनाक है.
वजन बढ़ने का खतरा: मैदा से बने फूड्स जैसे बिस्कुट, ब्रेड और पेस्ट्रीज में बहुत ज्यादा कैलोरी होती है लेकिन पोषक तत्व नहीं होते. इनका सेवन बार-बार करने से मोटापा (obesity) बढ़ने का खतरा रहता है.
हार्ट डिजीज का खतरा: मैदा बेस्ड प्रोडक्ट्स आमतौर पर ट्रांस फैट और हाइड्रोजनेटेड ऑयल से भरे होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल बढ़ाकर हार्ट रिलेटेड डिजीज का खतरा बढ़ा सकते हैं.
पोषण की कमी: मैदा में जरूरी विटामिन और मिनरल्स की कमी होती है, जिससे यह खाली कैलोरी का स्रोत बन जाता है. इससे लंबे समय में शरीर में पोषण की कमी हो सकती है.
एसिडिटी और पेट की समस्याएं: मैदा पचने में कठिन होता है, जो एसिडिटी, गैस और पेट फूलने जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है.
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मैदा के विकल्प (Alternatives to Refined Flour)
आटा (Whole Wheat Flour): इसमें फाइबर और पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं.
बाजरा, ज्वार और रागी: ये हेल्दी अनाज के विकल्प हैं, जो शरीर के लिए लाभकारी हैं.
ओट्स (Oats): ओट्स फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होते हैं और पाचन में मदद करते हैं.
4. ये सावधानियां बरतें
- मैदा वाली चीजों का सेवन सीमित करें.
- अगर किसी प्रोडक्ट में रिफाइंड फ्लोर लिखा हो, तो इसे खरीदने से बचें.
- हेल्दी ऑप्शन्स को अपनी डाइट में शामिल करें.
मैदा खाने के बजाय, पोषक तत्वों से भरपूर प्राकृतिक और अनप्रोसेस्ड अनाज का सेवन करें. यह न केवल पाचन तंत्र को हेल्दी रखता है बल्कि शरीर को जरूरी एनर्जी और पोषण भी प्रदान करता है. छोटी लेकिन जरूरी आदतें आपके लॉन्ग टर्म हेल्थ को बेहतर बना सकती हैं.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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