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This Article is From Dec 03, 2015

बदलते मौसम में होने वाले इंफेक्शन से अब खुद करें फाइट

बदलते मौसम में होने वाले इंफेक्शन से अब खुद करें फाइट
नई दिल्ली: मौसम ने करवट बदल ली है, और सर्दियों की शुरुआत हो चुकी है। मीठी-मीठी धूप अच्छी लगने लगी है, लेकिन मौसम में आने वाले बदलावों के साथ आती हैं कई बीमारियां और फ्लू। आजकल हर जगह लोग फ्लू से जूझते दिख रहे हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि इनफ्लुएंजा वायरस ठंडे और खुश्क मौसम में ही पनपता है। इसके साथ ही सर्द मौसम और नमी की कमी से इनफ्लुएंजा वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक ज़्यादा तेजी से फैलता है।

सर्दियों में भारत का हर तीसरा व्यक्ति बुखार, जुकाम और खांसी से पीड़ित होता है। हर रोज डॉक्टरों के पास आने वाले लोगों की संख्या तेज़ी से बढ़ती जाती है। फ्लू को तेज़ी से फैलता देख इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) सलाह देता है कि हल्के फ्लू से पीड़ित लोग डॉक्टर के पास जाने की बजाय लाइब्रेट जैसी टेलिमेडिसिन सुविधा का लाभ उठाएं। अगर पीड़ित लोग खुद डॉक्टर के पास न जाकर यह रास्ता अपनाएंगे, तो बीमारी के फैलने की संभावना 50 प्रतिशत तक कम हो जाती है। फ्लू का हर साल आना और लोगों के इससे पीड़ित होने के पीछे इसके खतरों, लक्षणों और इलाज के बारे में जागरूक न होना है। स्वाइन फ्लू जैसे खतरनाक फ्लू के परिणामों को देखते हुए लोग एकदम से अस्पताल या डॉक्टर के पास पहुंच जाते हैं।

इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करते हुए आईएमए के महासचिव डॉ केके अग्रवाल ने कहा, "यह जागरूकता फैलानी बेहद आवश्यक है कि फ्लू क्या होता है और इसे कैसे रोका और बचा जा सकता है। अगर बुखार न हो तो इसका अर्थ है, फ्लू नहीं है। फ्लू से पीड़ित व्यक्ति को खांसी, जुकाम और बुखार रहता है। बिना बुखार के खांसी-जुकाम एलर्जी हो सकते हैं, जिनका इलाज एंटी-हिस्टामाइन्स से किया जा सकता है। हल्के फ्लू के लिए फोन और इंटरनेट के जरिये सहायता ली जा सकती है, लेकिन अगर किसी व्यक्ति को फ्लू के साथ-साथ सांस फूलने की शिकायत हो, तो उसे अस्पताल या डॉक्टर को दिखाने में देर नहीं करनी चाहिए..."

डॉ. अग्रवाल बताते हैं, "यह जानकारी होना भी जरूरी है कि फ्लू के इलाज के लिए एंटी-बॉयटिक्स की आवश्यकता नहीं होती। वह केवल उन्हें दिया जाता है, जिन्हें बुखार के साथ गला पकने की भी शिकायत होती है। फ्लू से पीड़ित लोगों को अपने रूमाल या हाथ में खांसना या जुकाम नहीं करना चाहिए। इसकी जगह टिशू पेपर का इस्तेमाल करें और अगर उपलब्ध न हो तो अपनी स्लीव का प्रयोग करें। हाथों को साफ-सुथरा रखना बेहद जरूरी है..."

बदलता मौसम अपने साथ कई बीमारियां और इंफेक्शन लेकर आता है। ऐसे में आपकी थोड़ी-सी सतर्कता आपको होने वाले इंफेक्शन या फ्लू से बचा सकती है। बस, जरूरत है तो थोड़ी जागरुकता और सर्तक रहने की। स्वस्थ रहें, खुश रहें!

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