Navratri 2020: यह साल का वह समय है जब नवरात्रि शुरू होने वाली है. नवरात्रि को लेकर हम इतने एक्साइटेड हैं, ये आपको बता नहीं सकते. ऐसा कहा जाता है कि नवरात्रि के शुभ दिनों के दौरान, देवी दुर्गा अपने प्रिय भक्तों के बीच स्वर्ग से उतरती हैं. भक्त, बारी-बारी से उनके दिव्य आशीर्वाद के लिए अधिक मात्रा में प्रसाद चढ़ाते हैं और प्रार्थना करते हैं. कुछ भक्त अनुष्ठानिक उपवासों का पालन करते हैं, जहां वे मांसाहारी भोजन, शराब, प्याज , लहसुन और कई प्रकार के अनाज, दाल और मसाले खाने से परहेज करते हैं. इस समय विशेष व्रत सामग्री जैसे कुट्टू आटा, समक के चवाल, राजगीर आटा का इस्तेमाल करते हैं. इन्हीं सब की तरह एक और व्रत में इस्तेमाल करने वाली सबसे लोकप्रिय सामग्री, वो है सिंघाड़ा आटा. सिंघाड़ा, जिसे वाटर कैलट्रॉप या वाटर चेस्टनट के रूप में भी जाना जाता है, ये एक ऐसा फल है जो पानी के नीचे बढ़ता है. यह आमतौर पर सर्दियों का फल है, हालांकि, इसके बनने वाली चीजें जैसे आटा साल भर मिलती रहती है.
सिंघाड़ा के फल को सुखाया जाता है. और फिर इससे आटा बनाया जाता है. पोषक तत्व से भरपूर इस आटे को बहुत से व्यंजन में इस्तेमाल किया जाता है. जो सिर्फ स्वाद ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक माना जाता है.
हेल्थ के लिए फायदेमंद है सिंघाड़े के आटे का इस्तेमालः
1. वॉटर रिटेन्शनः
सिंघाड़े के आटे में पोटेशियम अधिक मात्रा में पाया जाता है. और सोडियम की सामग्री कम पाई जाती है. जो शरीर में पानी को धारण करने में मदद कर सकता है.
2. एनर्जी के लिएः
सिंघाड़े के आटे में बहुत से अच्छे कार्बोहाइड्रेट और एनर्जी को बूस्ट करने वाले तत्व पाए जाते है. जिसमें पोषक तत्वो के आलावा आयरन, कैल्शियम, जिंक और फॉस्फोरस जैसे तत्व पाए जाते हैं. नवरात्रि के उपवास के दौरान, आपकी एनर्जी का लेवल कम होना जाहिर सी बात है. क्योंकि आपके भोजन के सेवन की प्रकृति आपके नियमित दिनों से अलग होती है. व्रत में खाना बनाते समय सिंघाड़े के आटे का इस्तेमाल करें, जो आपकी एनर्जी के लेवल को बढ़ाने का काम कर सकता है.
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3. एंटीऑक्सिडेंट और मिनरल्सः
सिंघाड़े के फल में कोई कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है. और यह आवश्यक पोषक तत्वों और विटामिन से भरपूर होते हैं. सिंघाड़े के आटे में भी एंटीऑक्सिडेंट और मिनरल्स की मात्रा पाई जाती है. सिंघाड़े का आटा विटामिन बी 6, पोटेशियम (350 से 360 मिलीग्राम प्रति आधा कप), कॉपर, राइबोफ्लेविन, आयोडीन और मैंगनीज से भरा होता है. आयोडीन और मैंगनीज थायरॉयड समस्याओं में भी मदद कर सकते हैं.
4. वेट लॉसः
सिंघाड़ा को फाइबर के गुणों से भरपूर माना जाता है. लेकिन आप सिंघाड़े के आटे में भी फाइबर के गुण पा सकते हैं. फाइबर को पचाने में सबसे लंबा समय लगता है. यह आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस करता है. जो दूसरे हाई फैट वाले फूड्स को खाने से बचाने का काम करता है. लेकिन, यह सब फाइबर के बारे में नहीं है. सलाहकार पोषण विशेषज्ञ डॉ. रूपाली दत्ता के अनुसार, "सिंघाड़े के आटे की फाइबर सामग्री के साथ एक और पोषण संबंधी लाभ है. आपको इसे दैनिक भोजन में शामिल करना चाहिए. फाइबर, के बारे में जैसा कि हम सभी जानते हैं कि ये लाइफस्टाइल के कई रोगों से बचाने में मदद करता है. अगर आप अपने खाने में फाइबर को बढ़ा रहे हैं. तो इसका सीधा संबंध स्वास्थ्य से हैं.
5. ग्लूटेन फ्रीः
सिंघाड़े के आटे को ग्लूटेन फ्री माना जाता है. जो लोग ग्लूटेन को टॉलरेट नहीं कर सकते, वे इस पौष्टिक सिंघाड़े के आटे का इस्तेमाल कर सकते हैं. ग्लूटेन एक लैटिन शब्द है. और इसका अर्थ है ग्लू है. गेहूं, राई, जई और जौ में पाया जाने वाला प्रोटीन का मिश्रण. जब गेहूं के आटे को पानी के साथ मिलाया जाता है, तो प्रोटीन स्ट्रैंड्स घूल कर एक साथ मिलकर एक नेटवर्क बनाते हैं, जिसे ग्लूटेन कहा जाता है. यह ग्लटेन है जो ग्लूटेन एलर्जी, ग्लूटेन असहिष्णुता और ग्लूटेन रोगों जैसी स्थितियों की संख्या को ट्रिगर कर सकता है.
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