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संभल में बंद मिले मंदिर के पास मुस्लिम खुद क्यों तोड़ रहे अपना मकान?

यूपी के संभल के दीपा सराय में 46 साल बाद खोले गए शिव मंदिर में मंगलवार को हनुमान जी को चोला चढ़ाया गया. भगवान शिव और हनुमान जी का श्रृंगार कराया गया. जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया.

संभल में बंद मिले मंदिर के पास मुस्लिम खुद क्यों तोड़ रहे अपना मकान?
संभल मंदिर में रविवार को भी भक्तों को इपूजा करते हुए देखा गया था.
लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के संभल के दीपा सराय में 46 साल बाद हिंदू मंदिर मिला है. इस मंदिर के पास रहने वाले लोगों को इस बात का डर सताने लगा है कि कहीं उनका घर भी न ढहा दिया जाएं. इसलिए डर के मारे लोगों ने खुद ही अपने घरों को तोड़ना शुरू कर दिया है. मंदिर के पास लोगों ने अतिक्रमण कर अपने घरों को बनाया था. जैसे ही इस इलाके में मंदिर मिला, वैसे ही प्रशासन भी हरकत में आ गया. बस फिर क्या था लोगों ने खुद ही अपने घरों को तोड़ने का काम शुरू दिया. इस मामले में प्रशासन की कार्रवाई भी शुरू हो चुकी है. संभल जिला प्रशासन ने भी साइट पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं और अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू किया है. ऐसे में यहां के लोगों ने खुद ही अपने घरों को तोड़ना बेहतर समझा.

घर तोड़ने वाले लोगों को किस बात का डर

संभल के जिस इलाके में एक प्राचीन मंदिर मिला है, अब वहां के मुस्लिम लोगों ने अपने उन घरों को तोड़ना शुरू कर दिया है, जिन्हें उन्होंने मंदिर की संपत्ति पर अतिक्रमण करके बनाया था. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक नाम न बताने की शर्त पर यहां रहने वाले एक शख्स ने बताया कि अगर हम अपने घरों को खुद ही तोड़ लेते हैं तो कम से कम हम इस तरह से अपनी कुछ कीमती चीज़ों को तो जरूर बचा सकते हैं. अगर हम ध्वस्तीकरण का काम प्रशासन पर छोड़ देते हैं, तो हमारे पास शायद इसमें से कुछ भी न बचे.

46 साल बाद फिर खुला मंदिर

उत्तर प्रदेश के संभल के दीपा सराय में 46 साल बाद हिंदू मंदिर मिला है. इस मंदिर पर भी अब जमकर सियासत हो रही है. संसद और यूपी विधानसभा में भी संभल के मुद्दे पर जमकर घमासान देखने को मिला है. संभल में जो शिव मंदिर मिला है, उसमें कई सारी मूर्तियां मिली हैं. मंदिर परिसर में बंद पड़े एक कुएं की खुदाई की गई. 20 फीट गहरी खुदाई के बाद वहां से कई सारी मूर्तियां निकली गई. जिसके बाद सोमवार के दिन शिव मंदिर के दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी. भक्तों ने जल अभिषेक और पूजा अर्चना की. 

संभल प्रशासन ने शहर में सांप्रदायिक दंगों के बाद 1978 से बंद एक मंदिर को फिर से खोल दिया. शाही जामा मस्जिद से करीब एक किलोमीटर दूर यह मंदिर खग्गू सराय इलाके में है. स्थानीय लोगों ने बताया कि मस्जिद के आसपास पुराने मंदिर के पास, एक कुआं मिला है. यह कुआं मस्जिद के प्रवेश द्वार के बिल्कुल किनारे पर स्थित है, मौके पर पुलिस बल तैनात है. 46 साल बाद खुले शिव मंदिर में लोग दर्शन के लिए आ रहे हैं. मंगलवार को हनुमान जी को चोला चढ़ाया गया. सुबह 4 बजे मंदिर की साफ सफाई की गई. भगवान शिव और हनुमान जी का श्रृंगार कराया गया. जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया.

जानें कुएं में क्या-क्या मिला

संभल में खुदाई के दौरान गणेश जी की मूर्ति, स्वास्तिक अंकित ईंटें, गौरा पार्वती जी की मूर्ति मिली है. जब मंदिर के पास स्थित पुराने कुएं की मजदूरों ने खुदाई की तो उन्हें तीन मूर्तियां मिली. गणेश-लक्ष्मी जी की एक मूर्ति के अलावा गौरा पार्वती जी की खंडित मूर्ति और स्वस्तिक के चिह्न वाली ईंट निकली है. नखासा थाना क्षेत्र के मोहल्ला दीपा सराय से सटे खग्गू सराय में लगभग 46 साल से बंद पड़े एक पुराने शिव मंदिर को प्रशासन ने शनिवार को खुलवाया था. प्रशासन की टीम इलाके में बिजली चोरी पकड़ने गई थी और इसी दौरान ये मंदिर मिला था. 

46 साल बाद भी नहीं मिला न्याय, संभल दंगे के पीड़ितों की कहानी

संभल जिला इन दिनों कई कारणों से सुर्खियों में है. पहले मस्जिद में सर्वे के दौरान हुई हिंसा और फिर दशकों से बंद पड़े मंदिर को लेकर विवाद, लेकिन अब संभल का एक पुराना मामला चर्चा में है, जिसका जिक्र हाल ही में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में किया था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में 1978 के संभल दंगे का काला अध्याय उजागर किया. उन्होंने संभल के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की पीड़ा का उल्लेख करते हुए बताया कि यह दंगे हिंदू समाज के लिए एक बहुत ही दर्दनाक और भयावह अनुभव थे. उन्होंने उस मंदिर का भी जिक्र किया, जो इन दंगों के बाद से बंद पड़ा था. हिंदू पक्ष का दावा है कि इस मंदिर में ताला 1978 के दंगों के बाद लगा था, जब पूरे क्षेत्र में दंगे भड़के थे और लोग अपनी जान बचाने के लिए संभल से पलायन कर गए थे.

संभल दंगों के दो पीड़ितों ने अपनी दर्दनाक कहानी बयां की. देवेंद्र रस्तोगी ने बताया कि उस समय कई लोगों की जान गई थी. दुकानों में आग लगा दी गई थी और इलाके में जबरदस्त हिंसा फैली थी. उन्होंने बताया कि उस वक्त कांग्रेस की सरकार की लापरवाही के कारण पुलिस बल की पर्याप्त तैनाती नहीं की गई थी. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दंगों के दोषियों पर कार्रवाई की बात को सराहा और कहा कि जिन लोगों के परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए. रस्तोगी ने आगे कहा कि हम अपनी छतों पर थे और हर तरफ आग लगी हुई थी. 50 से ज्यादा दुकानें जलकर राख हो गई थी. एक शख्स ने ताड़ के पेड़ पर चढ़कर अपनी जान बचाई थी, उस दौरान करीब एक महीने का कर्फ्यू लगा था.

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