Best Pulses to Control Diabetes: क्या आप या आपके परिवार में कोई डायबिटीज से जूझ रहा है और समझ नहीं आ रहा कि खाने में क्या शामिल करें और क्या नहीं? अगर हाँ, तो आप सही जगह पर हैं! डायबिटीज यानी मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जिसमें खान-पान का सीधा असर हमारे ब्लड शुगर लेवल (Sugar Level) पर पड़ता है. ऐसे में, यह जानना बहुत ज़रूरी हो जाता है कि हम अपनी डाइट में किन चीज़ों को शामिल करें (diabetes me kya khana chahiye). भारतीय खान-पान में दाल का बहुत अहम स्थान है. यह प्रोटीन और पोषण का भंडार है. लेकिन, सवाल ये है कि डायबिटीज के मरीज़ों के लिए सबसे अच्छी दाल कौन सी है?
Diabetes me kya khana chahiye: घबराइए नहीं, इस लेख में हम इसी सवाल का एकदम आसान जवाब देंगे और आपको बताएंगे कि कौन सी दालें आपके ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करेंगी और आपको सेहतमंद रखेंगी.
डायबिटीज में सबसे अच्छी दाल कौन सी है? शुगर कंट्रोल करने के लिए खाएं ये टॉप 5 दालें | 5 Best Pulses to Control Diabetes
डायबिटीज और दाल का कनेक्शन: क्यों है दाल ज़रूरी?
दालें, जिसे अंग्रेजी में पल्सेस (Pulses) भी कहते हैं, हमारी सेहत के लिए वरदान हैं. डायबिटीज के मरीज़ों के लिए दालें और भी ज़्यादा ज़रूरी हो जाती हैं, क्योंकि इनमें दो ख़ास चीज़ें भरपूर मात्रा में होती हैं:
1. फाइबर (Fiber): दालों में घुलनशील और अघुलनशील फाइबर खूब होता है. यह पाचन प्रक्रिया को धीमा कर देता है, जिससे भोजन से ग्लूकोज़ (शुगर) धीरे-धीरे खून में मिलता है. नतीजतन, ब्लड शुगर का स्तर अचानक नहीं बढ़ता.
2. प्रोटीन (Protein): दालें प्लांट-बेस्ड प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत हैं. प्रोटीन खाने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है और आपको बार-बार खाने की इच्छा नहीं होती. यह इंसुलिन सेंसिटिविटी (Insulin Sensitivity) को भी बेहतर बनाने में मदद करता है.
इन दोनों कारणों से दालें डायबिटीज डाइट का एक ज़रूरी हिस्सा बन जाती हैं.
शुगर कंट्रोल करने के लिए सबसे अच्छी दाल
डायबिटीज के लिए सबसे अच्छी दाल चुनने का सीक्रेट: ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI)
किसी भी खाने की चीज़ का हमारे ब्लड शुगर पर कितना असर पड़ेगा, यह जानने का सबसे अच्छा तरीका है ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycemic Index - GI) को देखना.
लो-जीआई (Low-GI) फूड: जिन चीज़ों का जीआई 55 या उससे कम होता है, वे ब्लड शुगर को धीरे-धीरे बढ़ाते हैं और डायबिटीज मरीज़ों के लिए सबसे अच्छे होते हैं.
मीडियम-जीआई (Medium-GI) फूड: 56 से 69 के बीच का जीआई मध्यम माना जाता है.
हाई-जीआई (High-GI) फूड: 70 या उससे ज़्यादा जीआई वाले फूड तेज़ी से शुगर बढ़ाते हैं और इनसे बचना चाहिए.
अच्छी खबर यह है कि ज़्यादातर दालों का जीआई कम ही होता है, लेकिन कुछ दालें बाकियों से ज़्यादा फ़ायदेमंद होती हैं.
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डायबिटीज में सबसे अच्छी दाल कौन सी है? शुगर कंट्रोल करने के लिए खाएं ये टॉप 5 दालें
डायबिटीज में सबसे अच्छी दाल कौन सी है? (Top 5 Pulses)
एक्सपर्ट्स के अनुसार, कुछ दालें ऐसी हैं जो डायबिटीज को कंट्रोल करने में सबसे ज़्यादा असरदार मानी जाती हैं:
1. चने की दाल (Chana Dal) - किंग ऑफ़ पल्सेस
अगर एक दाल को 'बेस्ट' का ताज देना हो, तो वह चने की दाल होगी.
क्यों बेस्ट: इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) सबसे कम होता है, लगभग 8-10 के आस-पास. इसका मतलब है कि यह आपके ब्लड शुगर को लगभग न के बराबर बढ़ाती है.
फायदे: इसमें फाइबर और प्रोटीन दोनों ही बहुत अच्छी मात्रा में होते हैं. यह आपको लंबे समय तक ऊर्जा देती है और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखती है.
खाने का तरीका: इसे सादी दाल के रूप में, या फिर सलाद और सब्ज़ियों में मिलाकर भी खाया जा सकता है.
2. मूंग दाल (Moong Dal) - हल्की और पौष्टिक
मूंग दाल भारतीय रसोई की सबसे हल्की और आसानी से पचने वाली दाल है.
क्यों बेस्ट: इसका जीआई भी बहुत कम होता है. साथ ही, इसमें फैट (वसा) बहुत कम होता है और प्रोटीन उच्च मात्रा में होता है.
फायदे: इसे खाने से पेट और आंतों का स्वास्थ्य (Gut Health) अच्छा रहता है. यह उन मरीज़ों के लिए बेहतरीन है, जिन्हें पेट से जुड़ी समस्याएँ रहती हैं.
खाने का तरीका: छिलके वाली हरी मूंग दाल (साबुत मूंग) सबसे ज़्यादा फ़ायदेमंद होती है. इसे अंकुरित करके (Sprouts) नाश्ते में खाने से दोगुना फ़ायदा मिलता है.
3. मसूर दाल (Masoor Dal) - पोषण का पावरहाउस
लाल रंग की मसूर दाल सिर्फ़ स्वादिष्ट ही नहीं, बल्कि डायबिटीज मरीज़ों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है.
क्यों बेस्ट: इसमें भी लो-जीआई, हाई-फाइबर और प्रोटीन का अच्छा तालमेल होता है.
फायदे: मसूर दाल में एंटीऑक्सीडेंट्स और ज़रूरी मिनरल्स जैसे आयरन और मैग्नीशियम भी पाए जाते हैं, जो शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) को बढ़ाते हैं.
खाने का तरीका: इसे सामान्य दाल की तरह या सूप के रूप में भी डाइट में शामिल कर सकते हैं.
4. अरहर दाल / तूर दाल (Arhar/Toor Dal) - रोज़ाना की दाल
अगर आप रोज़ाना कोई दाल खाना चाहते हैं, तो अरहर दाल एक अच्छा और सुरक्षित विकल्प है.
क्यों बेस्ट: इसका जीआई भी कम होता है. यह पचने में भी हल्की होती है और बहुत स्वादिष्ट लगती है.
फायदे: यह प्रोटीन का अच्छा स्रोत है और इसमें फोलेट (Folate) और ज़िंक (Zinc) जैसे पोषक तत्व भी होते हैं.
खाने का तरीका: इसे घी और हींग का तड़का लगाकर खाएं, लेकिन घी की मात्रा सीमित रखें.
5. राजमा (Kidney Beans) - फाइबर का ख़ज़ाना
वैसे तो यह technically दाल नहीं है, पर राजमा (बीन्स) भी डायबिटीज डाइट के लिए बहुत शानदार है.
क्यों बेस्ट: राजमा कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट और फाइबर से भरपूर होता है. यह धीरे-धीरे पचता है, जिससे ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है.
फायदे: यह ब्लड शुगर स्पाइक (अचानक शुगर बढ़ने) को रोकता है.
खाने का तरीका: इसे ज़्यादा मसालों और तेल के बिना पकाकर खाएं.

कौन सी दालों से बचना चाहिए या कम खाना चाहिए?
आमतौर पर, सभी दालें अच्छी होती हैं, लेकिन कुछ दालें ऐसी हैं जिन्हें डायबिटीज मरीज़ों को कम मात्रा में खानी चाहिए:
उड़द दाल (Urad Dal): कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स उड़द दाल को सीमित मात्रा में खाने की सलाह देते हैं, खासकर अगर आप इसे बहुत ज़्यादा घी या मक्खन डालकर बना रहे हैं. उड़द दाल थोड़ी भारी और गैस बनाने वाली भी हो सकती है. अगर खाते भी हैं, तो सादी और कम घी वाली खाएं.
दालों का अत्यधिक सेवन: किसी भी दाल को ज़्यादा मात्रा में खाने से परहेज़ करें. पोर्शन कंट्रोल (Portion Control) सबसे ज़रूरी है.
डायबिटीज के मरीज़ों को कौन सी दालें खानी चाहिए, यह तो हम जान चुके हैं, लेकिन यह जानना भी उतना ही ज़रूरी है कि किन दालों को नहीं खाना चाहिए या कम खाना चाहिए.
आमतौर पर, लगभग सभी दालें (Pulses) फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होने के कारण डायबिटीज मरीज़ों के लिए सुरक्षित मानी जाती हैं. लेकिन कुछ दालों और उन्हें बनाने के तरीके से परहेज़ करना चाहिए.
यहाँ विस्तार से बताया गया है कि डायबिटीज में कौन सी दालें नहीं खानी चाहिए या कम खानी चाहिए, और क्यों:
डायबिटीज में कौन सी दालें नहीं खानी चाहिए (या सीमित करें) | Sugar ke Marij Ko Kya Khilaye
ज़्यादातर स्वास्थ्य विशेषज्ञ एक या दो दालों को छोड़कर, सभी को सीमित मात्रा में खाने की सलाह देते हैं. जिन दालों को आपको सीमित करना चाहिए, वे हैं:
1. उड़द दाल (Urad Dal / Black Gram) - साबुत या धुली
यह एक ऐसी दाल है जिसका सेवन डायबिटीज मरीज़ों को बहुत ही सीमित मात्रा में करना चाहिए.
क्यों सीमित करें? उड़द दाल बाकी दालों की तुलना में पचने में थोड़ी भारी होती है और यह गैस (Flatulence) और सूजन (Bloating) पैदा कर सकती है. डायबिटीज में पाचन स्वास्थ्य (Digestive Health) को अच्छा रखना बहुत ज़रूरी है.
ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) फैक्टर : हालाँकि इसका जीआई भी कम होता है, लेकिन इसकी प्रकृति भारी होने के कारण कुछ लोग इसे खाने के बाद थकान महसूस करते हैं, जो डायबिटीज मरीज़ों के लिए अच्छा नहीं है.
सबसे बड़ा कारण : बनाने का तरीका: उड़द दाल का इस्तेमाल अक्सर दाल मखनी या पूरी बनाने में किया जाता है, जिसमें मक्खन, क्रीम, और तेल का बहुत ज़्यादा इस्तेमाल होता है. यह वसा (Fat) और कैलोरी को बढ़ा देता है, जो इंसुलिन रेजिस्टेंस (Insulin Resistance) को बढ़ा सकता है.
सलाह: यदि आप उड़द दाल खाते भी हैं, तो इसे सादा और कम तेल-मसाले वाला ही बनाएं.
2. मसूर साबुत दाल (Whole Masoor Dal)
लाल मसूर दाल (Dhuli Masoor) तो अच्छी है, लेकिन साबुत मसूर दाल (जो छिलके वाली होती है) कुछ लोगों को पचने में भारी लग सकती है.
क्यों सीमित करें? बाकी सभी साबुत दालों की तरह, अगर इसे ठीक से न भिगोया जाए, तो इसमें मौजूद फाइटिक एसिड (Phytic Acid) पाचन संबंधी समस्याएँ पैदा कर सकता है.
सलाह: साबुत मसूर या किसी भी साबुत दाल को खाने से पहले कम से कम 8 घंटे के लिए ज़रूर भिगोएँ.
दाल से ज़्यादा, बनाने के तरीके से परहेज़ करें | Sugar Me Kya Khana Chahiye
डायबिटीज में समस्या दाल से नहीं, बल्कि उसे बनाने के तरीके से आती है. आपको निम्नलिखित चीज़ों से परहेज़ करना चाहिए, भले ही आप कितनी भी हेल्दी दाल क्यों न खा रहे हों:
1. दाल मखनी (Dal Makhani) और ऐसी ही डिश
किसी भी दाल को जब क्रीम (Cream), मक्खन (Butter) या अत्यधिक घी (Ghee) डालकर बनाया जाता है, तो वह डायबिटीज मरीज़ों के लिए अनहेल्दी हो जाती है.
खतरा: ज़्यादा वसा (Fat) और कैलोरी के कारण यह वजन बढ़ा सकती है और इंसुलिन सेंसिटिविटी को कम कर सकती है, जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल मुश्किल हो जाता है.
2. डीप-फ्राइड दाल आइटम
दालों से बनी चीज़ें जिन्हें तेल में तला जाता है, जैसे:
- दाल पकौड़े/वड़े (Dal Pakoda/Vada)
- दही भल्ला (Dahi Bhalla)
- पूड़ी या कचौरी (Puri or Kachori) जिसमें दाल की फिलिंग होती है
खतरा: डीप-फ्राई करने से वसा (Fat) की मात्रा बहुत ज़्यादा हो जाती है.
3. दाल में अत्यधिक नमक या चीनी
कुछ दालों की रेसिपी में संतुलन बनाए रखने के लिए चीनी या गुड़ (जैसे बंगाल की कुछ दालें) का इस्तेमाल होता है, या फिर अत्यधिक नमक (High Sodium) का इस्तेमाल होता है.
खतरा: डायबिटीज अक्सर हाई ब्लड प्रेशर (High BP) से जुड़ी होती है. ज़्यादा नमक खाने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है. चीनी या गुड़ तो ब्लड शुगर को सीधे बढ़ाता ही है.
दाल को और भी ज़्यादा सेहतमंद कैसे बनाएं? (Expert Tips)
अपनी दाल को सुपर-हेल्दी बनाने के लिए इन बातों का ध्यान रखें:
1. मल्टीग्रेन दाल मिक्स: चना, मूंग, मसूर और अरहर को मिलाकर मल्टीग्रेन दाल मिक्स बनाएं. इससे आपको सभी दालों के पोषक तत्व एक साथ मिलेंगे.
2. सब्ज़ियाँ मिलाएँ: दाल पकाते समय उसमें पालक, टमाटर, लौकी, या गाजर जैसी सब्ज़ियाँ ज़रूर मिलाएँ. इससे फाइबर और पोषण की मात्रा और बढ़ जाएगी.
3. तड़का सावधानी से: दाल में ज़्यादा घी, तेल, या क्रीम का इस्तेमाल न करें. हींग, ज़ीरा, और करी पत्ता का सादा तड़का सबसे अच्छा है.
4. दाल को भिगोएँ: दाल को पकाने से पहले 6-8 घंटे तक भिगोना न भूलें. इससे फाइटिक एसिड (Phytic Acid) कम होता है और पाचन बेहतर होता है.
5. स्प्राउट्स खाएँ: मूंग और चने को अंकुरित (Sprout) करके खाने से इनके पोषण और विटामिन की मात्रा कई गुना बढ़ जाती है.
डायबिटीज में दाल खाना सिर्फ़ सुरक्षित ही नहीं, बल्कि बेहद फ़ायदेमंद है. चने की दाल और मूंग दाल को अपनी डाइट में प्राथमिकता दें. दालों के साथ-साथ, फाइबर से भरपूर सब्ज़ियाँ और साबुत अनाज (Whole Grains) भी अपनी डाइट में ज़रूर शामिल करें. दालें आपको सही पोषण और ऊर्जा देती हैं, साथ ही आपके ब्लड शुगर को भी नियंत्रित रखती हैं.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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