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This Article is From Nov 03, 2022

Dev Uthani Ekadashi 2022: कल है देवउठनी एकादशी, जानें व्रत नियम और भोग रेसिपी

Dev Uthani Ekadashi 2022: कल देव उठनी एकादशी है. हिंदू धर्म में देव उठनी एकादशी का विशेष महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा जाता है.

Dev Uthani Ekadashi 2022: कल है देवउठनी एकादशी, जानें व्रत नियम और भोग रेसिपी
Dev Uthani Ekadashi: इसे प्रबोधिनी या देवोत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है.

Dev Uthani Ekadashi 2022: कल देव उठनी एकादशी है. हिंदू धर्म में देव उठनी एकादशी का विशेष महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा जाता है. इसे प्रबोधिनी या देवोत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन से सभी शुभ व मांगलिक कार्य शुरू हों जाते हैं. शास्त्रों के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन ही जगत के पालनहार भगवान विष्णु चार महीने बाद योग निद्रा से जागते हैं और पुन: सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं. आपको बता दें कि इस दिन भगवान शालीग्राम और माता तुलसी के विवाह का भी प्रवधान है. इस दिन कई तरह के कार्य नहीं किए जाते हैं. तो अगर आप भी देव उठनी एकादशी का व्रत कर रहे हैं तो जान लें भगवान विष्णु को भोग में क्या लगाएं और व्रत के दिन क्या करें और क्या नहीं.

देव उठनी भोग रेसिपी- Dev Uthani Ekadashi Bhog Recipe:

देव उठनी के दिन भगवान विष्णु को सफेद चीजों का भोग लगाया जाता है. आप श्री नारायण और माता लक्ष्मी को पेड़े या खीर का भोग लगा सकते हैं. खीर बहुत ही आसान रेसिपी है. इसे दूध, चीनी, इलायची पाउडर और मखाने से तैयार किया जाता है. पूरी रेसिपी के लिए यहां क्लिक करें. 

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देव उठनी व्रत नियम- Dev Uthani Ekadashi 2022 Vrat Niyam:

एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. शास्त्रों के अनुसार, इस दिन कई कार्य करना वर्जित माना जाता है, तो अगर आप भी व्रत का पालन कर रहे हैं तो ध्यान दें इन बातों का...

1. एकादशी के दिन सात्विक भोजन करना चाहिए. इस दिन मांस-मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए.

2. देवउठनी एकादशी के दिन शालीग्राम और माता तुलसी का विवाह होता है, इसलिए इन दिन तुलसी के पत्तों को तोड़ने की मनाही होती है.

3. एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए. 

4. इस दिन किसी की बुराई नहीं करनी चाहिए, माना जाता है कि इससे माता लक्ष्मी नाराज होती है.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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