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रसोई का सबसे बड़ा खतरा बेलन पर जमा अदृश्य फफूंदी! क्या हर दिन रोटी के साथ पेट में जा रही बीमारियां?

यह फफूंदी इतनी महीन होती है कि नंगी आंखों से नजर भी नहीं आती, इसलिए ज्यादातर लोग इस खतरे को समझ ही नहीं पाते. लेकिन यह छोटी-सी समस्या धीरे-धीरे बड़ी स्वास्थ्य दिक्कतों का कारण बन सकती है.

रसोई का सबसे बड़ा खतरा बेलन पर जमा अदृश्य फफूंदी! क्या हर दिन रोटी के साथ पेट में जा रही बीमारियां?
लकड़ी में नमी जल्दी बैठ जाती है.

हमारे किचन में कई ऐसी चीजें होती हैं जिन्हें हम रोजाना इस्तेमाल तो करते हैं, लेकिन उनकी सफाई पर उतना ध्यान नहीं देते. इन्हीं में से एक है, रोटी बेलने वाला लकड़ी का बेलन. देखने में यह साफ लगता है, पर मौसम बदलते ही इसकी सतह के अंदर बहुत बारीक, हल्की-हल्की फफूंदी (mold) जमने लगती है. यह फफूंदी इतनी महीन होती है कि नंगी आंखों से नजर भी नहीं आती, इसलिए ज्यादातर लोग इस खतरे को समझ ही नहीं पाते. लेकिन यह छोटी-सी समस्या धीरे-धीरे बड़ी स्वास्थ्य दिक्कतों का कारण बन सकती है.

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बेलन की सतह में फफूंद क्यों लग जाती है?

लकड़ी में नमी जल्दी बैठ जाती है और बरसात या सर्दियों के मौसम में यह नमी बाहर नहीं निकल पाती. नतीजा, बेलन की सतह के अंदर फफूंद तेजी से बढ़ने लगती है. जब हम इस बेलन से रोटियां बेलते हैं, तो यह सूक्ष्म फफूंद आटे में मिल जाते हैं और हमारे शरीर में चले जाते हैं. इससे कई लोगों में पेट दर्द, बदहजमी, गैस, एलर्जी, सिरदर्द और लंबे समय में इम्यून सिस्टम कमजोर होने जैसी दिक्कतें देखी जाती हैं. इसलिए यह समझना जरूरी है कि यह समस्या छोटी नहीं है और बेलन की सही सफाई बेहद जरूरी है.

बेलन को कैसे साफ करें? | How to Clean a Rolling Pin? 

अब सवाल यह है कि बेलन को कैसे साफ करें ताकि यह फफूंदी पूरी तरह खत्म हो जाए? इसका सबसे आसान, घरेलू और सुरक्षित तरीका है नमक और गर्मी का इस्तेमाल. नमक एक प्राकृतिक स्क्रबर और एंटी-फंगल एजेंट की तरह काम करता है. बेलन पर नमक रगड़ने से उस पर जमा हुई महीन गंदगी और नमी बाहर निकल आती है. यह तरीका बेलन की लकड़ी को नुकसान पहुंचाए बिना उसे डीप-क्लीन करने का मौका देता है.

नमक से रगड़ने के बाद बेलन को बहते पानी से धो लें और कपड़े से अच्छी तरह पोंछकर सुखा लें. इसके बाद दूसरा सबसे कारगर तरीका है, गैस की फ्लेम पर हल्का गर्म करना. ध्यान रखें कि इसे आग में जलाना नहीं है, बस हल्का-सा घुमा-घुमाकर गर्म करना है, ताकि अंदर की नमी पूरी तरह खत्म हो जाए. तापमान बढ़ने पर फफूंद के जीवाणु खत्म हो जाते हैं और लकड़ी दोबारा सुरक्षित हो जाती है.

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यह उपाय कितना कारगर?

यह उपाय महीने में एक बार जरूर करना चाहिए और मौसम बदलने पर सप्ताह में एक बार करना और भी बेहतर है. इसके अलावा बेलन को कभी भी गीले कपड़े से पोंछकर तुरंत बंद दराज में न रखें. इसे हवा में पूरी तरह सूखने दें, तभी स्टोर करें.

रसोई की सफाई सिर्फ दिखने भर की सफाई नहीं है. बेलन जैसी साधारण वस्तु भी हमारे स्वास्थ्य पर सीधा असर डाल सकती है. इसलिए थोड़ी-सी सावधानी अपनाकर आप अपने परिवार को कई छिपी स्वास्थ्य समस्याओं से बचा सकते हैं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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