Hariyali Teej 2019: कब है हरियाली तीज? जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत कथा और व्रत के आहार

Hariyali Teej 2019 Date: अगर आप भी जानना चाहते हैं कि कब है हरियाली तीज, तीज के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत कथा और व्रत के आहार क्या हैं... तो हम आपको बता देते हैं कि हरियाली तीज (Hariyali Teej 2019) हमेशा सावन के महीने में होती है. इस साल तीज 3 अगस्त 2019 को पड़ रही है.

Hariyali Teej 2019: कब है हरियाली तीज? जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत कथा और व्रत के आहार

Hariyali Teej: तीज 3 अगस्त 2019 को है.

खास बातें

  • इस साल तीज 3 अगस्त 2019 को पड़ रही है.
  • तीज का मतलब होता है ‘तृतीया'.
  • इस दिन विवाहित महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं.

Hariyali Teej 2019 Date: अगर आप भी जानना चाहते हैं कि कब है हरियाली तीज, तीज के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत कथा और व्रत के आहार क्या हैं... तो हम आपको बता देते हैं कि हरियाली तीज (Hariyali Teej 2019) हमेशा सावन के महीने में होती है. इस बार तीज 2019 अगस्त महीने में होगी. 2019 में तीज कब की है, इस बात का जवाब तो आपको मिल ही गया है. हरियाली तीज 2019 अगस्त महीने में होगी. सावन (Sawan 2019) के शीतल महीने में तीज पर झूले डलते हैं जो मौसम के मिजाज में जोरदार तड़का लगाते हैं. हिंदू धर्म में लोग श्रावण मास का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार करते हैं. इसी महीने में शिवरात्रि के बाद से त्योहार शुरू हो जाते हैं. सबसे पहले शिवरात्रि, उसके बाद हरियाली तीज, नाग पंचमी, रक्षाबंधन, कजरी तीज, जन्माष्टमी, हरतालिका तीज 2019, दशहरा, नवरात्रि, करवा चौथ (Karwa Chouth 2019), दिवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज के बाद छठ पूजा का त्योहार आता है. गौरतलब है कि सावन का महीना 17 जुलाई से शुरू हो रहा है. सावन में ही सावन शिवरात्रि होती है जो 30 जुलाई को है. साल में 12 शिवरात्रियां, हर माह त्रयोदशी की दिन पड़ती हैं. इन 12 शिवरात्रियों में से फाल्गुन शिवरात्रि और सावन शिवरात्रि का महत्व सबसे अधिक है. बता दें कि फाल्गुन शिवरात्रि को महाशिवरात्रि भी कहा जाता है. पुराणों अनुसार सावन शिवरात्रि पर विधि पूर्वक भगवान शिव के लिए व्रत रख, पूजा करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं और भगवान शंकर की असीम कृपा आप पर बरसती रहती है.

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हरियाली तीज के बाद हरतालिका तीज आती है. हरतालिका तीज 2019 कब है. अगर आप यह भी जानना चाहते हैं तो आपको बता दें कि इस साल हरतालिका तीज 1 सितंबर रविवार को है. हरतालिका तीज को बूढ़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है. तीज के दिन महिलाएं अपने पति की लम्बी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. कुछ महिलाएं इस दौरान निर्जला व्रत रखती हैं. माना जाता है कि यह व्रत करवा चौथ के व्रत से भी ज्यादा मुश्किल होता है. इस व्रत में पत्नियां अपने पति की लंबी उम्र के लिए लगभग 30 घंटों तक भूखी रहती हैं.

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कब है हरियाली तीज 2019

इस साल तीज 3 अगस्त 2019 को पड़ रही है. हरियाली तीज 2019 अगस्त महीने में होगी. सावन (Sawan 2019) के शीतल महीने में तीज पर झूले डलते हैं जो मौसम के मिजाज में जोरदार तड़का लगाते हैं. हरियाली तीज के बाद हरतालिका तीज आती है. हरतालिका तीज 2019 कब है. तीज का मतलब होता है ‘तृतीया'. तीज का व्रत पूरे भारत में मनाया जाता है. इस व्रत को खासकर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार में रखा जाता है. पति-पत्नी के प्यार को समर्पित इस पर्व को पति की लंबी उम्र के लिए मनाया जाता है.

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हरियाली तीज 2019 की तिथि व मुहूर्त

हरियाली तीज 2019 कब है - 3 अगस्त, 2019

वार- शनिवार

तृतीया तिथि प्रारंभ - 01:36 बजे (3 अगस्त 2019)

तृतीया तिथि समाप्त - 22:05 बजे (3 अगस्त 2019)

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Hariyali Teej 2019: हरियाली तीज के बाद हरतालिका तीज आती है. दोनों ही पर लोग अपने दोस्तों को Wishes और Quotes भेजते हैं. 

हरियाली तीज की पूजा विधि

हरियाली तीज 2019 के दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं. मान्यता के अनुसार यह त्योहार तीन दिन का होता है, लेकिन आजकल इसे एक ही दिन मनाया जाने लगा है. इस दिन विवाहित महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं. इस मौके पर विवाहित महिलाएं नए वस्त्र पहनती हैं और हाथों में मेहंदी और पैरों में अल्ता लगाती हैं. इस मौके पर मां पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है.

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हरियाली तीज की व्रत कथा

पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार शिव जी ने माता पार्वती जी को इस व्रत के बारे में विस्तार पूर्वक समझाया था. मां गौरा ने माता पार्वती के रूप में हिमालय के घर में जन्म लिया था. बचपन से ही माता पार्वती भगवान शिव को वर के रूप में पाना चाहती थीं और उसके लिए उन्होंने कठोर तप किया. 12 सालों तक निराहार रह करके तप किया. एक दिन नारद जी ने उन्हें आकर कहा कि पार्वती के कठोर तप से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु आपकी पुत्री से विवाह करना चाहते हैं. नारद मुनि की बात सुनकर महाराज हिमालय बहुत प्रसन्न हुए. उधर, भगवान विष्णु के सामने जाकर नारद मुनि बोले कि महाराज हिमालय अपनी पुत्री पार्वती से आपका विवाह करवाना चाहते हैं. भगवान विष्णु ने भी इसकी अनुमति दे दी.

फिर माता पार्वती के पास जाकर नारद जी ने सूचना दी कि आपके पिता ने आपका विवाह भगवान विष्णु से तय कर दिया है. यह सुनकर पार्वती बहुत निराश हुईं उन्होंने अपनी सखियों से अनुरोध कर उसे किसी एकांत गुप्त स्थान पर ले जाने को कहा. माता पार्वती की इच्छानुसार उनके पिता महाराज हिमालय की नजरों से बचाकर उनकी सखियां माता पार्वती को घने सुनसान जंगल में स्थित एक गुफा में छोड़ आईं. यहीं रहकर उन्होंने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तप शुरू किया जिसके लिए उन्होंने रेत के शिवलिंग की स्थापना की. संयोग से हस्त नक्षत्र में भाद्रपद शुक्ल तृतीया का वह दिन था जब माता पार्वती ने शिवलिंग की स्थापना की. इस दिन निर्जला उपवास रखते हुए उन्होंने रात्रि में जागरण भी किया.

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उनके कठोर तप से भगवान शिव प्रसन्न हुए माता पार्वती जी को उनकी मनोकामना पूर्ण होने का वरदान दिया. अगले दिन अपनी सखी के साथ माता पार्वती ने व्रत का पारण किया और समस्त पूजा सामग्री को गंगा नदी में प्रवाहित कर दिया. उधर, माता पार्वती के पिता भगवान विष्णु को अपनी बेटी से विवाह करने का वचन दिए जाने के बाद पुत्री के घर छोड़ देने से व्याकुल थे. फिर वह पार्वती को ढूंढते हुए उस स्थान तक जा पंहुचे. इसके बाद माता पार्वती ने उन्हें अपने घर छोड़ देने का कारण बताया और भगवान शिव से विवाह करने के अपने संकल्प और शिव द्वारा मिले वरदान के बारे में बताया. तब पिता महाराज हिमालय भगवान विष्णु से क्षमा मांगते हुए भगवान शिव से अपनी पुत्री के विवाह को राजी हुए.

हरियाली तीज के व्रत पर खाने पीने से जुड़ी जरूरी बातें-

हरियाली तीज का व्रत निर्जल रखा जाता है. ऐसे में सेहत का ध्यान रखना भी जरूरी है. इसलिए जरूरी है कि जब आप इतने लंबे समय तक निर्जल रहने के बाद कुछ खास बातों का ध्यान रखना होता है. ऐसा करने से आप स्वास्थ का भी ख्याल रख सकते हैं- 

- कुछ भी खाने से पहले एक गिलास पानी पी लें.

- ध्यान रखें कि निर्जल व्रत के तुरंत बाद हेवी भोजन न करें. घंटों तक खाली पेट रहने के बाद एकदम से पेट भरकर खाना पाचन से जुड़ी समस्या दे सकता है.

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- कुछ हेवी खाने से पहले कुछ तरल लें. आप चाहें तो नींबू पानी, छाछ, नारियल पानी या कोई फ्रूट जूस ले सकते हैं.

- लंबे समय तक निर्जल रहने के बाद पोष्टिक आहार लेना जरूरी है. कोशिश करें कि आप अपने आहार में प्रोटीन को शामिल करें.

- निर्जल व्रत के बाद दही खाना अच्छा विकल्प है.

- आप अपने आहार में फ्रूट चाट शामिल करें.

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