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दशहरा कब है, मुहूर्त और समय | Dussehra 2019: Date, Time and Muhurt
विजय मुहूर्त: 8 अक्टूबर दोपहर 01.42 से लेकर 02.29
दशमी तिथि की शुरुआत: दोपहर 12:39 (7 अक्तूबर)
दशमी तिथि की समाप्ति- 14:50 (8 अक्तूबर)
कैसे मनाते हैं दशहरा | How to Celebrate Dussehra
रेस्तरां में नवरात्रि स्पेशल फूड (Navratri 2018) और पूरी-चना-हलवे (Poori-Halwa and Chana) के साथ कंजक पूजन (Kanjak, kanya pujan) आदि का हर कोई बेसब्री से इंतजार करता है. पश्चिमी भारत में नवरात्रि को डांस फेस्टिवल के रूप में भी मनाया जाता है, गुजरात में गरबा (Garba) और महाराष्ट्र में डांडिया (Dandia). हाल के वर्षों में डांडिया फीवर देशभर में फैल चुका है, शायद बॉलीवुड फिल्मों में गरबा/डांडिया गाने-डांस ही इसका मुख्य कारण है.
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दशहरा का महत्व | Importance Of Dussehra
यह त्यौहार भगवान श्री राम की कहानी तो कहता ही है जिन्होंने लंका में 9 दिनों तक लगातार चले युद्ध के पश्चात अंहकारी रावण को मार गिराया और माता सीता को उसकी कैद से मुक्त करवाया. वहीं इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार भी किया था इसलिए भी इसे विजयदशमी के रुप में मनाया जाता है और मां दूर्गा की पूजा भी की जाती है. माना जाता है कि भगवान श्री राम ने भी मां दूर्गा की पूजा कर शक्ति का आह्वान किया था, भगवान श्री राम की परीक्षा लेते हुए पूजा के लिए रखे गये कमल के फूलों में से एक फूल को गायब कर दिया. चूंकि श्री राम को राजीवनयन यानि कमल से नेत्रों वाला कहा जाता था इसलिये उन्होंनें अपना एक नेत्र मां को अर्पण करने का निर्णय लिया ज्यों ही वे अपना नेत्र निकालने लगे देवी प्रसन्न होकर उनके समक्ष प्रकट हुई और विजयी होने का वरदान दिया. माना जाता है इसके पश्चात दशमी के दिन प्रभु श्री राम ने रावण का वध किया. भगवान राम की रावण पर और माता दुर्गा की महिषासुर पर जीत के इस त्यौहार को बुराई पर अच्छाई और अधर्म पर धर्म की विजय के रुप में देशभर में मनाया जाता है.
Dussehra 2019: दशहरा 8 अक्टूबर को है.
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क्यों मनाते हैं दशहरा या विजयादशमी | Dussehra or Vijayadashami - Why Do We Celebrate It?
दशहरा को विजयदशमीं (Vijayadashami) के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इसी दिन मां दुर्गा (Maa Durga) ने राक्षक महिषासुर का वध किया था. इसके अलावा इसी दिन राम की रावण पर भी जीत हुई थी. माना जाता है कि देवी दूर्गा ने नौ दिनों तक महिषासुर से लड़ाई की थी. दसवें दिन, जिसे दशमी (Dashmi) भी कहते हैं उन्हें विजय हासिल हुई थी.
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क्यों खाते हैं दशहरे के दिन जलेबी | Why do people eat jalebi on dussehra?
दशहरे पर जब भी आप कभी रावण दहन देखने गए होंगे तो देखा होगा कि आसपास जलेबी के बहुत से स्टॉल होते हैं. तो कभी आपने सोचा है कि दशहरे वाले दिन लोग जलेबी क्यों खाते हैं और रावण दहन के बाद जलेबी लेकर घर क्यों जाते हैं. कहते हैं कि राम को शश्कुली नामक मिठाई बहुत पसंद थी. जिसे आजकल जलेबी के नाम से जाना जाता है. इसलिए रावण पर विजय के बाद जलेबी खाकर खुशी मनाई जाती है. तो क्यों न इस बार दशहरे को थोड़ा और बेहतर तरीके से मनाया जाए और जलेबी को घर पर ही बनाया जाए. कैसे बना सकते हैं आप फटाफर स्वादिष्ट जलेबी हम आपको बताते हैं.
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Jalebi on Dussehra: दशहरे के दिन जलेबी की खूब खाई जाती है.
केसरी जलेबी रेसिपी : जलेबी एक ऐसी मिठाई है, जो भारत में काफी मशहूर है. सर्दियों के मौसम में खाने के बाद अगर गर्मागर्म जलेबी मिल जाए तो बस मजा ही आ जाता है. जलेबी केसरी या पीले रंग की एक पारंपरिक मिठाई है जिसे दशहरा, दिवाली या अन्य खास अवसरों पर भारतीय घरों में बनाया जाता है. यह खाने में कुरकुरी होती है जिसकी वजह से सिर्फ बड़े ही नहीं बल्कि बच्चे भी चाव से खाते हैं. अगर आप भी इस त्योहार के सीजन में घर पर जलेबी बनाना चाहते हैं तो हमारी यह रेसिपी आपके काम आ सकती है. आप जलेबी की रेसिपी यहां पढ़ सकते हैं.
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