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This Article is From Nov 20, 2020

Chhath Puja 2020 Prasad: छठ पूजा में भगवान सूर्य और छठ माता को इन फलों का भोग जरूर लगाएं

Chhath Puja 2020 Prasad: कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा का पर्व मनाया जाता है. 21 नवंबर शनिवार को उगते सूर्य को प्रात: कालीन अर्घ्‍य देने के साथ छठ पर्व का समापन होगा. माना जाता है कि केवल छठ ही एक ऐसा माहापर्व है जहां डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है.

Chhath Puja 2020 Prasad: छठ पूजा में भगवान सूर्य और छठ माता को इन फलों का भोग जरूर लगाएं
सूर्य उपासना का यह महापर्व काफी कठिन माना जाता है, क्योंकि इसमें व्रत करने वाले 36 घंटे का निर्जला व्रत रखते हैं.

Chhath Puja 2020 Prasad: कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा का पर्व मनाया जाता है. छठ के महापर्व को खासतौर पर बिहार, पूर्वी उत्तर प्रेदश और झारखंड में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. छठी मइया, के चार दिनों तक चलने वाले छठ महापर्व का आज तीसरा दिन है. आज शाम को सूर्यदेव को पहला अर्घ्य दिया जाएगा. 21 नवंबर शनिवार को उगते सूर्य को प्रात: कालीन अर्घ्‍य देने के साथ छठ पर्व का समापन होगा. माना जाता है कि केवल छठ ही एक ऐसा माहापर्व है जहां डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा हैं. उगते सूर्य को अर्ध्य देने की परंपरा तो आपको कई पूजाओं में देखने को मिल जाएगी. माना जाता है कि अर्घ्य देने से पहले बांस की टोकरी को फलों, चावल के लड्डू और पूजा के सामान से सजाया जाता है. इसमें बांस की दो तीन बड़ी टोकरी, बांस या पीतल के बने तीन सूप, लोटा, थाली, दूध और जल के लिए ग्लास, नए वस्त्र साड़ी-कुर्ता पजामा, चावल, लाल सिंदूर, धूप और बड़ा दीपक, पानी वाला नारियल, गन्ना जिसमें पत्ता लगा हो, सुथनी और शकरकंदी, हल्दी और अदरक का पौधा, नाशपाती, ठेकुआ, और बड़ा वाला मीठा नींबू, जिसे डाभ भी कहते हैं, शहद की डिब्बी, पान और साबुत सुपारी, कैराव, कपूर, कुमकुम, चन्दन, और कई तरह की मिठाई. इन सामग्रियों के साथ छठ की पूजा की जाती है. सूर्य उपासना का यह महापर्व काफी कठिन माना जाता है, क्योंकि इसमें व्रत करने वाले 36 घंटे का निर्जला व्रत रखते हैं, और सूर्य भगवान और उनकी बहन छठी मईया की उपसना करते हैं. मान्यता है कि ये व्रत संतान प्राप्ति और संतान की मंगलकामना के लिए रखा जाता है. तो चलिए हम आपको बताते हैं छठी मइया को प्रसन्न करने के लिए किन चीजों का करें अर्पण.

छठी मइया को लगाएं इन फलों का भोगः

1. नारियलः

पूजा में नारियल का अलग ही महत्व है. नारियल को शुद्ध फल माना जाता है, क्योंकि इसकी सतह बहुत सख्त होने के साथ यह ऊंचाई पर लगता है, जिसकी वजह से पशु-पक्षी इसे झूठा नहीं कर पाते हैं. नारियल को मां लक्ष्मी का प्रतीक भी माना जाता है. छठ पूजा में नारियल और पानी वाला नारियल छठी मां को चढ़या जाता है.

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नारियल को मां लक्ष्मी का प्रतीक भी माना जाता है.​

2. गन्नाः

छठ पूजा में गन्ना को पत्तों के साथ पूजा में चढ़ाया जाता है, मान्यता है कि छठी मइया को गन्ना बहुत प्रिय है. छठ पूजा में सूर्य को सबसे पहले नई फसल का प्रसाद चढ़ाया जाता है, इसलिए उन्हें गन्ने का अर्पण किया जाता है.

3. सुथनी फलः

सुथनी फल या शकरकंदी इश फल को बहुत ही शुद्ध माना जाता है. इसलिए इसे छठ पूजा के विशेष अवसर पर छठी मइया को इस फल का भोग अर्पित किया जाता है. 

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4. केलाः

केले के वृक्ष को बहुत ही पवित्र माना जाता है. छठी मैया की पूजा में केले को जरूरी माना जाता है. छठी मां को केले का पूरा गुच्छा चढ़ाया जाता है, फिर उस केले को प्रसाद के तैर पर बांटा जाता है.

5. सिंघाड़ाः

सिंधाड़े के फल को बहुत ही शुद्ध माना जाता है इसको पूजा और व्रत में इस्तेमाल किया जाता है. छठ में प्रसाद के तौर पर सिंघाड़े को छठी मइया को अर्पित किया जाता है. सिंघाड़ा पानी में पैदा होने वाला एक फल है.

6. डाभ नींबूः

प्रसाद के तौर पर छठी मइया को डाभ नींबू का अर्पण किया जाता है. इसका आकार सामान्य नींबू से बड़ा होता है. उपर से ये पीला और अंदर से लाल रंग का एक रसीला फल हैं. जो स्वाद में खट्टा मिठा होता है.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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